Modi 3.0: अर्थव्यवस्था में मजबूती से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक, एक साल में मोदी सरकार के 5 बड़े कदम

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद पर 11 साल पूरे हो गए हैं। पिछले साल 2024 में मोदी ने 9 जून को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।

Narednra Modi

Photograph: (IANS)

Modi 3.0 Report Card: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल ने 9 जून (सोमवार) को 11 साल पूरे कर लिए। इसी के साथ पीएम मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल का एक साल भी पूरा हुआ। पिछले साल पीएम मोदी ने 9 जून को ही राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। यह साल भी मोदी सरकार के लिए काफी व्यस्त रहा। इस दौरान पाकिस्तान के साथ तनातनी, ऑपरेशन सिंदूर सहित डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका में आने के बाद बदली हुई परिस्थितियां मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौतियां रहीं। आइए नजर डालते हैं मोदी सरकार 3.0 के गुजरे एक साल पर और इस दौरान क्या 5 अहम कदम उठाए गए।

ऑपरेशन सिंदूर

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी के सामने सबसे बड़ी चुनौती पाकिस्तान को कड़ा संदेश देना था। ऐसे में ऑपरेशन सिंदूर का सफलतापूर्वक अंजाम दिया जाना संभवत: मोदी सरकार के लिए पिछले एक साल में सबसे बड़ी उपलब्धि रही। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया। 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। इसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय सेना और रिहाइशी इलाकों पर हमला किया, जिसका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान के कई एयरबेस भी तबाह हुए। आखिरकार पाकिस्तान ने युद्धविराम की गुहार लगाई और आखिरकार यह संघर्ष रूका। इस पूरे प्रकरण से भारत ने पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया को संदेश दिया कि अब वह भविष्य में सुरक्षा के मामले में कोई कड़ा कदम उठाने से परहेज नहीं करेगा।

विकसित भारत की ओर बढ़ते कदम

पीएम मोदी का एक लक्ष्य ऐसा आधार तैयार करना है कि 2047 तक भारत एक विकसित देश बन जाए। इस सपने को साकार करने के लिए पीएम मोदी की सरकार देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। अपने तीसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में भी देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं। प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के ठीक एक दिन बाद 10 जून को पीएम मोदी ने किसान निधि योजना के तहत 9.3 करोड़ किसानों को 20,000 करोड़ रुपये जारी करने पर हस्ताक्षर किए। 1 फरवरी, 2025 को पूर्ण बजट में मध्यम वर्ग को आयकर में महत्वपूर्ण राहत दी गई। इसके तहत 12.75 लाख रुपये तक की आय वाले लोग कर के दायरे से बाहर रहेंगे।

सरकार ने 31 प्रतिशत एंजल टैक्स को समाप्त करने की घोषणा की, जिसे लेकर कहा जा रहा था कि यह 2012 से स्टार्ट-अप्स पर बोझ बन रहा था। सरकार ने विदेशी कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत कर दिया। इसके अलावा अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्ट-अप्स के लिए 1000 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष स्थापित किया। भारत चालू वित्त वर्ष के अंत तक दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। 2024-25 की चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे वित्त वर्ष 2025 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह सबकुछ उस समय हुआ वैश्विक बाजार में अनिश्चितताओं सहित कई गंभीर चुनौतियां बनी हुई हैं।

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत ने दो बड़े ट्रेड डील भी किए हैं। पहला भारत के यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के साथ मुक्त व्यापार समझौता है। आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विटजरलैंड EFTA के चार सदस्य हैं। दूसरा भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता (FTA) था, जिसके तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होकर 120 बिलियन डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है। भारत अभी अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर भी बातचीत कर रहा है।

भारत के लिए नया क्रिमिनल कोड

मोदी सरकार ने पिछले साल देश के लिए तीन नए आपराधिक कानून - भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) पेश किए। इन कानूनों ने औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली। गृह मंत्री अमित शाह ने तब कहा था, 'ये कानून भारतीयों द्वारा, भारतीयों के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाए गए हैं और औपनिवेशिक आपराधिक न्याय कानूनों का अंत करते हैं।' उन्होंने कहा कि ये कानून सिर्फ नाम बदलने के बारे में नहीं हैं बल्कि पूरी तरह से बदलाव लाने के बारे में हैं। उन्होंने कहा कि नए कानूनों की "आत्मा, शरीर और भावना" भारतीय है।

देश में बुनियादी ढांचे का विकास

पीएम मोदी के इस कार्यकाल में एक और उपलब्धि हाल में आई, जब कश्मीर को पूरे देश से रेल मार्ग से जोड़ दिया गया। 6 जून को चिनाब ब्रिज का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया। यह ब्रिज 272 किलोमीटर लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है।

पिछले साल अगस्त में मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला भी रखी थी। इस परियोजना का उद्देश्य एक अत्याधुनिक समुद्री मार्ग बनाना है, जिससे भारत की व्यापार क्षमताएं बढ़ने की उम्मीद है।

इसके अलावा इसी कार्यकाल में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-4 (पीएमजीएसवाई-IV) के तहत 25,000 असंबद्ध गांवों को जोड़ने के लिए 62,500 किलोमीटर सड़कों और पुलों के निर्माण/उन्नयन को मंजूरी दी गई, जिसके लिए 49,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता दी गई है। इन असंबद्ध गांवों में से कई की आबादी 100 लोगों से भी कम है। सरकार ने 50,600 करोड़ रुपये के निवेश से भारत के सड़क नेटवर्क को और मजबूत करने को भी मंजूरी दी है। इसमें 936 किलोमीटर तक फैली आठ राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है।

वैश्विक कूटनीति के मामले में भारत की बढ़ती साख

तीसरे कार्यकाल में पीएम मोदी की विदेश नीतियां भी चर्चित रही हैं। तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद मोदी इटली की यात्रा पर गए जहां उन्होंने जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया और इस दौरान उन्होंने राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।

इसके बाद, जुलाई में, प्रधानमंत्री मोदी रूस और ऑस्ट्रिया की दो दिवसीय महत्वपूर्ण यात्रा पर गए। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यह पहली बार था जब पीएम मोदी मॉस्को गए। रूस की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 22वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी को रूसी राष्ट्रपति पुतिन द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन संकट का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद भी दिया।

रूस की अपनी यात्रा के लगभग छह सप्ताह बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन का दौरा किया, जहां उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान पर चर्चा की। फिर फरवरी की शुरुआत में, पीएम मोदी ने फ्रांस का दौरा किया, जहां वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में सह-अध्यक्ष थे।

पीएम डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद उनसे मिलने वाले कुछ पहले विदेशी नेताओं में से एक थे। यह दौरा फरवरी-2025 में हुआ था। इस दौरान दोनों पक्ष एक व्यापार समझौते पर बातचीत करने और एक नए डिफेंस फ्रेमवर्क को अंतिम रूप देने पर भी सहमत हुए। इसी दौरे के दौरान ट्रंप ने पुष्टि की कि अमेरिका ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, जिस पर 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले में भूमिका निभाने का आरोप है।

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