नई दिल्लीः बांग्लादेश और भारत की सीमा पर भारत बाड़ लगा रहा है। सरकार के अनुसार भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए जारी बाड़बंदी (फेंसिंग) का कार्य अभी भी अधूरा है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि 4,096.7 किमी लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा में से 864.482 किमी पर अभी तक बाड़ नहीं लगाई जा सकी है, जिसमें 174.51 किमी ऐसे क्षेत्र शामिल हैं जहां बाड़ लगाना तकनीकी रूप से असंभव माना गया है।
बाड़बंदी में आ रही चुनौतियां
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने बताया कि बाड़बंदी में आ रही चुनौतियों में भूमि अधिग्रहण की समस्या, बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (BGB) की आपत्तियां, सीमित कार्यकाल, भूस्खलन और दलदली भूमि जैसे भौगोलिक कारण शामिल हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार ने बांग्लादेश को सूचित किया है कि सीमा पर सुरक्षा उपायों, जिनमें फेंसिंग भी शामिल है, के संबंध में दोनों देशों के बीच हुए सभी समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। साथ ही, भारत ने बांग्लादेश से यह अपेक्षा जताई है कि वह भी पूर्व सहमत समझौतों को लागू करे और सीमा पार अपराधों को रोकने में सहयोग करे।
सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकारियों के अनुसार, जहां भौगोलिक कारणों से बाड़ लगाना संभव नहीं है, वहां आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का सहारा लिया जा रहा है। इन स्थानों पर घुसपैठ और सीमा पार तस्करी पर नजर रखने के लिए सेंसर, सीसीटीवी कैमरे, फ्लड लाइट्स और अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
BGB की आपत्तियों के कारण बाधित हुआ निर्माण
पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद उन्होंने पद छोड़ने का निर्णय लिया था। इसके बाद से बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड ने 865 किमी के कुछ हिस्सों में फेंसिंग को लेकर आपत्ति जताई, जिससे निर्माण कार्य अस्थायी रूप से रोकना पड़ा। भारत ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त मोहम्मद नूरुल इस्लाम को तलब भी किया था।
गौरतलब है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर लंबित बाड़बंदी से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए इस महीने नई दिल्ली में बीएसएफ और बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड के महानिदेशकों की बैठक प्रस्तावित है। इस बैठक में सीमा सुरक्षा को लेकर द्विपक्षीय सहमति बनाने और अटके हुए निर्माण कार्यों को आगे बढ़ाने पर चर्चा होगी।