नई दिल्लीः नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ के बाद केंद्र सरकार और रेलवे प्रशासन ने देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण और यात्री सुरक्षा को लेकर अहम फैसले लिए हैं।
इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि रेलवे मंत्रालय ने 60 अधिक भीड़भाड़ वाले रेलवे स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग जोन बनाने की योजना तैयार की है, जिससे यात्रियों की भीड़ को सुव्यवस्थित किया जा सके। इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से भीड़ प्रबंधन और संकट नियंत्रण को अधिक प्रभावी बनाने पर काम किया जा रहा है।
शनिवार रात लगभग 10 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई, जब हजारों श्रद्धालु प्रयागराज में चल रहे महा कुंभ के लिए ट्रेन पकड़ने पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गलत ट्रेन घोषणाओं और प्लेटफॉर्म पर अत्यधिक भीड़ के कारण यात्री भ्रमित हो गए। यात्री बड़ी संख्या में प्लेटफॉर्म 16 की ओर बढ़ने लगे, जो एक सीढ़ी से जुड़ा हुआ था। यात्रियों की भारी भीड़ एक-दूसरे से टकराने लगी और पैनिक के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, नई दिल्ली स्टेशन पर सामान्य टिकटों की भारी बिक्री हो रही थी, जिससे यात्रियों की भीड़ और बढ़ गई। बताया जा रहा है कि हर घंटे 1,500 से अधिक सामान्य टिकटें बेची जा रही थीं, जिससे प्लेटफॉर्म पर अचानक भीड़ का दबाव बढ़ गया और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
60 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग जोन
इस हादसे के बाद रेलवे ने कुछ महत्वपूर्ण सुधारात्मक कदम उठाए हैं। रेल मंत्रालय ने 60 उच्च-भीड़ वाले रेलवे स्टेशनों पर होल्डिंग जोन विकसित करने का निर्णय लिया है, जिससे यात्रियों को सुव्यवस्थित तरीके से प्लेटफॉर्म पर प्रवेश करने में सहायता मिलेगी।
रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की गतिविधियों को ट्रैक करने और ट्रेन देरी के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए AI आधारित निगरानी प्रणाली लागू की जाएगी। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 200 से अधिक CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जो भीड़ की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। फुट ओवर ब्रिज और सीढ़ियों पर बैठने वाले यात्रियों को तुरंत हटाया जाएगा।
अब केवल प्लेटफॉर्म नंबर 16 से चलेंगी विशेष ट्रेनें
प्रयागराज जाने वाली सभी विशेष ट्रेनें अब केवल प्लेटफॉर्म 16 से चलाई जाएंगी। इसके अलावा, सभी यात्रियों को अजमेरी गेट साइड से प्रवेश और निकास करना होगा। सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय अधिकारियों और रेलवे कर्मियों को संकट प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। स्टेशन पर भीड़ को सुव्यवस्थित करने के लिए दिशात्मक संकेतक (arrows) और विभाजक (separators) लगाए जाएंगे।
रेल मंत्रालय ने इस भगदड़ की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है, जिसमें दो वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं। समिति CCTV फुटेज, यात्रियों के बयान और अन्य दस्तावेजों की गहन जांच कर रही है। रेलवे ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 1 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।
प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री पर रोक, सुरक्षा बढ़ाई गई
रेलवे ने 26 फरवरी तक नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकटों की काउंटर बिक्री पर रोक लगा दी है। हालांकि, स्टेशन पर लगी ऑटोमेटिक वेंडिंग मशीनों से प्लेटफॉर्म टिकट खरीदे जा सकते हैं।
अब स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है। पूरे स्टेशन परिसर में सुरक्षा बलों की कंपनियां तैनात की गई हैं, जबकि मेट्रो की सुरक्षा में लगी सीआईएसएफ की एक कंपनी को रेलवे सुरक्षा के लिए लगाया गया है।
पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की सुरक्षा में अर्धसैनिक बलों की आठ कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा, मेट्रो पुलिस की 80 जवानों की कंपनी, तीन इंस्पेक्टर और एक एसीपी मेट्रो भी तैनात किए गए हैं। रेलवे पुलिस और जीआरपी के अलग-अलग जवानों को भी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है।
प्रयागराज से जुड़े 35 प्रमुख रेलवे स्टेशनों की निगरानी केंद्रीय वॉर रूम से की जाएगी। 90% श्रद्धालु चार राज्यों के 300 किलोमीटर के दायरे से यात्रा करते हैं, जिससे इन स्टेशनों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। रेलवे प्रशासन कुलियों, दुकानदारों और यात्रियों से फीडबैक लेकर भीड़ प्रबंधन को और प्रभावी बनाने की योजना बना रहा है।