दिल्ली: राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) के नतीजे आने के बाद इसे लेकर विवाद मचा हुआ है। रिजल्ट में बढ़े हुए अंक सहित कुछ और ऐसी बातें हैं जिसने विवाद और बहस को जन्म दे दिया है। चुनावी नतीजों के दिन ही 4 जून को एनईईटी-यूजी के परिणाम जारी हुए। जिस तरह के नतीजे आए हैं, उसने पेपर लिक सहित कई तरह के संदेह पैदा कर दिए हैं। खासकर इस साल बढ़े हुए अंकों ने कई मेडिकल उम्मीदवारों को हैरान कर दिया है। इनका मानना है कि ऐसे नतीजे के बाद मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेना और कठिन हो जाएगा। 23 लाख से ज्यादा छात्रों ने यह परीक्षा दी थी।
NEET-UG Result: क्यों है विवाद? रिजल्ट क्यों हैरान कर रहे हैं?
जारी किए गए रिजल्ट के अनुसार 67 छात्रों ने अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) में पहला स्थान हासिल किया है। इनके 99.997129 पर्सेंटाइल यानी 720 में पूरे 720 नंबर मिले हैं। इन टॉपर्स में भी करीब छह अभ्यर्थी एक ही केंद्र से परीक्षा में शामिल हुए थे। साल 2024 परीक्षा के लिए 720 में से योग्य उम्मीदवारों का औसत अंक 323.55 हैं।
एक सवाल यह भी उठ रहा है कि कुछ उम्मीदवारों को 718 या 719 अंक कैसे मिल गए। दरअसल, नीट-यूजी परीक्षा ता पेपर 720 अंकों का होता है। एक सवाल को सही हल करने पर 4 अंक और गलत होने पर एक नंबर की निगेटिव मार्किंग होती है। ऐसे में अगर किसी ने सभी सवाल सही तरीके से हल किए हैं तो उसे 720 अंक मिलेंगे। वहीं, अगर किसी ने कोई एक सवाल छोड़ दिया या फिर गलत जवाब दिया तो 715 अंक मिलने चाहिए। ऐसे में 718 या 719 अंक कैसे मिले, इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं।
विवाद को लेकर एनटीए ने क्या कहा है?
विवाद को लेकर परीक्षा आयोजित कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने कहा है कि कुछ उम्मीदवारों के समय की हानि होने की वजह से उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं। बताया गया कि कुछ परीक्षा केंद्र पर कई उम्मीदवारों को देर से पेपर मिला था जिसकी शिकायत की आई थी। एनटीए ने कहा कि लगभग 1563 उम्मीदवारों को समय की हानि के लिए अतिरिक्त नंबर दिए गए। ऐसे उम्मीदवारों को दिए गए संशोधित अंक की वजह से नंबर में भिन्नता हो सकती है। इनमें से दो अभ्यर्थियों का स्कोर इसी ग्रेस मार्क्स की वजह से 718 और 719 है।
Regarding queries of candidates on NEET (UG) 2024 Result declared on 04 June 2024 pic.twitter.com/F3Hu7aMtwb
— National Testing Agency (@NTA_Exams) June 6, 2024
67 टॉपर्स को लेकर भी एनटीए ने जवाब दिया है। एनटीए के अनुसार फिजिक्स के एक सवाल के दो जवाब को लेकर उलझन थी। एनसीईआरटी की पुरानी किताब में एक जवाब सही बताया गया था जबकि नई किताब में दूसरे जवाब को सही बताया गया है। ऐसे में एनटीए ने दोनों तरह के जवाब देने वाले छात्रों को पूरे नंबर दिए हैं। ऐसा करने से 44 और छात्रों को पूरे नंबर मिले हैं। वहीं छह ऐसे हैं जिन्हें समय की बर्बादी होने की वजह से ग्रेस मार्क्स दिए गए। इस वजह से टॉपर्स की संख्या बढ़ गई है। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि कितने ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं। नीट-यूजी की यह परीक्षा 5 मई को 571 शहरों में 4750 केंद्रों पर आयोजित कराई गई थी। इसमें 14 विदेश में परीक्षा केंद्र भी शामिल थे।
रिजल्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कई अभ्यर्थी
एनटीए की सफाई के बावजू रिजल्ट पर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच उम्मीदवारों का एक ग्रुप मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिका में NEET-UG 2024 की परीक्षा फिर से कराने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि उनके संज्ञान में परीक्षा से जुड़े पेपर लीक की बात आई है।
गौरतलब है कि 5 मई की परीक्षा के बाद बिहार और गुजरात से कुछ गिरफ्तारियों की खबरें भी आई थीं। मीडिया में ऐसी भी खबरें आई थी कि बिहार में मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने तब दावा किया था परीक्षा से एक दिन पहले ही परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र मिल गया था। करीब 20 परीक्षार्थियों तक प्रश्न पत्र सहित जवाब भी पहुंच गए थे। दूसरी तरफ गुजरात में नीट-यूजी परीक्षा में कथित तौर पर छह परीक्षार्थियों से प्रश्न पत्र हल कराने के बदले 10-10 लाख रुपये लेने के आरोप में गिरफ्तारी की भी बात सामने आई थी।
कांग्रेस उठा रही है सवाल
दूसरी ओर कांग्रेस ने मेडिकल परीक्षा नीट के आयोजन और रिजल्ट पर प्रश्न उठाए हैं। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि आखिर कैसे एक साथ 67 टॉपर को नीट परीक्षा में 720 में से पूरे 720 अंक मिल गए। इसके अलावा कांग्रेस ने यह भी प्रश्न उठाया है कि एक ही सेंटर के 8 बच्चे कैसे 720 में से 720 अंक हासिल कर टॉपर बन गए। पार्टी ने अब इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच की मांग की है।
कांग्रेस का यह भी कहना है कि जब परीक्षा में हर सवाल 4 नंबर का था तो फिर छात्रों के 718-719 नंबर कैसे आए। कांग्रेस ने नीट परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने का आरोप लगाया और कहा परिणाम में 67 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलना बड़ा संदेह पैदा करता है।
कांग्रेस मुख्यालय में इस विषय पर पार्टी नेता कन्हैया कुमार ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने जो सफाई दी है वह बहुत अजीब है। कन्हैया के मुताबिक एनटीए का कहना है कि उन्होंने कई छात्रों को ग्रेस अंक दिए, जिसकी वजह से उनका स्कोर 720 पहुंच गया। 67 टॉपर आए हैं। इसका मतलब यह है कि देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान एम्स में भी टॉपर्स को दाखिला नहीं मिल पाएगा। यहां केवल 50-60 छात्रों को दाखिला मिल पाता है।
कांग्रेस ने घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में लाखों परीक्षार्थियों के साथ घोटाला पूरी तरह से अस्वीकार्य और अक्षम्य है। यह देश के लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ है, जिसकी सर्वोच्च न्यायालय की देखरेख में उच्च स्तरीय जांच तुरंत होनी चाहिए।