मैं कोई संत नहीं, राजनेता हूं; NDA में शामिल होने के फैसले को अजित पवार ने सही ठहराया

अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने 26वें स्थापना दिवस पर मंगलवार को कहा कि प्रतिद्वंद्वी गुटों के फिर से एक साथ आने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

Ajit sharad pawar

Ajit sharad pawar Photograph: (IANS)

पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के 26वें स्थापना दिवस के मौके पर मंगलवार को पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने और सहयोगियों द्वारा एनडीए में शामिल होने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि वह कोई संत नहीं हैं जो विपक्ष में बैठकर केवल नारेबाजी करते रहें। इसके साथ ही पुणे के बालेवाड़ी स्थित श्री शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित एनसीपी के 26वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अजीत पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आगामी नगर निकाय चुनावों की तैयारियों में जुटने का आह्वान किया।

अजित पवार ने कहा कि कुछ लोग हमारे एनडीए में जाने पर सवाल उठा रहे हैं और इसे पार्टी की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के खिलाफ बता रहे हैं। लेकिन 2019 में जब एनसीपी ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, तब क्या वह धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन नहीं था? राजनीति में केवल विपक्ष में बैठकर नारेबाजी करना काफी नहीं है। हम संत नहीं हैं, बल्कि राजनेता हैं और जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए हमने सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया।

'धर्मनिरपेक्ष विचारधारा को नहीं छोड़ा'

हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने पार्टी की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा को नहीं छोड़ा है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का आधार शाहू महाराज, ज्योतिबा फुले और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की विचारधारा है। एनडीए में शामिल होने का उद्देश्य केवल विकास है। चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार जैसे नेता भी एनडीए में शामिल हुए हैं, जबकि उनकी पार्टियां भी धर्मनिरपेक्षता की पक्षधर रही हैं। पार्टी के एनसीपी (शरद पवार गुट) में विलय की अटकलों पर विराम लगाते हुए अजीत पवार ने कहा कि कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं की व्यक्तिगत राय हो सकती है, लेकिन ऐसे निर्णय वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा लिए जाते हैं।

सुनील तटकरे ने किया था इनकार

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने भी इस तरह के किसी प्रस्ताव को पार्टी की कोर कमेटी में चर्चा के लिए मौजूद होने से इनकार किया था। अजीत पवार ने पार्टी के उन सदस्यों को भी चेतावनी दी जिनके नाम आपराधिक मामलों में सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि हम सरकार में हैं और इसलिए हमारे ऊपर अनुशासन का विशेष दायित्व है। अगर कोई पार्टी कार्यकर्ता किसी भी असामाजिक गतिविधि में लिप्त पाया गया, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि 2023 में हुए विभाजन के बाद एनसीपी के दोनों गुट अब अलग-अलग स्थापना दिवस मना रहे हैं।

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