नई दिल्ली: बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस का भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर दिया गया एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें मोहम्मद यूनुस पूर्वोत्तर राज्यों के लैंडलॉक होने का विशेष रूप से जिक्र करते नजर आ रहे हैं। साथ ही कहते हैं कि ढाका इस क्षेत्र में 'महासागर का एकमात्र संरक्षक है।' गौर करने वाली बात ये है कि यूनुस ने यह बयान पिछले हफ्ते चीन में दिया।
यूनुस पिछले हफ्ते (26 से 29 मार्च) चार दिनों के चीन दौरे पर थे। उसी दौरे के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर दिया गया ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भी यूनुस के भाषण के क्लिप को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया है। भारत की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, देश के अंदर से कुछ नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस ने इस बयान का जिक्र कर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं।
मोहम्मद यूनुस ने क्या कहा था?
यूनुस ने कहा था, 'भारत के सात राज्य, भारत का पूर्वी भाग, जिसे सात बहनें कहा जाता है...वे चारों ओर से भूमि से घिरे देश हैं, भारत का भूमि से घिरा क्षेत्र। उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।'
यूनुस आगे कहते हैं, 'हम इस पूरे क्षेत्र के लिए महासागर के एकमात्र संरक्षक हैं। इसलिए यह एक बड़ी संभावना को खोलता है। इसलिए यह चीनी अर्थव्यवस्था का विस्तार हो सकता है। चीजें बनाएं, चीजें उत्पादित करें, चीजों को मार्केट करें, चीजों को चीन में लाएं, उन्हें पूरी दुनिया में ले जाएं।'
This is disturbing
— Abhishek (@AbhishBanerj) March 31, 2025
Mohd Yunus says in Beijing that 7 states of India's north east have no sea access
Bangladesh is the "guardian of the sea" and invites China to make this area an "extension"
The so called democratic uprising in Bangladesh was always an attack against India pic.twitter.com/EoEQIIS8Gp
यूनुस ने शनिवार को अपनी चीन यात्रा समाप्त करते हुए कहा था कि उनके देश के लिए बीजिंग को एक अच्छे मित्र के रूप में देखना 'महत्वपूर्ण' है और उन्हें उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच संबंध एक नए चरण में प्रवेश करेंगे। उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों में हमारे संबंध बहुत मजबूत रहे हैं। हमारा व्यापार बहुत मजबूत है और चीन के साथ हमारे सहयोग से हमें लाभ मिलता है।'
चीन के करीब आने की कवायद के बीच पूर्वोत्तर का जिक्र क्यों?
सवाल उठता है कि बांग्लादेश अगर चीन से अपने संबंधों को और करीब ले जाने की चाहत रखता है तो इसमें भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र क्यों किया गया? इसके पीछे की क्या मंशा है? भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में चीन की टेढ़ी नजर हमेशा से रही है। खासकर अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों पर वो अपना हक जताता रहा है। जहां तक भारत की बात है तो उसके लिए सड़क मार्ग से उत्तर बंगाल में 'चिकन नेक' कॉरिडोर के जरिए ही पूर्वोत्तर राज्यों तक पहुँचने का रास्ता रहा है। हालांकि, यह हमेशा से आर्थिक और रणनीतिक रूप से चुनौती भरा रहा है।
चिकन नेक गलियारा दरअसल पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भूमि का एक खंड है जो पूर्वोत्तर क्षेत्र को शेष भारत से जोड़ता है। नेपाल, बांग्लादेश और भूटान इस हिस्से को घेरे हुए हैं।
गौरतलब है कि पिछले करीब डेढ़ दशक में भारत के ढाका के साथ संबंधों को ज्यादा बेहतर करने की कोशिश के पीछे की एक वजह पूर्वोत्तर राज्य भी रहे हैं। दरअसल, शेख हसीना के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान बांग्लादेश से होकर पूर्वोत्तर तक पहुंचने के तरीकों पर भारत लगातार काम कर रहा था। इसमें रेलवे लाइन तैयार करने तक पर बातें हो रही थी। हालांकि पिछले साल बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद इस संबंध में बातचीत में कुछ खास प्रगति नहीं हुई है।
बहरहाल, यूनुस की ताजा टिप्पणियों से ऐसा लगता है कि बांग्लादेश पूर्वोत्तर भारत तक अपनी पहुंच को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। यह भी संभव है कि चीन में बैठकर यूनुस भारत को एक तरह से संदेश या चेतावनी देना चाह रहे हैं। इसमें भी चीन के साथ का 'आमंत्रण' दिल्ली के लिए चिंता का विषय हो सकता है। इसके अलावा चीन को नया साझेदार बनाने की बांग्लादेश की कोशिश पहले से ही तनावपूर्ण भारत-बांग्लादेश संबंधों में और जटिलता पैदा कर रही है।
भारत में यूनुस के बयान पर क्या कहा जा रहा है?
