नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फिर से नीट काउंसलिंग की प्रक्रिया पर रोक लगाने से फिर इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि काउंसलिंग ओपन एंड शट नहीं होती। यह एक प्रक्रिया है। अदालत ने एनटीए को इस संबंध में नोटिस जारी किया और नई याचिकाओं को लंबित याचिकाओं के साथ टैग कर दिया। मामले में 8 जुलाई को सुनवाई होगी।
शीर्ष अदालत ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को नीट परीक्षा दोबारा कराने और 773 उम्मीदवारों के बिना ग्रेस मार्क्स फेल होने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में नीट परीक्षा को रद्द करने और 6 जुलाई से शुरू हो रहे काउंसलिंग को दो दिनों के लिए आगे बढ़ाने की मांग की गई थी। इसपर शीर्ष अदालत ने कहा कि काउंसलिंग एक प्रक्रिया है और इसपर रोक नहीं लगाई जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने फिर से NEET-UG 2024 काउंसलिंग की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को नोटिस जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट ने नई याचिकाओं को लंबित याचिकाओं के साथ टैग कर दिया और उन्हें 8 जुलाई को सुनवाई के लिए आगे बढ़ाया। pic.twitter.com/lukTDqYpWA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 21, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 6 जुलाई से केवल काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। एक सप्ताह बाद भी उम्मीदवारों के पास संसोधन का विकल्प होगा।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और एसवीएन भट्टी की एक अवकाश पीठ ने एनटीए द्वारा दायर चार स्थानांतरण याचिकाओं और इसी तरह की शिकायतों को उठाने वाली 11 अन्य याचिकाओं पर नोटिस जारी किया। मामले को उसी मुद्दे पर लंबित मामलों के एक बैच के साथ 8 जुलाई को सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया।
पिछले हफ्ते, अदालत ने परामर्श पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, यह देखते हुए कि मामूली लापरवाही से भी पूरी तरह से निपटने की जरूरत है। 20 जून को भी शीर्ष अदालत ने सुनवाई को दौरान काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। मामले में सीबीआई जांच की मांग को भी खारिज कर दिया था। अवकाश पीठ ने कहा था कि अगर नीट परीक्षा रद्द होगी तो काउंसलिंग भी रद्द हो जाएगी। गौरतलब है कि मामले में पहली सुनवाई 10 जून को हुई थी और शीर्ष अदालत ने नीट काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
यूजीसी नेट पेपर लीक मामले में CBI ने दर्ज किया केस
उधर, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर सीबीआई ने यूजीसी नेट पेपर लीक मामले में केस दर्ज कर लिया है। अब केंद्रीय एजेंसी कथित धांधली की जांच करेगी। धांधली का मामला सामने आने पर 18 जून को हुई परीक्षा 19 जून को रद्द कर दी गई थी। शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि यूजीसी नेट प्रश्नपत्र लीक, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की संस्थागत विफलता है।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में बदलवा करने जा रही सरकार
सरकार, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में आमूलचूल बदलाव करने भी जा रही है। पेपर लीक की समस्या से जूझ रहे एनटीए को नया रूप दिया जाएगा। इसके लिए एक हाई लेवल कमेटी गठित की जा रही है। यह कमेटी एनटीए को बेहतर बनाने के लिए सरकार को अपनी सिफारिशें देगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक एनटीए के स्ट्रक्चर, एनटीए की फंक्शनिंग, परीक्षा प्रक्रिया, पारदर्शिता, डाटा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को बेहतर करने के लिए यह उच्च स्तरीय कमेटी शिक्षा मंत्रालय को अपनी सिफारिश देगी।
क्यों किया गया परीक्षा रद्द?
शिक्षा मंत्री ने यूजीसी नेट को लेकर बताया कि डार्क नेट में इसके प्रश्न आ गए थे। उन प्रश्नों को असली प्रश्न पत्र के साथ टैली करवाया गया तो दोनों में समानता पाया गया। इसके बाद पेपर रद्द करने का फैसला लिया गया। वहीं, नीट को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि नीट में जो लाखों में मेधावी विद्यार्थी बहुत मेहनत से परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफल हुए हैं, उनके हितों का भी हमने ध्यान रखना है। उन्होंने नीट मामले में पटना पुलिस के कार्य की सराहना की और कहा कि कुछ जानकारी अभी आनी बाकी है।
शिक्षा मंत्री ने नैतिक जिम्मेदारी ली, पटना पुलिस की जांच की सराहना की
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम पटना पुलिस की जांच से संतुष्ट हैं। पटना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बातचीत हो रही है। इस विषय में बिहार पुलिस कुछ और अनुसंधान कर रही है। इस मुद्दे पर धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष से राजनीति नहीं करने का अनुरोध किया है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वह मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं। इस पूरे चक्र में जो भी जिम्मेदार होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। शिक्षा मंत्री ने सभी छात्रों से अनुरोध करते हुए कहा कि किसी प्रकार की अफवाह में मत जाइए। सभी तथ्य सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हैं।
नीट में टॉपर्स की क्यों बढ़ी संख्या?
