नई दिल्लीः नीट यूजी 2024 के लिए काउंसलिंग को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। नीट काउंसलिंग 6 जुलाई (शनिवार) को होने वाला था। हालांकि, मेडिकल काउंसिल कमेटी (एमसीसी) ने नीट-यूजी काउंसलिंग 2024 के लिए विस्तृत अधिसूचना और कार्यक्रम शनिवार साझा नहीं किया।
नीट में धांधली का मामला सामने आने के बाद से ही अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने और काउंसलिंग पर रोक की मांग कर रहे थे। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं भी दायर की गई थी लेकिन शीर्ष अदालत ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि काउंसलिंग ओपन एंड शट नहीं होती। यह एक प्रक्रिया है।
8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
काउंसलिंग की नई तिथि अभी घोषित नहीं की गई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, परीक्षा प्राधिकारी मामले में अदालत की सुनवाई का इंतजार करना चाहते हैं, जो 8 जुलाई को होने वाली है।
कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना
घोषणा के कुछ ही देर बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा नेताओं के हाथों में लाखों छात्रों का भविष्य असुरक्षित है। एक्स पर एक पोस्ट में जयराम रमेश ने कहा कि नीट का पूरा मामला दिन-ब-दिन बदतर होता जा रहा है। नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और उनके बायोलॉजिकल शिक्षा मंत्री अपनी अक्षमता और असंवेदनशीलता के और भी प्रूफ दे रहे हैं। हमारे लाखों युवाओं का भविष्य उनके हाथों में बिल्कुल असुरक्षित है।
नीट पेपर लीक की बात से केंद्र ने किया इनकार
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा में गोपनीयता के बड़े पैमाने पर भंग का कोई सबूत नहीं मिलने पर पूरी परीक्षा को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि 5 मई को हुई नीट-यूजी परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने से उन लाखों ईमानदार छात्रों को “गंभीर खतरा” होगा।
केंद्र ने शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित याचिकाओं के एक समूह पर हलफनामा दायर किया है, जिसमें नीट-यूजी 2024 के परिणामों को वापस लेने और परीक्षा को दोबारा आयोजित करने का निर्देश देने की मांग की गई है। इसमें पेपर लीक और परीक्षा में कदाचार का आरोप लगाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई को इस मामले की सुनवाई करेगा। याचिकाओं के जवाब में, मंत्रालय ने कहा कि परीक्षा रद्द करने और “अनुमान” और “अंदाजे” के आधार पर फिर से परीक्षा कराने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया जाना चाहिए।
मंत्रालय ने शीर्ष अदालत को यह भी बताया कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा परीक्षाओं के प्रभावी, सुचारू और पारदर्शी संचालन के लिए उपाय सुझाने के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
इस बीच, एनटीए ने भी नीट-यूजी परीक्षा रद्द करने का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है और कहा है कि कथित कदाचार केवल पटना और गोधरा केंद्रों में हुआ था और पूरे परीक्षा को व्यक्तिगत घटनाओं के आधार पर रद्द नहीं किया जाना चाहिए।