नई दिल्ली/काहिराः सऊदी अरब में इस साल भीषण गर्मी की वजह से 1000 से ज्यादा हज यात्रियों की मौत हो चुकी है। इसमें 98 भारतीय शामिल हैं। मरने वालों में करीब 658 अकेले मिस्र के हैं जिनमें 630 अपंजीकृत तीर्थयात्री थे।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हज यात्रा के दौरान लगभग 10 देशों ने 1,081 लोगों की मौत की सूचना दी है। मरने वालों में ईरान, भारत, इंडोनेशिया, मिस्र, जॉर्डन, ट्यूनीशिया के नागरिक हैं। कई देशों के नागरिक लापता भी हैं जिनकी खोज की जा रही है। भारत से हज पर गए 98 लोगों की मौत हुई है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि इस साल सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान प्राकृतिक कारणों और दुर्घटनाओं के कारण 98 भारतीयों की मौत हो गई। पिछले सप्ताह के अंत में भारत से 175,000 से अधिक तीर्थयात्री हज यात्रा के लिए गए थे।
#WATCH | Delhi: On the death of Hajj pilgrims from India, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, “This year, 175,000 Indian pilgrims have visited Hajj so far… We have 98 Indian pilgrims who have died in Hajj…” pic.twitter.com/8vEVzOjQ8j
— ANI (@ANI) June 21, 2024
शुक्रवार को नई दिल्ली में साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हर साल हमारे यहां से बड़ी संख्या में भारतीय तीर्थयात्रा के लिए हज पर जाते हैं। इस साल, हमारे यहां से लगभग 1,75,000 भारतीय हज पर गए हैं। मुख्य तौर पर हज का समय 9 मई से 22 जुलाई तक है।”
उन्होंने कहा, ”अब तक हमने अपने 98 नागरिकों को खो दिया है। ये मौतें प्राकृतिक कारणों, पुरानी बीमारी और बुढ़ापे के कारण हुई हैं। अराफात के दिन छह भारतीयों की मौत हुई और चार भारतीयों की मौत दुर्घटनाओं के कारण हुई। पिछले साल हज के दौरान 187 भारतीयों की मौत हुई थी।”
ऐसा माना जा रहा है कि इस वर्ष की तीर्थयात्रा के दौरान भीषण गर्मी के कारण विभिन्न देशों से आए सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो गई।
कई देशों के नागरिक लापता
हज के दौरान सैकड़ों मिस्रवासियों की मौत की खबरों के बीच मिस्र के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसने अस्पतालों का दौरा करने और लापता नागरिकों को खोजने के लिए मक्का में अपनी वाणिज्य दूतावास टीमों को तैनात किया है।
इसी प्रकार जॉर्डन के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान लू लगने से 41 जॉर्डनियों की मौत हो गई। हाल के दिनों में तापमान में वृद्धि के कारण यह स्थिति बनी हुई है। मक्का में लू लगने से मरने वाले जॉर्डन के तीर्थयात्रियों को दफनाया जा रहा है। लापता तीर्थयात्रियों की तलाश की जा रही है।
सोमवार को, सऊदी अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों को धूप से बचने की चेतावनी जारी की। सोमवार को इस्लाम के सबसे पवित्र शहर में 51.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जबकि अन्य नजदीकी पवित्र स्थलों पर अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
भारत ने तीर्थयात्रियों को मार्गदर्शन देने, खोए हुए तीर्थयात्रियों का पता लगाने तथा तीर्थयात्रा पर जाने वाले अपने नागरिकों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की। 18 जून को भारतीय हज मिशन ने कहा कि उसने इस वर्ष की तीर्थयात्रा के दौरान 100 से अधिक तीर्थयात्रियों को उनके परिवारों से मिलाकर आवश्यक सहायता प्रदान की।
सऊदी अरब में भारत के राजदूत डॉ. सुहेल एजाज खान और जेद्दा में भारत के महावाणिज्य दूत शाहिद आलम भी भारतीय हज यात्रियों से बातचीत करने के साथ उनकी प्रतिक्रिया लेने के अलावा उनके समग्र कल्याण का जायजा लेने के लिए शिविरों का दौरा कर रहे हैं।
बता दें हज इस्लाम के पाँच जरूरी अंगों में से एक है। कई देशों से हर साल लाखों में लोग हज की यात्रा पर जाते हैं। इस साल हज गरमी के मौसम में पड़ा, जिस दौरान सऊदी अरब में बहुत ज्यादा गर्मी होती है। हज का समय चांद के कैलेंडर के हिसाब से तय होता है। इस हफ्ते मक्का की ग्रैंड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस (125 डिग्री फारेनहाइट) तक पहुंच गया। पिछले महीने प्रकाशित एक सऊदी अध्ययन में बताया गया था कि इस इलाके में हर दशक में तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है।
–आईएएनएस इनपुट के साथ