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नागपुर के कोराडी स्थित महालक्ष्मी जगदंबा मंदिर के निर्माणाधीन प्रवेश द्वार का एक हिस्सा शनिवार रात अचानक ढह गया। इस हादसे में 17 मजदूर घायल हो गए जिनमें तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसा रात करीब 8 से 8:15 बजे के बीच हुआ।
जैसे ही घटना की जानकारी मिली, पुलिस, फायर ब्रिगेड और आसपास मौजूद लोगों ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया। इसके बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम भी मौके पर पहुंची। जिला कलेक्टर विपिन इटनकर और डीसीपी निकेतन कदम खुद रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं।
हादसे की वजह और बचाव कार्य
जिला कलेक्टर डॉ. विपिन इटनकर ने बताया, “जब स्लैब के लिए आरसीसी (रीइन्फोर्स्ड सीमेंट कंक्रीट) डाली जा रही थी, तभी वह गिर गई। उस समय काम कर रहे करीब 15-16 मजदूर घायल हुए, जिन्हें अस्पताल भेज दिया गया है। प्रोटोकॉल के अनुसार NDRF, पुलिस विभाग और राजस्व विभाग मौके पर मौजूद हैं। मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है।”
एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर कृपाल मुले ने बताया कि उनकी टीम ने फिजिकल और डॉग स्क्वाड की मदद से तलाशी अभियान चलाया है और अभी तक कोई भी मलबे के नीचे दबा नहीं मिला है, हालांकि अंतिम पुष्टि मलबा हटाने के बाद ही की जाएगी। उन्होंने बताया कि मौके पर 4-5 फीट ऊंचा मलबा जमा है, जिसे भारी मशीनों की मदद से हटाया जा रहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई को हादसे के प्रत्यक्षदर्शी रत्नादीप रंगारी ने बताया कि अधिकारियों के पहुंचने से पहले ही उन्होंने खुद नौ लोगों को मलबे से बाहर निकाला था।
हादसे की वजह की जाँच जारी
हादसे की असली वजह का पता लगाने के लिए जाँच शुरू कर दी गई है। नागपुर मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (NMRDA) के चेयरमैन संजय मीणा ने बताया कि प्रारंभिक जाँच में पता चला है कि निर्माण कार्य में इस्तेमाल हो रहे उपकरणों से उत्पन्न तेज कंपन के कारण स्लैब अचानक गिर गया। घटना की पूरी जाँच के आदेश दिए गए हैं, जिसमें निर्माण सुरक्षा में किसी भी चूक की भी जाँच की जाएगी। इस अभियान की निगरानी जिला कलेक्टर विपिन इतांकर और पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम कर रहे हैं। फिलहाल, इलाके को सील कर दिया गया है।