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मुंबईः मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को चेंबूर के महुल गांव से सात अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया। ये सभी पिछले पांच वर्षों से इस क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे थे। पुलिस को गुप्त सूचना मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
इसी बीच, मानखुर्द इलाके से एक और बांग्लादेशी नागरिक को अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी गुरुवार को गुप्त सूचना के आधार पर की गई।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान 46 वर्षीय जाकिर हमीद शेख के रूप में हुई है। जांच में पता चला कि उसने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया और मुंबई में रह रहा था। उसके खिलाफ पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1950 की धारा 3, 6, विदेशी आदेश, 1948 की धारा 3(1), और विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 14 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस की टीम, वरिष्ठ निरीक्षक मधु घोरपड़े के नेतृत्व में, मानखुर्द स्थित डब्बा कंपनी के पास छापा मारकर शेख को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने की बात स्वीकार कर ली। फिलहाल, उसे पुलिस हिरासत में लेकर आगे की जांच जारी है।
पिछले दिनों 12 बांग्लादेशी गिरफ्तार हुए थे
पिछले दिनों मुंबई की घाटकोपर पुलिस ने शहर में अवैध रूप से रहने के आरोप में 12 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। घाटकोपर पुलिस ने बताया था कि शहर में अवैध रूप से रहने के आरोप में 12 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है जो बिना किसी उचित अनुमति के लंबे समय से वे मुंबई में रह रहे थे। उनके पास से जाली दस्तावेज भी मिले थे। जनवरी में भी ठाणे से 5 बांग्लादेशियों की गिरफ्तारी हुई थी।
भाजपा नेता किरीट सोमैया की मानें तो मालेगांव में लगभग दो लाख बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं। इनके खिलाफ वे लगातार अभियान चला रहे हैं। अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
बीते दिनों समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए सोमैया ने कहा था कि मालेगांव पुलिस ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोगों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। उन्होंने कहा, मालेगांव में अब तक तीन हजार से अधिक बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं के नाम सामने आ चुके हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की कोशिश की थी। उन्होंने अब तक करीब 3,977 ऐसे लोगों का प्रमाण जुटाया है।
देश के अलग-अलग राज्यों में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है
देश के अलग-अलग राज्यों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई जारी है। दिल्ली में भी पिछले हफ्ते पहाड़गंज में अवैध रूप से रह रहे 21 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से 18 को डिपोर्ट कर दिया गया। इनके पास से आधार कार्ड और पासपोर्ट भी बरामद हुए थे।
सेंट्रल दिल्ली जिला के डीसीपी एम हर्षवर्धन ने कहा कि ये आज से 20 साल पहले दिल्ली में आ गए थे। ये लोग जब पहली बार दिल्ली में आए थे, तो मुनिरका इलाके में रुके थे, इसलिए इनके आधार कार्ड पर मुनिरका का पता है। इसके बाद ये पहाड़गंज इलाके में रहने लगे, इसलिए इनके आधार कार्ड में मुनिरका का एड्रेस है और इनका वोटर आईडी कार्ड 3 जुलाई 2020 को जारी किया गया था। इनके पहाड़गंज वाले इलाके के नाम से यह वोटर आईडी कार्ड जारी किया गया था।
मेघालय के रास्ते भारत में घुस रहे 9 बांग्लादेशी गिरफ्तार
गुरुवार मेघालय सीमा से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले 9 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। ये सभी पश्चिमी गारो पहाड़ियों के दालमग्रे गांव में एक वैन से यात्रा कर रहे थे, जब पुलिस ने जांच के दौरान उन्हें पकड़ा।
पुलिस को आरोपियों के पास से 12 मोबाइल फोन, कई सिम कार्ड, भारतीय मुद्रा, आधार कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा, दो वाहन भी जब्त किए गए हैं। जांच में संदेह जताया जा रहा है कि सभी आरोपी भारत में अवैध रूप से नागरिकता लेकर बसने की योजना बना रहे थे।
इस मामले में तीन भारतीय सूत्रधारों को भी गिरफ्तार किया गया है, जो इन अवैध प्रवासियों की मदद कर रहे थे। फिलहाल, पुलिस सभी आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है ताकि इनके मकसद और नेटवर्क के बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा सके।
राजस्थान में 7 से अधिक की गिरफ्तारी
राजस्थान में भी ऐसे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की गई है और उनको हिरासत में लिया गया है। 1 फरवरी को राजस्थान के अजमेर में दरगाह थाना पुलिस ने दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार, दोनों बांग्लादेशी कई साल से अजमेर में रह रहे थे। राज्य में सात से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
दरगाह थाना प्रभारी दिनेश कुमार जीवनानी ने मीडिया को बताया था कि दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों खानाबदोश हैं। एक नागरिक 2021 और एक 2019 में यहां आया था और वापस चला गया था। फिर दोबारा वह 2022 में यहां आया था। दोनों भीख मांगते हैं, और छोटे-छोटे काम भी करते हैं।