मुर्शिदाबादः पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा में हिंदुओं की कम से कम 100 करोड़ की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया।उन्होंने इस हिंसा के पीछे बांग्लादेशी कट्टरपंथी संगठन 'अंसारुल्ला बांग्ला जमात' का हाथ होने की आशंका जताई।

शुभेंदु अधिकारी ने कहा, "मुर्शिदाबाद में जो कुछ हुआ, वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की तरह था। हम अंसारुल्ला बांग्ला जमात को पश्चिम बंगाल की धरती पर पैर नहीं जमाने देंगे। इसके खिलाफ हम हर स्तर पर लड़ेंगे।"

शुभेंदु अधिकारी ने मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी पर लगाए गंभीर आरोप

उन्होंने यह भी बताया कि हिंसा भड़काने वालों की 600 लोगों की एक सूची प्रशासन को सौंपी जा चुकी है। उन्होंने टीएमसी के मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी पर भी गंभीर आरोप लगाए। अधिकारी ने कहा, "सिद्दीकुल्ला ने कहा था कि पहले जिले में आग लगाएंगे, फिर कोलकाता में।"

हालांकि, मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, "हमारी पार्टी का मुर्शिदाबाद के जंगीपुर में कोई संगठन नहीं है। मैं वहां आखिरी बार लोकसभा चुनाव के समय गया था। अगर शुभेंदु ऐसे झूठे आरोप लगाना नहीं बंद करेंगे, तो मैं उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा करूंगा।"

हिंसा भड़काने वाले बाहरी लोग, टीएमसी नेता ने की जांच की मांग

उधर, टीएमसी प्रवक्ता कुनाल घोष ने भी कहा कि हिंसा भड़काने वाले लोग स्थानीय नहीं थे। लोग उन्हें पहचान नहीं पाए। वे बाहर से आए थे। कौन थे वे? कहां से आए? किसने उनकी मदद की? हमें लगता है कि इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है। हम विस्तृत जांच की मांग करते हैं।"

इस हिंसा की शुरुआत वक्फ विरोधी बिल के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों से हुई थी, जो देखते ही देखते हिंसक झड़पों में तब्दील हो गई। शमशेरगंज, धूलियन, सुत्ती, जंगीपुर और आसपास के कई इलाकों में हिंसा फैली। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कई संपत्तियों में तोड़फोड़ व लूटपाट हुई। पुलिस ने अब तक 200 से ज्यादा उपद्रवियों को  गिरफ्तार किया है। 

राज्यपाल ने कहा स्थिति की निगरानी की जा रही

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद और राज्य के अन्य हिंसा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि राजभवन का कोर ग्रुप मुर्शिदाबाद और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की स्थिति पर वास्तविक समय के आधार पर लगातार नजर बनाए हुए है।  

उन्होंने कहा कि उनकी और मुख्यमंत्री के बीच इस मुद्दे पर बातचीत हुई है और हालात की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय भी पूरी तरह से सतर्क हैं और स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।

राज्यपाल बोस ने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए बीएसएफ और स्थानीय पुलिस सहित सभी प्रवर्तन एजेंसियों से रिपोर्ट प्राप्त की गई है। केंद्र सरकार ने पर्याप्त संख्या में केंद्रीय बलों की तैनाती कर दी है और जरूरत पड़ने पर और अधिक बल तैनात करने के लिए तैयार है।

 फिलहाल बीएसएफ की नौ कंपनियां तैनात हैं और इसके अतिरिक्त सीआरपीएफ, आरपीएफ और आरआईएफ भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। राज्य पुलिस भी केंद्रीय बलों के साथ मिलकर क्षेत्र में सक्रिय है और उपद्रवियों की गिरफ्तारी की जा रही है।