नीट में टॉपर्स की संख्या पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कोविड के दौरान एनसीईआरटी और सीबीएसई ने अपने सिलेबस को कम किया था। नीट इस घटाए गए सिलेबस के आधार पर हुई थी। उन्होंने कहा कि देशभर के सारे बोर्ड्स को ध्यान में रखते हुए 12वीं स्टैंडर्ड के प्रश्न आए। इसके कारण भी नीट में एंट्री बढ़ी है और रैंक में थोड़ा नयापन दिख रहा है। एनटीए में सुधार को लेकर बनाई जा रही उच्च स्तरीय कमेटी में टेक्नोक्रेट, साइंटिस्ट, एजुकेशनल एडमिनिस्ट्रेटर, शिक्षाविद्, साइकोलॉजिस्ट और इस प्रकार के बैकग्राउंड वाले लोगों को रखा जाएगा। इन एक्सपर्ट्स की सिफारिशों के आधार पर एनटीए में सुधार किए जाएंगे।
‘नीट रद्द किए जाने की कोई मंशा नहीं’
शिक्षा मंत्री का कहना है कि जल्द ही इस कमेटी को नोटिफाई किया जाएगा। नीट रद्द किए जाने की कोई मंशा नहीं है। जो ग्रामीण गरीब मेधावी विद्यार्थी नीट में अच्छे नंबरों के साथ अच्छी रैंक में खड़े हैं, आइसोलेटेड घटना के लिए उनके करियर को होस्टेज में न रखा जाए। सरकार किसी भी सुधार के लिए तैयार है। किसी भी गुनहगार को नहीं छोड़ा जाएगा। सरकार छात्रों के हितों को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। पारदर्शिता के साथ हम कोई समझौता नहीं करेंगे, विद्यार्थियों का भविष्य ही हमारी प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि नीट के संबंध में बिहार सरकार के साथ हम लोग लगातार संपर्क में हैं। पटना से हमारे पास जानकारी भी आ रही है। पटना पुलिस इस मामले में तह तक जा रही है, उनके पास कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आई है। पटना पुलिस यह जानकारी भारत सरकार को भेजेगी। प्राथमिक जानकारी के अनुसार कुछ खास क्षेत्रों में कुछ खामियां हैं। पुख्ता जानकारी आने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एनटीए हो या फिर कोई अन्य, दोषी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
एक दिन पहले मिल गया था प्रश्न पत्र
पेपर लीक मामले में आरोपियों का कबूलनामा सामने आया है। कहा गया है कि परीक्षा से एक दिन पहले ही उन्हें प्रश्नपत्र मिल गया था और परीक्षा में जो प्रश्नपत्र मिले थे, वही पेपर उन्हें एक दिन पहले मिल गए। नीट परीक्षार्थी अनुराग यादव ने साफ कहा कि उसके फूफा सिकंदर प्रसाद यादवेंदु ने ही उसे कोटा से पटना बुलाया था और कहा था कि परीक्षा में सब सेटिंग हो चुकी है। इसके बाद पटना के एक रेस्ट हाउस में अमित आनंद और नीतीश कुमार के पास मुझे छोड़ दिया। इन लोगों ने मुझे नीट परीक्षा का प्रश्न पत्र एवं उत्तर पुस्तिका दी। रात भर में पेपर रटवाया गया।
सिकंदर यादवेंदु ही अनुराग के फूफा हैं। इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है।
आरोपी अमित आनंद का कहना है कि उसकी दोस्ती सिकंदर से है। बातचीत के क्रम में सिकंदर द्वारा बताया गया कि मेरे पास भी लड़का है, जिसे आप परीक्षा में पास करा दीजिए, जो नीट की तैयारी कर रहा है। उसे पास करा देना है। इसके बदले में बताया कि 30-32 लाख रुपए लगेंगे, जिसके लिए भी वह तैयार हो गया। सभी को बुलाकर रात में प्रश्न पत्र का उत्तर रटवाया गया।
उसने कबूलनामा में बताया कि सिकंदर के पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर हम लोग भी पकड़े गए।
नीतीश कुमार ने भी स्वीकार किया कि सिकंदर से दोस्ती थी। उसने यह भी बताया कि बीपीएससी की परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक कराने एवं कदाचार के आरोप में जेल गया हूं। आरोपी सिकंदर यादवेन्दु ने स्वीकार किया कि उसकी दोस्ती अमित आनंद और नीतीश कुमार से नगर परिषद कार्यालय में हुई। दोनों से कार्यालय में मुलाकात के बाद काफी देर तक अपनी-अपनी बात साझा करते रहे।
उसने बताया इसी बीच मुझे अमित आनंद और नीतीश कुमार द्वारा बताया गया कि मैं किसी भी परीक्षा, प्रतियोगिता में प्रश्न पत्र आउट कराकर बच्चों को पास करा देता हूं। उसने कहा कि जब मैंने नीट परीक्षा के विषय में बताया तो वो 30-32 लाख रुपये में ऐसा करने में सहमत हो गया। इसके बाद रामकृष्णा नगर में जाकर पेपर दिया तथा अमित आनंद एवं नीतीश कुमार द्वारा प्रश्न पत्र लाकर उत्तर सहित सभी को रटवाया गया ताकि परीक्षा में सफल हो सके।
उसने बताया, इस बीच मैं भी लोभ लालच से प्रत्येक लड़के से 40-40 लाख रुपये की बात की। इसी दौरान बेली रोड पर वाहन चेकिंग के दौरान शास्त्री नगर थाना के पुलिस द्वारा मुझे दूसरे लड़कों के एडमिट कार्ड के साथ पकड़ लिया गया।
IANS इनपुट के साथ