मुहम्मद यूनुस की पूर्वोत्तर राज्यों पर की गई टिप्पणी पर भारत में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस टिप्पणी को 'आपत्तिजनक' और 'बेहद निंदनीय' बताया है। वहीं कांग्रेस के पवन खेड़ा ने कहा है कि ढाका का दृष्टिकोण पूर्वोत्तर के लिए खतरनाक है। साथ ही उन्होंने केंद्र की विदेश नीति पर भी सवाल उठाए।
असम के मुख्यमंत्री सरमा ने यूनुस की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए अधिक मजबूत रेल और सड़क नेटवर्क विकसित करना अब जरूरी है।
सरना ने कहा, 'बांग्लादेश की तथाकथित अंतरिम सरकार के मोहम्मद यूनुस द्वारा दिया गया बयान, जिसमें उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के सात बहन राज्यों को भूमि से घिरा हुआ बताया है और बांग्लादेश को उनके समुद्री पहुंच का संरक्षक बताया है, आपत्तिजनक और कड़ी निंदा योग्य है। यह टिप्पणी भारत के रणनीतिक 'चिकन नेक' कॉरिडोर से जुड़ी लगातार कमजोरियों को भी रेखांकित करती है।'
सरमा ने कहा, 'पहले भी भारत के आंतरिक तत्वों ने पूर्वोत्तर को मुख्य भूमि से अलग करने के लिए इस महत्वपूर्ण मार्ग को काटने का खतरनाक सुझाव दिया है। इसलिए, चिकन नेक कॉरिडोर के नीचे और उसके आसपास और अधिक मजबूत रेलवे और सड़क नेटवर्क विकसित करना ज़रूरी है। इसके अलावा, चिकन नेक को प्रभावी ढंग से दरकिनार करते हुए पूर्वोत्तर को मुख्य भूमि भारत से जोड़ने वाले वैकल्पिक सड़क मार्गों की खोज को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।'
सरमा ने आगे कहा, 'हालांकि इस काम में महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग चुनौतियां हैं, लेकिन दृढ़ संकल्प और नवाचार के साथ इसे प्राप्त किया जा सकता है। मोहम्मद यूनुस के ऐसे भड़काऊ बयानों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि ये गहन रणनीतिक विचारों और दीर्घकालिक एजेंडा को दर्शाते हैं।'
The statement made by Md Younis of Bangladesh so called interim Government referring to the seven sister states of Northeast India as landlocked and positioning Bangladesh as their guardian of ocean access, is offensive and strongly condemnable. This remark underscores the…
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 1, 2025
यूनुस की टिप्पणी पर त्रिपुरा में टिपरा मोथा पार्टी का नेतृत्व करने वाले प्रद्योत माणिक्य ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'समय आ गया है कि भारत अपने उन मूल लोगों का समर्थन हासिल करके समुद्र तक पहुंचने का मार्ग बनाए, जिन्होंने कभी चटगाँव पर शासन किया था, ताकि हम अब उस कृतघ्न शासन पर निर्भर न रहें।'
उन्होंने कहा, 'भारत की सबसे बड़ी गलती 1947 में बंदरगाह को छोड़ देना था, जबकि वहाँ रहने वाले पहाड़ी लोग भारतीय संघ का हिस्सा बनना चाहते थे। यूनुस को लगता होगा कि वे समुद्र के संरक्षक हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि वे लगभग 85 वर्ष की आयु में एक अस्थायी नेता हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस बंदरगाह के बारे में वे बात कर रहे हैं, उससे त्रिपुरा कुछ ही मील की दूरी पर है।'
दूसरी ओर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि बांग्लादेश चीन को भारत की घेराबंदी के लिए आमंत्रित कर रहा है। उन्होंने कहा, 'बांग्लादेश सरकार का दृष्टिकोण हमारे पूर्वोत्तर की सुरक्षा के लिए बहुत खतरनाक है। सरकार मणिपुर पर नजर नहीं रख रही है और चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक गांव बसा लिया है। हमारी विदेश नीति इतनी दयनीय स्थिति में है कि जिस देश के निर्माण में हमने प्रमुख भूमिका निभाई, वह अब हमें घेरने की कोशिश में व्यस्त है।'