नीट पेपर लीक मामले में अबतक कितनों की हुई गिरफ्तारी, बिहार पुलिस ने सौंपी जांच रिपोर्ट

केंद्र सरकार ने शनिवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी। वहीं शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं के पारदर्शी और कदाचार मुक्त आयोजन के लिए सुझाव को लेकर एक समिति का गठन भी किया है।

एडिट
How many people have been arrested so far in the NEET paper leak case, Bihar Police submitted the investigation report.

How many people have been arrested so far in the NEET paper leak case, Bihar Police submitted the investigation report.

नई दिल्लीः नीट पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बीच बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने अपनी जांच रिपोर्ट और सबूत नई दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी है। इस जांच रिपोर्ट में क्या है, अभी तक सामने नहीं आया है। लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इसमें आरोपियों की गिरफ्तारी, उनके बयान और छापेमारी में बरामद साक्ष्यों की जानकारी दी गई है।

पिछले हफ्ते मंत्रालय ने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से रिपोर्ट मांगी थी। शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि यूजीसी नेट प्रश्नपत्र लीक, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की संस्थागत विफलता है।  शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि किसी भी अनियमितता में शामिल या जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

नीट पेपर लीक में कितनों की हुई गिरफ्तारी?

नीट पेपर लीक मामले के तार बिहार, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र , गुजरात, और उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए हैं। बिहार की आर्थिक और साइबर अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने बिहार से मुख्य संदिग्ध सिकंदर यादवेंदु सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। जबकि झारखंड से 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं महाराष्ट्र एटीएस ने भी लातूर से दो शिक्षकों संजय जाधव और जलील पठान को गिरफ्तार किया है। दोनों निजी कोचिंग सेंटर चलाते हैं। मामले में पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा नीट परीक्षा में कथित कदाचार के लिए गुजरात से भी 5 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं।

उधर, नीट पर्चे को सेंटर से बाहर हल करने के मामले में रांची और पटना के मेडिकल कॉलेज के 10 पीजी डॉक्टरों की तलाश की जा रही है। पुलिस मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों के कॉल रिकॉर्ड का भी विश्लेषण कर रही है और उसके आधार पर और लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। खबरों की मानें तो बिहार में गिरफ्तार आरोपियों का नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग परीक्षण कराया जा सकता है।

सीबीआई ने यूपी के कुशीनगर में की छापेमारी

केंद्र सरकार ने शनिवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी। मामले में सीबीआई ने कार्रवाई तेज करते हुए यूपी के कुशीनगर में पडरौना कोतवाली क्षेत्र के शिधुआं मिश्रौली गांव में छापे मारे। नीट की तैयारी कर रहे गांव के रहने वाले निखिल सोनी को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है।

ईडी भी करेगी जांच?

इस बीच खबर है कि कथित अनियमितताओं के मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच कर ईडी कर सकती है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ईओयू के अधिकारियों ने शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और अन्य संबंधित शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपनी जांच के आधार पर मामले के कुछ तथ्यात्मक पहलुओं पर चर्चा की।

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मई में नीट में कथित अनियमितताओं के मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच कर सकता है। ईडी इस मामले की जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कर सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ईडी से अपराध की आय की पहचान करने और आरोपी या संदिग्धों की संपत्तियों को कुर्क करने की कार्यवाही शुरू करने की उम्मीद है।

शिक्षा मंत्रालय ने पैनल का गठन किया

शिक्षा मंत्रालय ने एजेंसी के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए पूर्व इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय पैनल का गठन भी किया है। इस पैनल में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति बी जे राव और आईआईटी मद्रास में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस के राममूर्ति शामिल हैं।

पीपुल्स स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत बोर्ड के सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली के छात्र मामलों के डीन आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल भी इसके सदस्यों में शामिल हैं। समिति का उद्देश्य एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं के पारदर्शी और कदाचार मुक्त आयोजन के लिए सुझाव देना है। इसके लिए वह परीक्षा की प्रक्रिया का शुरू से लेकर अंत तक विश्लेषण करेगी और तंत्र में सुधार के लिए सुझाव देगी जिससे किसी संभावित लीकेज को टाला जा सके। यह समिति दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

एनटीए प्रमुख सुबोध कुमार को पद से हटाया गया

वहीं नीट और नेट पेपर लीक मामले को लेकर उठे विवाद के बीच शनिवार रात शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के डीजी सुबोध कुमार उनके पद से हटा दिया और कर्नाटक कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी  प्रदीप सिंह खरोला को नया महानिदेशक नियुक्त किया गया है। एनटीए एक स्वायत्त निकाय है, जिसे उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए विभिन्न प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने का काम सौंपा गया है। एनटीए एनईईटी, जेईई, सीटीईटी, गेट, जीपीएटी, जीमैट, कैट, यूजीसी-नेट और सीएसआईआर-यूजीसी नेट जैसी परीक्षाएं आयोजित करता है।

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कानून लागू

केंद्र सरकार ने शनिवार को ही प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार व अनियमितताओं पर लगाम लगाने के उद्देश्य से कानून लागू किया। कानून के मुताबिक, एक समूह बनाकर किये गये कदाचार के लिए कम से कम पांच साल और अधिकतम 10 साल की कैद हो सकती है। इसके लिए न्यूनतम एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

