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नई दिल्लीः म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में शुक्रवार (28 मार्च) को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 1,000 से अधिक हो गई है। मलबे से और शव मिलने के बाद म्यांमार सरकार ने अब तक 1,002 लोगों के मरने और 2,376 से अधिक लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। वहीं, 30 से अधिक लोग अब भी लापता हैं। प्रशासन का कहना है कि यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है।
भारत ने म्यांमार में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए 80 सदस्यीय राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की एक विशेष टीम भेजी है। यह दल ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत म्यांमार रवाना हुआ है। सूत्रों के अनुसार, यह टीम भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों में सहायता करेगी और इसका नेतृत्व एक कमांडेंट रैंक का अधिकारी कर रहा है।
भारतीय वायुसेना का C-130J मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट शनिवार को 15 टन राहत सामग्री लेकर यांगून पहुंचा। इसमें खाद्य सामग्री, तिरपाल, दवाइयां और अन्य आपातकालीन सहायता सामग्री शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप के बाद चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत संकट की इस घड़ी में म्यांमार और थाईलैंड को हर संभव सहायता प्रदान करेगा।
म्यांमार में भारी तबाही, बचाव कार्यों में बाधा
भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर के पास था। तेज झटकों ने भवनों, पुलों और सड़कों को तबाह कर दिया, जिससे राहत कार्यों में बाधा आ रही है। म्यांमार पहले से ही गृहयुद्ध की स्थिति में है, जिससे राहत कार्य और अधिक जटिल हो गए हैं। कई इलाकों में मदद पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। यह म्यांमार में आई अब तक की सबसे बड़ी आपदा बताई जा रही है। भवनों, सड़कों और पुलों के ध्वस्त होने से बचाव कार्यों में कई तरह की बाधाएंं आ रही हैं।
भूकंप का प्रभाव पड़ोसी देश थाईलैंड में भी महसूस किया गया। राजधानी बैंकॉक सहित कई हिस्सों में झटके महसूस किए गए। एक 33 मंजिला निर्माणाधीन इमारत ढहने से छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 26 लोग घायल हैं और 47 अब भी लापता हैं।
भारत ने पहले भी अंतरराष्ट्रीय राहत मिशन में निभाई भूमिका
भारत ने इससे पहले 2015 में नेपाल और 2023 में तुर्की में आए भूकंप के दौरान भी एनडीआरएफ की टीमें भेजी थीं। अब म्यांमार में ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत बचाव अभियान में भारत की यह तीसरी अंतरराष्ट्रीय तैनाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद 6.4 तीव्रता का एक और झटका महसूस किया गया, जिससे और अधिक इमारतों के गिरने की आशंका बनी हुई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार शनिवार भी दोपहर 2.50 बजे म्यांमार में भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.7 थी। म्यांमार सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां बचाव अभियान में तेजी लाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन स्थानीय हालात के कारण यह चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
म्यांमार में भूकंप के चलते मानवीय संकट गहराता जा रहा है। भारत समेत कई देश राहत और बचाव कार्यों में सहयोग कर रहे हैं। आने वाले दिनों में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।