भोपालः मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के नतीजे जारी किए हैं। परिणाम की घोषणा सीएम हाउस में मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा की गई। परीक्षा में इस बार लड़कियों ने टॉप किया है। हाई स्कूल की परीक्षा में प्रज्ञा जायसवाल ने टॉप किया है। उन्हें सभी विषयों में पूरे अंक मिले हैं।  

वहीं, हाईस्कूल में दूसरी रैंक पर आयुष द्विवेदी रहे हैं और तीसरी रैंक पर शैजाह फातिमा आईं हैं। मानसी साहू चौथे स्थान पर हैं। सुहानी प्रजापति ने पांचवी रैंक हासिल की है। 

इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रियल द्विवेदी ने टॉप किया है। प्रियल को 492 अंक मिले हैं। 

इन वेबसाइट पर देख सकते हैं रिजल्ट

छात्र mpresults.nic.in पर जाकर रिजल्ट देख सकते हैं। इसके अलावा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट mpbse.nic.in पर भी देख सकते हैं। इसके अलावा मोबाइल ऐप के जरिए भी नतीजे देख सकते हैं। रिजल्ट जारी करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा इस बार परीक्षा में बेटियों ने बाजी मार ली है। 

रिजल्ट चेक करने का तरीका (वेबसाइट के जरिए):

चरण 1: आधिकारिक वेबसाइट mpbse.nic.in या mpresults.nic.in पर जाएं।
चरण 2: "2025 Results" सेक्शन में जाएं और संबंधित कक्षा (10वीं या 12वीं) के रिजल्ट लिंक पर क्लिक करें।
चरण 3: स्क्रीन पर दिए गए विकल्पों में से अपनी कक्षा चुनें और रोल नंबर दर्ज करें।
चरण 4: आपका रिजल्ट स्क्रीन पर दिखाई देगा।
चरण 5: रिजल्ट को डाउनलोड करें और भविष्य के लिए सेव करके रखें।

मोबाइल ऐप के जरिए रिजल्ट देखने का तरीका:

चरण 1: गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से MPBSE मोबाइल ऐप या MP मोबाइल ऐप डाउनलोड करें।
चरण 2: ऐप में ‘Know Your Result’ टैब पर क्लिक करें।
चरण 3: लॉगिन के लिए जरूरी जानकारी भरें।
चरण 4: आपकी कक्षा 10 या 12 का रिजल्ट स्क्रीन पर दिखाई देगा।
चरण 5: रिजल्ट को डाउनलोड कर सुरक्षित रखें।

इस साल परीक्षा में करीब 16.59 लाख छात्र शामिल हुए थे। इनमें से 9.53 लाख छात्रों ने दसवीं और 7.06 लाख छात्रों ने इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी। 

वहीं, सबसे अधिक पास होने वाले छात्रों में नरसिंहपुर जिला पहले स्थान पर रहा है। यहां सर्वाधिक छात्र-छात्राओं ने परीक्षा उत्तीर्ण की थी। 

मोहन यादव ने नतीजे जारी करने के दौरान कहा कि निजी स्कूलों की तुलना में शासकीय स्कूलों ने बाजी मारी है। 

फेल होने वाले छात्रों को मिलेगा दूसरा मौका

मध्य प्रदेश बोर्ड के निर्देशानुसार, परीक्षा में पास होने के न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक अनिवार्य हैं। फेल होने वाले छात्रों को एक और मौका देने का ऐलान किया गया है। ऐसे अभ्यर्थी जो किसी विषय में फेल हो गए हैं, उन्हें दोबारा परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। यह परीक्षा 17 जून से शुरू होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत इसे शुरू किया जा रहा है। 

इस साल एमपी बोर्ड में 10वीं कक्षा का पास प्रतिशत 76.22 प्रतिशत है जबकि इंटरमीडिएट परीक्षा का पास प्रतिशत 74.28 प्रतिशत रहा। वहीं, जो छात्र अपने अंकों से संतुष्ट नहीं हैं वे रि-ईवैल्युएशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।