नई दिल्ली: नीट पेपर लीक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि एक चीज साफ है कि पेपर लीक हुआ है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, ‘एक बात स्पष्ट है…प्रश्न लीक हो गए थे। परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया है…इसमें कोई संदेह नहीं है। अब हमें यह देखना है कि पेपप लीक किस हद तक हुआ है।’ उन्होंने कहा, ‘दोबारा परीक्षा आयोजित कराने का आदेश देते समय हमें सावधानी बरतनी होगी। हम लाखों छात्रों के करियर से निपट रहे हैं।’
पूरे मामले की अगली सुनवाई अब गुरुवार (11 जुलाई) को होगी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये भी कहा कि मामले में कुछ खास परिस्थितिया हैं। कोर्ट ने कहा, ‘अगर लीक की टाइम और परीक्षा के बीच के समय में कुछ अंतराल है तो दोबारा परीक्षा पर बहस होगी। अगर छात्रों को परीक्षा की सुबह में लीक हुए प्रश्न याद करने को कहे गए होंगे तो संभव है कि लीक हुए प्रश्न ज्यादा नहीं फैले होंगे। आप इसलिए रद्द न कर सकते क्योंकि कुछ छात्रों ने नकल की है। हमें सावधान रहना चाहिए…।’
रिटेस्ट हमारे लिए आखिरी विकल्प: सुप्रीम कोर्ट
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने कहा कि जब तक जरूरी नहीं लगता है वह फिर से परीक्षा कराने का आदेश नहीं देना चाहेगी। अदालत ने कहा कि अगर वह आदेश देती है तो लगभग 24 लाख छात्रों के लिए फिर से परीक्षा देना होगा, जिनमें से कई गरीब परिवारों से आते हैं और परीक्षा केंद्रों तक फिर यात्रा करने के लिए पैसे खर्च करने में असमर्थ हैं। कोर्ट ने कहा कि इसलिए रिटेस्ट ‘आखिरी विकल्प’ है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोबारा परीक्षा का आदेश तभी दिया जा सकता है जब प्रश्नों के लीक होने और परीक्षा शुरू के बीच पर्याप्त गैम नजर आता हो। हालांकि, कोर्ट ने साफ नहीं किया कि यह गैप का समय कितना हो सकता है। कोर्ट ने कहा, ‘या यदि हम उन उम्मीदवारों की पहचान नहीं कर पाते जिन्होंने गलत काम किया है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा।’
सीबीआई जांच की स्टेटस रिपोर्ट बताए: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG पेपर लीक मामले पर केंद्र और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से उसके समक्ष रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। शीर्ष अदालत ने सीबीआई को मामले की अब तक की जांच पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए, केंद्र और सीबीआई को बुधवार शाम 5 बजे तक अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा।
Supreme Court asks Centre and National Testing Agency (#NTA) to file a report before it on NEET UG paper leak case.
Top court also directs CBI to file a status report on its investigation into the case so far. The apex court asks the NTA, Centre and CBI to submit their reports… pic.twitter.com/29JZTotB33
— All India Radio News (@airnewsalerts) July 8, 2024
कोर्ट ने एक समिति गठित करने का भी सुझाव दिया, जो विशेष तौर पर पेपर लीक को लेकर जांच करे। इस मामले में पहले से ही सीबीआई और पुलिस की जांच चल रही है। सीबीआई की जांच कई राज्यों तक फैली हुई है और पहले ही मामले से जुड़े व्यक्तियों से पूछताछ और कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
इस बीच अदालत ने सरकार को किसी गड़बड़ी से ‘इनकार’ के मोड में रहने के लिए फटकार भी लगाई। कोर्ट ने कहा कि उसे (केंद्र सरकार) लीक हुई परीक्षा के लिए भुगतान करने वाले उम्मीदवारों और प्रश्नपत्र की आपूर्ति करने वालों से निपटने में ‘निर्मम’ रवैया अपनाना चाहिए।
मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की इस पीठ में चीफ जस्टिस के साथ-साथ जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। कोर्ट ने कहा, ‘जो कुछ हुआ, उसके बारे में हमें डिनायल मोड में नहीं करना चाहिए।’ कोर्ट ने आगे कहा, ‘मान लें कि हम परीक्षा रद्द नहीं करते हैं, तो सरकार इस लीक से लाभ उठाने वालों की पहचान करने के लिए क्या करेगी? आपको निर्मम होना होगा…पूरे प्रक्रिया में कुछ भरोसे की भावना लाएँ।’
केंद्र परीक्षा रद्द करने का कर चुकी है विरोध
इससे पहले केंद्र ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में नीट-यूजी परीक्षा रद्द करने का विरोध किया था। साथ ही कहा था कि पूरी परीक्षा रद्द करने से उन लाखों ईमानदार स्टूडेंट को नुकसान होगा, जिन्होंने इस वर्ष 5 मई को आयोजित परीक्षा में हिस्सा लिया था।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया था, ‘अखिल भारतीय परीक्षा में किसी बड़ी गड़बड़ी के सबूत के अभाव में पूरी परीक्षा और पहले से घोषित परिणाम को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा। बड़ी संख्या में छात्रों के हितों को भी खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए, जिन्होंने बिना किसी कथित अनुचित साधन को अपनाए परीक्षा दी है।’
हलफनामे में कहा गया है कि धोखाधड़ी और कदाचार समेत अनियमितताओं के कथित मामलों के संबंध में सीबीआई जांच कर रही है। सीबीआई ने विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों को अपने हाथ में ले लिया है।
केंद्र ने कहा कि वह सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यदि कुछ आपराधिक तत्वों के इशारे पर प्रतियोगी परीक्षा की गोपनीयता भंग की गई है, तो उनके साथ सख्ती से निपटा जाना चाहिए।