स्थायी निवास, आर्थिक सहायता...रूस के लिए यूक्रेन जंग में मारे गए तेजपाल सिंह के परिवार को पुतिन सरकार देगी मदद

परमिंदर कौर ने रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए अपने पति को आधिकारिक मान्यता न देने के लिए मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास की आलोचना की।

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Moscow gives PR to widow Parminder Kaur of Indian Tejpal Singh serving in Russian army who 'died' in Russia-Ukraine war

प्रतीकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

चंडीगढ़: यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में जान गवाने वाले तेजपाल सिंह के परिवार के पांच सदस्यों को रूसी सरकार ने स्थायी निवास (पीआर) देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी साल मार्च में यूक्रेन के ज़ापोरीज़िया में रूसी सेना के लिए लड़ाई करते हुए भारतीय निवासी तेजपाल की मौत हो गई थी।

तेजपाल की पत्नी परमिंदर कौर ने पुष्टि की कि उन्हें पीआर मिल गया है और परिवार के बाकी लोगों जिसमें उनके बच्चों और तेजपाल के माता-पिता को रूस जाने के बाद स्थायी निवास मिलेगा।

‘द ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, तेजपाल की मौत के बाद, मार्च से ही रूसी सरकार परमिंदर के बच्चों, सात वर्षीय अरमानदीप सिंह और चार वर्षीय गुरनाजदीप कौर को उनकी शिक्षा और आवास खर्चों के लिए 20 हजार रुपए का मासिक भत्ता प्रदान कर रही है।

तीन महीने रूस में बिताने के बाद इसी हफ्ते भारत वापस आई परमिंदर ने बताया कि उनके पति के अवशेषों के बारे में रूस सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी है।

कागजी कार्रवाई को अंतिम रूप देने के लिए वह फरवरी में फिर से मॉस्को जाने वाली है। परमिंदर ने कहा कि चूंकि उन्हें रूस का स्थायी निवास मिल गया है, लेकिन उनका रूस में बसने का कोई इरादा नहीं है।

परमिंदर का कहना है कि वह रूस से भारत आती-जाती रहेंगी। परिवार मई 2025 में रूस जाने का विचार कर रहा है, जब वहां की सर्दी खत्म हो जाएगी।

रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए तेजपाल की पत्नी ने भारतीय दूतावास की आलोचना की

रूस में कागजी कार्रवाई पर बोलते हुए परमिंदर ने कहा है कि एक भारतीय-रूसी जोड़े ने रूस में उनकी बहुत मदद की है। उन लोगों ने परमिंदर को अपने यहां रखा है और आवास और उनके पति के मामले के लिए आवश्यक दस्तावेजीकरण के जरूरी मदद भी की है।

परमिंदर ने रूस-यूक्रेन युद्ध में "मारे" गए अपने पति को आधिकारिक मान्यता नहीं देने के लिए मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास की आलोचना की। उन्होंने बताया कि तीन बार दूतावास का दौरा करने के बावजूद, वह केवल एक बार एक वरिष्ठ अधिकारी से मिल पाई, और इसके बाद उन्हें कोई और मदद नहीं दी गई।

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भारतीय सेना में भर्ती होना चाहता था तेजपाल सिंह

मूल रूप से पंजाब के बटाला के चहल खुर्द गांव के रहने वाला तेजपाल सेना में भर्ती होना चाहता था। उसने भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों और पंजाब पुलिस में आवेदन किया था, लेकिन उनका चयन नहीं हुआ। अपने परिवार का खर्च उठाने के लिए उसने रूसी सेना जॉइन की।

दिसंबर 2023 में तेजपाल ने बैंकॉक के रास्ते रूस की यात्रा की और 12 जनवरी को मॉस्को पहुंचने के बाद उसने 13 जनवरी को रूसी सेना द्वारा आवश्यक शारीरिक और चिकित्सा परीक्षण पास किए।

इसके बाद 12 मार्च को यूक्रेन के साथ जारी युद्ध में उसकी मौत हो गई। तेजपाल की पत्नी, परमिंदर, पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली हवाई अड्डे पर काम कर रही हैं। इससे पहले, वह साइप्रस में भी काम कर चुकी हैं।

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