नई दिल्लीः केरल में मानसून ने दस्तक दी है। आमतौर पर केरल में एक जून के आसपास मानसून आता है। हालांकि, इस बार मानसून करीब हफ्ते भर पहले आ चुका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के डेटा के मुताबिक, साल 2009 के बाद से ऐसा पहली बार देखा जा रहा है। 

वहीं, साल 2024 की बात करें तो केरल में मानसून 30 मई को पहुंचा था। भारत में मानसून सबसे पहले केरल में आता है। उसके बाद यह उत्तर भारत की ओर पहुंचता है। 

दक्षिण कोंकण तट से दूर पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर एक सुस्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र एक अवदाब में परिवर्तित हो गया तथा पूर्व मध्य अरब सागर और समीपवर्ती दक्षिण कोंकण तट पर केंद्रित हो गया। 

केरल में बारिश बढ़ने की संभावना

आईएमडी के मुताबिक, इसके लगभग पूर्व की ओर बढ़ने तथा शनिवार की दोपहर तक एक अवदाब के रूप में रत्नागिरी और दापोली के बीच दक्षिण कोंकण तट को पार करने की संभावना है तथा केरल में बारिश बढ़ने की भी संभावना है। 

आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, चूंकि यह इस बार मानूसन पहले आ गया है। साल 2009 के बाद से यह भारत की भूमि पर आने वाला सबसे जल्दी पहुंचा है। 2009 में  मानसून 23 मई को पहुंचा था। आईएमडी के वैज्ञानिकों ने इस साल मानसून समय से पहले आने का पूर्वानुमान लगाया था। 

ऐसे में मानसून की दस्तक के बाद अब अगले कुछ दिनों में ज्यादा बारिश की संभावना जताई जा रही है। वहीं, राजस्थान के पश्चिमी इलाकों में गर्मी और भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। 

केरल, गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात के तटीय इलाकों में आने वाले दिनों में ठीकठाक बारिश का अनुमान लगाया जा रहा है। इन राज्यों में आंधी-तूफान की भी संभावना है। 

मौसम विभाग ने तटीय इलाकों में आंधी तूफान की चेतावनी जारी करते हुए 27 मई तक समुद्र में जाने से रोक लगाई है।