नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है। इस बीच भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एनएसएबी) का पुनर्गठन किया है। इसकी अध्यक्षता रॉ के पूर्व अध्यक्ष अशोक जोशी करेंगे। 

पहलगाम की बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद यह कदम उठाया गया है। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। 

एनएसएबी में 7 सदस्यों को शामिल किया गया है। इसमें तीन सेना से रिटायर अधिकारी, दो रिटायर आईपीएस अधिकारी और एक भारतीय विदेश सेवा से रिटायर अधिकारी हैं।

आलोक जोशी को है गहरी समझ

आलोक जोशी को देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों की गहरी समझ और जानकारी है। उन्होंने 2012 से 2014 तक रॉ के प्रमुख के रूप में कार्य किया था। इसके बाद 2015 से 2018 तक एनटीआरओ के चेयरमैन के रूप में भी सेवा दी। उन्होंने पाकिस्तान और नेपाल में कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन्स को अंजाम देने में अहम भूमिका भी निभाई है।  

इसमें वेस्टर्न एयर कमान के पूर्व चीफ एयर मार्शल पीएम सिन्हा, सदर्न आर्मी कमान के पूर्व चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह और रिटायर रियर एडमिरल मॉन्टी सन्ना को सदस्य नियुक्त किया गया है।

वहीं, भारतीय पुलिस सेवा से रिटायर राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह को भी इस बोर्ड में शामिल किया गया है। इसके साथ ही विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी बी. वेंकटेश वर्मा को भी इसका सदस्य बनाया गया है।

पीएम आवास पर हुई सीसीएस की बैठक

गौरतलब है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को उनके आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार, दोपहर 3 बजे एक प्रेस ब्रीफिंग होगी जिसमें सीसीएस की बैठक में लिए गए बड़े फैसलों की घोषणा की संभावना है।

सीसीएस की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल थे। इस बैठक के बाद राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीपीए) और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठकें हुईं। सरकार दोपहर 3 बजे मीडिया से मुलाकात करेगी।

एनएसएबी का गठन साल 1998 में हुआ था। यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर काम करती है और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा विभिन्न मुद्दों पर उपाय या समाधान और विकल्पों की सिफारिश करने के लिए दीर्घकालिक विश्लेषण करता है। 

इस बोर्ड का अंतिम बार गठन साल 2018 में किया गया था। तब इसके अध्यक्ष पीएस राघवन बनाए गए थे जो पूर्व में रूस में राजदूत रह चुके हैं।