इस कानून के दायरे में केंद्रीय एजेंसियों संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे भर्ती बोर्ड, आईबीपीएस और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित परीक्षाओं के अलावा केंद्र सरकार के किसी भी मंत्रालय या विभाग, और उनके अधीनस्थ या संबद्ध कार्यालयों द्वारा कर्मचारियों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षाएं शामिल हैं।

कानून के तहत पेपर लीक, उत्तर पत्र या ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़, परीक्षा के दौरान कदाचार या चीटिंग कराने, कंप्यूटर सिस्टम के साथ छेड़छाड़, परीक्षा से जुड़े अधिकारियों को धमकी देने के साथ उम्मीदवारों को ठगने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाने आदि के लिए सजा का प्रावधान है।

इस कानून के तहत आने वाले सभी अपराधों को संज्ञेय, गैर-जमानती और नॉन-कंपाउंडेबल की श्रेणी में रखा गया है। इन मामलों में जांच का अधिकार डीएसपी या एसीपी या इससे ऊपर के रैंक के पुलिस अधिकारी को है। केंद्र सरकार के पास जांच का जिम्मा किसी केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का भी अधिकार होगा।

धांधली का पता कब और कैसे चला?

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने पिछले महीने यहां एक फ्लैट से तलाशी अभियान के दौरान बरामद दस्तावेजों से इनका मिलान करने के लिए नीट संदर्भ प्रश्नपत्र प्राप्त किए हैं। यह परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवार इसमें शामिल हुए थे। परिणाम 14 जून को घोषित किए जाने थे, लेकिन 4 जून को घोषित कर दिए गए।

एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक ही सेंटर से छह छात्र शामिल थे। इसी से परीक्षा में धांधली का संदेह पैदा हुआ। छह केंद्रों पर देर से प्रश्नपत्र देने की भरपाई के लिए छात्रों को दिए गए अनुग्रह अंकों (ग्रेस मार्क्स) को लेकर भी विवाद हुआ। बाद में केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि अनुग्रह अंकों को समाप्त किया जा रहा है और इन 1,563 छात्रों को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा। एनटीए रविवार को इन छात्रों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करा रहा है।

नीट पेपर लीक का मास्टर माइंड कौन?

नीट पेपर लीक मामले में में मास्टरमाइंड के रूप में बिहार के नालंदा का रहने वाला संजीव मुखिया और उसका पुत्र शिव कुमार का नाम सामने आया है। संजीव मुखिया और उसका पुत्र डॉक्टर शिव कुमार नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड के भुतहाखार गांव के रहने वाले हैं। नीट पेपर लीक से पहले 2016 में संजीव मुखिया का नाम बीएससी, सिपाही भर्ती समेत अन्य परीक्षाओं की पेपर लीक में भी आया था और वह जेल भी गया था।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से पंचायत के लोगों ने बताया कि मुखिया के कार्यकाल के दौरान भी कई प्रकार की अनियमितता आ चुकी है। शाहपुर गांव के ग्रामीण कहते हैं कि पहले भी संजीव मुखिया और उसके पुत्र डॉक्टर शिव का नाम पेपर लीक मामले में आ चुका है। गांव में सांसद मद से एक सड़क की ढलाई-निर्माण में भी धांधली हुई थी। इस धांधली में भी संजीव मुखिया का नाम सामने आया था।

ग्रामीणों ने बताया कि पैसे के बल पर संजीव मुखिया ने अपनी राजनीतिक पहचान बनाई। वह अपनी पत्नी ममता कुमारी को हरनौत विधानसभा से जेडीयू के खिलाफ लोक जनशक्ति पार्टी की टिकट पर चुनाव भी लड़वाया था। हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

इसके अलावा सिकंदर यादवेंदु का नाम भी इसमें शामिल है। सिकंदर लंबे समय तक रांची में रहकर ठेकेदारी करता था। रांची स्थित मेडिकल कॉलेज रिम्स के एक कॉटेज में वह अनधिकृत तरीके से रहता था। उसने रिम्स में भी मेंटेनेंस और रिपेयरिंग के छोटे-मोटे काम ठेकेदारी पर कराए थे। उसने कोई डिप्लोमा कोर्स कर रखा था और बाद में वह किसी तरह बिहार के दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर के तौर पर बहाल हो गया, लेकिन रांची में उसके कनेक्शन बरकरार रहे।

सूत्रों के मुताबिक, सिकंदर ने रांची और हजारीबाग में सॉल्वर गैंग का नेटवर्क बना रखा था। लीक हुए पेपर इसी गैंग के लोगों ने सॉल्व कर व्हाट्सएप पर भेजे और इसके बाद चुनिंदा परीक्षार्थियों को उत्तर रटवाए गए। बताया जा रहा है कि व्हाट्सएप के जिन नंबरों से पेपर और उनके जवाब का आदान-प्रदान किया गया, उनके सिम फर्जी नाम से खरीदे गए थे। काम होने के बाद सभी सिम नष्ट कर दिए गए।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article