नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर जारी विवाद पर बवाल, दो गुटों के बीच हिंसा-पथराव, कई पुलिसकर्मी घायल

राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। प्रशासन ने कहा कि नागपुर की शांति भंग करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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Photograph: (ANI)

नागपुर: नागपुर के महल क्षेत्र में सोमवार को दो गुटों के बीच हिंसा का मामला सामने आया है। उपद्रवियों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की। इस दौरान कई पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबर है। हिंसा उस वक्त भड़क उठी, जब विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल समेत कई हिंदू संगठन औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

 विश्व हिंदू परिषद ने औरंगजेब का पुतला फूंका था, इसके बाद हिंसा भड़क उठी। पुलिस की मानें तो ऐसी अफवाह फैली कि पुतले के साथ कलमा लिखा एक कपड़ा भी जलाया गया। देखते ही देखते महल क्षेत्र में पथराव व आगजनी की घटनाएं होने लगीं। उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया।

इस एक अफवाह से भड़की हिंसा

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में जलते वाहन और सड़कों पर बिखरा मलबा देखा जा सकता है। जैसे ही हिंसा भड़की, पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया। पुलिस की मानें तो कुछ मुस्लिम संगठनों ने दावा किया कि प्रदर्शन के दौरान एक कपड़े, जिस पर ‘कलमा’ लिखा था, को जलाया गया। हालांकि नागपुर पुलिस ने इस दावे को अफवाह करार देते हुए इसे निराधार बताया और लोगों से संयम बरतने व अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।

हिंसा में डीसीपी सहित कई पुलिसकर्मी घायल

अधिकारी झड़प के कारणों की जांच कर रहे हैं और इसमें शामिल लोगों की पहचान कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि हिंसा का कारण गलतफहमी और अफवाह थी। डीसीपी अर्चित चंडक ने बताया, "स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। पुलिस बल पर्याप्त संख्या में तैनात है। नागरिकों से अपील है कि वे घरों से बाहर न निकलें और किसी भी प्रकार के पथराव में शामिल न हों।"

इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें डीसीपी चंडक भी शामिल हैं जिन्हें पैर में चोट लगी। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड को बुलाकर आग पर काबू पाया गया और स्थिति सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं। एक अग्निशमन अधिकारी ने कहा, "दो जेसीबी और कई अन्य वाहनों को आग लगा दी गई, जिसमें एक फायरमैन भी घायल हुआ।"

मुख्यमंत्री और गडकरी ने की शांति की अपील

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने लोगों से संयम बरतने की अपील की और कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा, "नागपुर हमेशा से शांतिप्रिय शहर रहा है, नागरिक अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन का सहयोग करें।"

नागपुर के सांसद और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा कि "अफवाहों के चलते धार्मिक तनाव की स्थिति बनी है। नागपुर का इतिहास शांति का रहा है, कृपया अफवाहों से बचें और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।"

गडकरी ने भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री को स्थिति की जानकारी दे दी गई है। मैं नागरिकों से अपील करता हूं कि वे घरों से बाहर न निकलें और शांति बनाए रखें।"

अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई

राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। प्रशासन ने कहा कि नागपुर की शांति भंग करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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