Table of Contents
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने जताया था एतराज
- जेईई मेन और एडवांस्ड के तर्ज भी नीट परीक्षा कराने की योजना
- सदस्यीय पैनल का हुआ गठन
- इस कारण नहीं होती थी नीट परीक्षा ऑनलाइन
- अब क्यों होने जा रही है परीक्षा ऑनलाइन
- एनएमसी लेगा अंतिम फैसला
- वरिष्ठ अधिकारी ने क्या कहा
- अलग-अलग प्रश्न पत्रों की कठिनाई के स्तर पर देने पड़ेगा अंक-अधिकारी
नई दिल्ली: केंद्र सरकार राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी-यूजी) को अगले साल से ऑनलाइन कराने पर विचार कर रही है। सरकार द्वारा इस पर विचार परीक्षा लीक और उसके बाद हो रहे विरोध प्रदर्शन, गिरफ्तारियां और जांच को देखते हुए किया जा रहा है।
फिलहाल नीट की परीक्षा कागज और कलम के जरिए होती है जिसमें छात्रों को अपने उत्तर एक ओएमआर शीट पर देना होता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जताया था एतराज
नीट की परीक्षा कराने वाली एजेंसी राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की देखरेख करने वाले स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे पहले ऑनलाइन नीट की परीक्षा कराने पर एतराज जताया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पहले एतराज जताने के बावजूद अब परीक्षा को ऑनलाइन कराने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है और इसे लेकर अभी विचार की जा रही है।
जेईई मेन और एडवांस्ड के तर्ज भी नीट परीक्षा कराने की योजना
बता दें कि जेईई मेन और एडवांस्ड जैसी अन्य प्रमुख परीक्षाएं ऑनलाइन ही होती हैं। ऐसे में नीट यूजी परीक्षा को लेकर हो रहे विवादों को देखते हुए जेईई मेन और एडवांस्ड की तरह इसे भी ऑनलाइन कराने की योजना बनाई जा रही है।
सदस्यीय पैनल का हुआ गठन
इस सिलसिले में पिछले हफ्ते कम से कम तीन उच्च स्तरीय बैठकें हुई हैं जिसमें नीट परीक्षा को लेकर चर्चा की गई है। 22 जून को केंद्र सरकार ने डेटा सुरक्षा जैसे अन्य मुद्दों में सुधारों के लिए इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. राधाकृष्णन के नेतृत्व में सात सदस्यीय पैनल का गठन किया गया है।
इस कारण नहीं होती थी नीट परीक्षा ऑनलाइन
साल 2018 में पूर्व शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह ऐलान किया था नीट 2019 की परीक्षा ऑनलाइन होगी और इसे साल में दो बार आयोजित किया जाएगा। लेकिन उस समय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि आर्थिक रूप से कमजोर और ग्रामीण इलाकों के छात्रों को ऑनलाइन परीक्षा देने में दिक्कत हो सकती है।
ऐसे में नीट की ऑनलाइन परीक्षा को रद्द कर दिया गया था और ऑफलाइन ही परीक्षा हो रही थी।
अब क्यों होने जा रही है परीक्षा ऑनलाइन
पहले जब स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऑनलाइन नीट की परीक्षा पर आपत्ति जताई थी तब से परीक्षा ऑफलाइन ही हो रही थी। लेकिन हाल में नीट पेपर लीक और उसके बाद विरोध प्रदर्शन को देखते हुए परीक्षा को ऑनलाइन कराने पर विचार किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पहले जताई गई आपत्ति पर एक अधिकारी ने तर्क दिया है कि जिस तरीके से जेईई मेन और एडवांस्ड की परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जाती है और इसमें ग्रामीण छात्र भी हिस्सा लेते हैं। उन्हें इन परीक्षा से कोई भी दिक्कत नहीं होती है।
एनएमसी लेगा अंतिम फैसला
ऐसे में उसी तरीके से जेईई मेन और एडवांस्ड के तर्ज पर नीट परीक्षा भी होनी चाहिए और इससे आर्थिक रूप से कमजोर और ग्रामीण इलाकों में रह रहे छात्रों को कोई परेशानी नहीं होगी। हालांकि नीट के ऑनलाइन परीक्षा पर अंतिम फैसला अंतिम निर्णय राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्व्रारा लिया जाएगा।
वरिष्ठ अधिकारी ने क्या कहा
इस साल 24 लाख उम्मीदवारों ने नीट यूजी परीक्षा में हिस्सा लिया था। ऐसे में अगर ऑनलाइन परीक्षा होती है तो इसे अलग-अलग दिनों में और कई शिफ्टों में आयोजित कराने की जरूरत पड़ सकती है।
यही नहीं हर परीक्षा के लिए अलग-अलग प्रश्न पत्र भी तैयार करने होंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें जेईई मेन की तरह नीट के लिए भी कई दिनों और कई शिफ्टों में अलग-अलग प्रश्न पत्रों को तैयार करना होगा।
अलग-अलग प्रश्न पत्रों की कठिनाई के स्तर पर देने पड़ेगा अंक-अधिकारी
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, नीट परीक्षा के परिणाम को तैयार करने के लिए हमें अलग-अलग प्रश्न पत्रों की कठिनाई के स्तर को भी ध्यान में रखना होगा और उस हिसाब से अंक देना होगा। अधिकारी ने कहा कि वे नीट परीक्षा के लिए कभी भी ऐसा नहीं किए हैं लेकिन नीट की ऑनलाइन परीक्षा शुरू होने के बाद उन्हें ऐसा करना होगा।