चेन्नई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल के नेता और तमिलनाडु के पूर्व मंत्री रहे नैनार नागेंद्रन भाजपा की तमिलनाडु इकाई के नए अध्यक्ष होंगे। दरअसल, वे शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने वाले एकमात्र व्यक्ति रहे। तमिलनाडु भाजपा के मौजूदा प्रमुख अन्नामलाई ने नागेंद्रन के नाम का प्रस्ताव रखा है और पार्टी के अन्य नेताओं ने भी इसका समर्थन किया है। 

राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा शनिवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय से की जाएगी। नैनार नागेंद्रन तमिलनाडु भाजपा ईकाई की जिम्मेदारी उस समय संभालने जा रहे हैं, जब पार्टी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के साथ गठबंधन करने का भी ऐलान कर दिया है।

नैनार नागेंद्रन कौन हैं, जानिए सबकुछ

नैनार नागेंद्रन वर्तमान में राज्य ईकाई के उपाध्यक्ष हैं। भाजपा से पहले वे AIADMK में थे। भाजपा में 2017 में शामिल हुए नागेंद्रन शुक्रवार को चेन्नई के टी नगर में स्थित भाजपा के राज्य मुख्यालय 'कमलालयम' में पहुँचने वाले पहले उम्मीदवार थे। इसके बाद उन्होंने नामांकन दाखिल किया। 

पार्टी ने कहा कि उनके नाम का प्रस्ताव वर्तमान पार्टी प्रमुख के अन्नामलाई, केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन, पूर्व केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन और भाजपा विधायक और महिला मोर्चा अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन ने रखा था।

नैनार नागेन्द्रन ने 2001 से 2006 तक तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्रियों जे जयललिता और ओ पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाली सरकारों में बतौर मंत्री रह चुके है। वह 3 जुलाई, 2020 से भाजपा, तमिलनाडु के उपाध्यक्ष हैं। 

उन्होंने 2006 और 2011 में एआईएडीएमके के उम्मीदवार के रूप में और 2021 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में तिरुनेलवेली निर्वाचन क्षेत्र से तमिलनाडु विधानसभा चुनाव जीता था।

नैनार नागेंद्रन ने अगस्त 2017 में AIADMK छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। नैनार नागेंद्रन 2021 में तीसरी बार तिरुनेलवेली निर्वाचन क्षेत्र से तमिलनाडु राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। उन्होंने DMK उम्मीदवार को 23 हजार से ज्यादा मतों से हराया। बाद में उन्हें तमिलनाडु विधानसभा में भाजपा सदस्यों के नेता के रूप में चुना गया।

AIADMK से गठबंधन और अध्यक्ष के बदले जाने का कनेक्शन

के. अन्नामलाई के अध्यक्ष पद से हटने और नैनार नागेंद्रन की पदोन्नति को एआईएडीएमके से गठबंधन से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। दरअसल, अन्नामलाई की एआईएडीएमके से अदावत सार्वजनिक बात है। अन्नामलाई  एआईएडीएमके के पूर्व के बड़े नेताओं मसलन एमजी रामचंद्रन तक पर तीखी टिप्पणी कर चुके हैं।

यहां तक पिछले हफ्ते सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरें भी आई थीं कि अन्नाद्रमुक प्रमुख के. पलानीस्वामी ने अगले साल तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के साथ फिर से गठबंधन करने के लिए अन्नामलाई को हटाने तक की पूर्व शर्त रख दी थी।

हालांकि, 2021 में अन्नामलाई को राज्य इकाई का प्रमुख नियुक्त किए जाने के बाद से भाजपा ने तमिलनाडु में कोई महत्वपूर्ण चुनावी लाभ हासिल नहीं किया है। इसके बावजूद अन्नामलाई की अध्यक्षता में पार्टी राज्य में ज्यादा सक्रिय रही और लोगों का ध्यान खींचने में कामयाब रही, जो तमिलनाडु जैसे राज्य में बहुत महत्वपूर्ण है।

भाजपा सूत्रों के अनुसार अन्नामलाई को संदेश दिया गया है कि उनका हटाया जाना कोई 'सजा' नहीं बल्कि राज्य में पार्टी का विस्तार करने के दृष्टिकोण से जुड़ा है। पार्टी या केंद्र में सरकार में उन्हें क्या कोई बड़ी भूमिका मिल सकती है, इसे लेकर भी अटकलें चल रही हैं।