नई दिल्लीः दिल्ली में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद मोहल्ला क्लिनिक के नाम को बदलने पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो भाजपा इसका नाम बदलकर ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ कर सकती है।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि केंद्र सरकार की स्वास्थ्य मंत्रालय दिल्ली सरकार से इन क्लिनिकों की स्थिति पर रिपोर्ट मांगेगा और यह जांच करेगा कि क्या इन्हें ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ में बदला जा सकता है।
इस बीच, स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा सरकार की प्राथमिकता में है। नई सरकार तय करेगी कि मोहल्ला क्लिनिक उसी नाम से जारी रहेंगे या उनके मॉडल में बदलाव किया जाएगा।
आयुष्मान भारत योजना के तहत होगा नया बदलाव?
स्वास्थ्य मंत्रालय आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना (AB-PMJAY) के क्रियान्वयन पर भी ध्यान देगा। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में लगभग 51 लाख लोगों को आयुष्मान भारत कार्ड जारी किए जाने की योजना है। यदि मोहल्ला क्लीनिकों को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में बदला जाता है, तो उन्हें इस योजना के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
गौरतलब है कि भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन और हेल्थ इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम को दिल्ली में जल्द लागू करने की मांग की है।
भाजपा विधायक ने पत्र में कहा कि इन योजनाओं से दिल्लीवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी और बिगड़ी सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल सरकार की हठधर्मिता और भ्रष्टाचार के कारण यह योजना अब तक दिल्ली में लागू नहीं हो सकी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2021 में शुरू किया गया यह मिशन देशभर में सफलतापूर्वक लागू हो चुका है, लेकिन दिल्ली में रुका हुआ है। केंद्र सरकार ने इसके लिए 2,406 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था, जिसके तहत 1,139 अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, 11 जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं और 9 क्रिटिकल केयर ब्लॉक
मोहल्ला क्लिनिकों का मौजूदा स्वरूप
सूत्रों के अनुसार, "सरकार मोहल्ला क्लिनिकों में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर गंभीर है। दिल्ली के नए स्वास्थ्य मंत्री से इस बारे में रिपोर्ट मांगी जाएगी और देखा जाएगा कि क्या इन्हें आयुष्मान आरोग्य मंदिर में बदला जा सकता है।"
आप सरकार ने दिल्ली में करीब 300 मोहल्ला क्लिनिक संचालित किए थे, जबकि 700 और स्थापित करने की योजना थी। इन क्लिनिकों में वंचित समुदायों के लिए मुफ्त जांच और जरूरी दवाएं उपलब्ध कराई जाती थीं। यहां कम से कम 200 प्रकार की जांच और 110 आवश्यक दवाएं निशुल्क प्रदान की जाती थीं।