मुंबई कोर्ट ने 8 पाकिस्तानियों को सुनाई 20 साल की सजा, 2015 में 232 किलो ड्रग्स के साथ पकड़े गए थे

तटरक्षक अधिकारियों को नाव से तीन सैटेलाइट फोन, दो जीपीएस चार्ट, मोबाइल फोन और एक इन्वर्टर मिला था।

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Mumbai court sentenced 20 years imprisonment to 8 Pakistanis, who were caught with 232 kg heroin in 2015

प्रतीकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

मुंबई: मुंबई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को आठ पाकिस्तानी नागरिकों को 232 किलोग्राम ड्रग्स (हेरोइन) की तस्करी की कोशिश के लिए 20 साल की सजा सुनाई।

साल 2015 में इन आठ पाकिस्तानियों को गुजरात तट के पास एक मछली पकड़ने वाली नाव पर पकड़ा गया था। पुलिस को नाव से तीन सैटेलाइट फोन भी मिले थे, जिनका इस्तेमाल आम लोगों के लिए प्रतिबंधित है।

सुनवाई के दौरान इन लोगों ने खुद को मछुआरा बताया, लेकिन अदालत ने उनके दावे को खारिज कर दिया। उन्हें दोषी मानते हुए नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत सजा सुनाई गई।

दोषियों की पहचान अलीबक्श खशकेली सिंधी, मकसूद अख्तर यूसुफ मासीम, मोहम्मद बख्श नाथो, मोहम्मद अहमद मोहम्मद इनायत, मोहम्मद यूसुफ अब्दुल्ला गगवानी और मोहम्मद यूनुस हाजी मोहम्मद सुमार सिंधी के रूप में हुई है। चूंकि ये पहले ही 10 साल जेल में बिता चुके हैं, अब इन्हें शेष 10 साल की सजा पूरी करनी होगी।

पाकिस्तानी नागरिकों के वकील ने अदालत में क्या दलील दी थी

मुकदमे के दौरान, पाकिस्तानी नागरिकों के वकील ए.जी. लाला ने दलील दी कि अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में जब्ती होने के कारण मुंबई पुलिस को इस मामले की जांच का अधिकार नहीं था। हालांकि, अदालत ने यह कहते हुए इस तर्क को खारिज कर दिया कि सभी प्रक्रियाएं अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत पूरी की गई थीं।

इसके अलावा, नाव पर मिले जीपीएस नेविगेशन चार्ट से पता चला कि वे भारत की ओर जा रहे थे। विशेष लोक अभियोजक सुमेश पंजवानी ने तस्करों को कड़ी सजा देने की मांग की, ताकि यह दूसरों के लिए भारत में मादक पदार्थों की तस्करी से बचने का सबक बन सके।

वहीं, प्रतिवादियों के वकील लाला ने नरमी की अपील करते हुए कहा कि जेल में रहते हुए ये लोग अपने परिवारों से संपर्क नहीं कर पाए। ऐसे में उन्होंने सुझाव दिया कि सजा पूरी होने के बाद इन्हें उनके देश वापस भेज दिया जाए। सभी दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराते हुए 20 साल की सजा सुनाई।

तटरक्षक अधिकारियों ने नाव से फोन, जीपीएस चार्ट और इन्वर्टर बरामद किया

यह घटना 26 अप्रैल 2015 को घटी, जब तटरक्षक अधिकारियों ने सुबह लगभग 3:10 बजे गुजरात तट पर गश्त के दौरान बिना झंडे और पहचान के एक नाव देखी। जब अधिकारी नाव पर गए, तो उन्हें आठ पाकिस्तानी नागरिक मिले। उन्होंने दावा किया कि वे मछुआरे हैं और उनके नाव का इंजन खराब हो जाने के कारण वे वहां फंसे हुए हैं।

हालांकि अधिकारियों को उनकी नाव से कोई मछली नहीं मिली थी लेकिन उन्हें वहां पर 11 नीले रंग के ड्राम मिले थे जिनमें पैकेट थे। अधिकारियों ने आठों पाकिस्तानियों को पोरबंदर के तट पर लाकर पैकेटों की जांच की, जिसमें ड्रग्स पाई गई। एक पैकेट का वजन लगभग एक किलोग्राम था, इस तरह से कुल 232 किलोग्राम ड्रग्स बरामद हुई।

इसके अलावा, अधिकारियों को नाव से तीन सैटेलाइट फोन, दो जीपीएस नेविगेशन चार्ट, मोबाइल फोन और एक इन्वर्टर भी बरामद हुआ। जब्ती के बाद, मुंबई की येलो गेट पुलिस ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की। उन लोगों को मुंबई लाया गया और जेल में बंद कर दिया गया था।

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