नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी ने रविवार को तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इसी के साथ लगातार तीन कार्यकाल तक पीएम प संभालने के मामले में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू की भी बराबरी कर ली। दिलचस्प ये है 71 मंत्रियों के साथ उनकी नई टीम पिछली दोनों टीमों से बड़ी है। फिलहाल ये भी नजर आया कि गठबंधन का नेतृत्व करते हुए मंत्रिपरिषद बनाने में उन्होंने बहुत ज्यादा परेशानी नहीं हुई।
खासकर टीडीपी और जदयू को लेकर ऐसा कहा जा सकता है। सबसे ज्यादा मुश्किल आने की आशंका इन पार्टियों को ही तैयार करने के दौरान ही आने की थी। हालांकि, ऐसा होता नजर नहीं आया। वैसे मोदी मंत्रिमंडल में 11 मंत्री चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू, चिराग पासवान की एलजेपी (आरवी), और एकनाथ शिंदे की शिवसेना जैसे एनडीए सहयोगियों से हैं।
2014 के बाद सबसे बड़ी मंत्रिपरिषद
नए मंत्रिमंडल में 30 कैबिनेट रैंक के और 36 राज्य मंत्री के तौर पर शामिल हैं। ऐसे में 2014 के बाद यह सबसे बड़ी मंत्रिपरिषद है। ये सभी देशभर के 24 राज्यों से आते हैं। सबसे ज्यादा मंत्री उत्तर प्रदेश (11) से हैं। इसके बाद बिहार (8) और फिर महाराष्ट्र और गुजरात (6) का स्थान है।
मध्य प्रदेश से 6, कर्नाटक से 5 और हरियाणा से तीन मंत्री हैं। इसके अलावा ओडिशा से तीन, असम से दो, आंध्र प्रदेश से तीन, राजस्थान से चार, झारखंड से दो और अरुणाचल प्रदेश से एक मंत्री शामिल हैं। तेलंगाना से 2, जम्मू-कश्मीर और गोवा से 1-1 सहित पश्चिम बंगाल और केरल से भी दो-दो सांसद मंत्रिपरिषद में शामिल हैं। उत्तराखंड, पंजाब, छत्तीसगढ़ और दिल्ली से एक-एक सांसद मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए हैं।
भाजपा के पास कई महत्वपूर्ण मंत्रालय रहेंगे बरकरार
शपथ ग्रहण से एक संदेश ये भी गया है कि महत्वपूर्ण मंत्रालयों को संभवत: भाजपा अपने पास रखने में कामयाब होगी। इसमें रक्षा, वित्त, गृह और विदेश मंत्रालय आदि शामिल हैं। मौजूदा सरकार में अब मोदी समेत सात पूर्व मुख्यमंत्री हैं और चार भाजपा प्रमुख हैं। इससे भाजपा के लिए अपनी नीतियों पर आगे बढ़ना आसान होगा। जहां तक मंत्रिपरिषद में सामाजिक समीकरण की बात है तो इस मंत्रिपरिषद में भी एससी-एसटी सहित ओबीसी को बड़ा प्रतिनिधित्व दिया गया है।
नई मोदी कैबिनेट में 27 ओबीसी और 15 एस/एसटी वर्ग से हैं। चुनाव के दौरान खासकर जिस तरह से भाजपा के खिलाफ विपक्ष की ओर से ये माहौल बनाया गया था कि मोदी सरकार की वापसी पर आरक्षण खत्म किया जाएगा, उसके उलट नई कैबिनेट से एक अलग संदेश जाएगा
कोई मुस्लिम मंत्री नहीं
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार यह संभवत: पहली बार है कि चुनाव के बाद किसी मुस्लिम सांसद ने मंत्री पद की शपथ नहीं ली है। दिलचस्प बात यह है कि मुख्तार अब्बास नकवी के दोबारा राज्यसभा के लिए नहीं चुने जाने के बाद निवर्तमान मंत्रिपरिषद में भी कोई मुस्लिम मंत्री नहीं था। इससे पहले तक हर आम चुनाव के बाद शपथ लेने वाली मंत्रिपरिषद की संरचना में कम से कम एक मुस्लिम सांसद होता था। वैसे नई कैबिनेट में 5 अल्पसंख्यक मंत्री जरूर शामिल हैं।
साल 2014 में जब पीएम नरेंद्र मोदी ने पहली बार शपथ ली थी तब नजमा हेपतुल्ला को शपथ दिलाई गई थी। उन्हें अल्पसंख्यक मामलों का मंत्री बनाया गया। साल 2019 में नकवी ने शपथ ली और वह भी अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री बने। इस मंत्रिपरिषद में मुस्लिम प्रतिनिधित्व न होने का एक कारण यह भी है कि एनडीए सहयोगियों से कोई भी मुस्लिम उम्मीदवार 18वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित नहीं हुआ।
निचले सदन के लिए चुने गए 24 मुस्लिम सांसदों में से 21 इंडिया ब्लॉक से हैं। इसके अलावा ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के असदुद्दीन ओवैसी और दो निर्दलीय – अब्दुल रशीद शेख उर्फ ‘इंजीनियर रशीद’ और जम्मू-कश्मीर से मोहम्मद हनीफा हैं।
मोदी कैबिनेट में महिला मंत्री कितने हैं?
18वीं लोकसभा की नई मंत्रिपरिषद में सात महिलाओं को शामिल किया गया है। इनमें दो कैबिनेट भूमिका में हैं। पिछली
परिषद जो 5 जून को भंग हो गई थी, उसमें 10 महिला मंत्री थीं। मंत्रिपरिषद से बाहर होने वालों में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, राज्य मंत्री भारती पवार, साध्वी निरंजन ज्योति, दर्शना जरदोश, मीनाक्षी लेखी और प्रतिमा भौमिक शामिल हैं।
वहीं, नई महिला मंत्रियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, भाजपा सांसद अन्नपूर्णा देवी, शोभा करंदलाजे, रक्षा खडसे, सावित्री ठाकुर और निमुबेन बंभानिया और अपना दल सांसद अनुप्रिया पटेल हैं। सीतारमण और अन्नपूर्णा देवी को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है जबकि अन्य को राज्य मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। इस साल लोकसभा चुनाव में कुल 74 महिलाओं ने जीत हासिल की जो 2019 में निर्वाचित 78 से कम है।
नई कैबिनेट में कौन-कौन शामिल, पूरी लिस्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद दूसरे नंबर पर राजनाथ सिंह और तीसरे नंबर पर अमित शाह ने केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में नितिन गडकरी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, निर्मला सीतारमण, एस. जयशंकर ने केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया। वह करनाल लोकसभा सीट से जीतकर पहली बार संसद पहुंचे हैं। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मोदी 3.0 में कैबिनेट मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। भाजपा नेता पीयूष गोयल ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। वह मोदी सरकार में तीसरी बार मंत्री बने हैं।
इसके अलावा धर्मेंद्र प्रधान, जीतनराम मांझी ने मोदी 3.0 में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। मांझी पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं। जेडीयू नेता और बिहार के मुंगेर से सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं।
असम के पूर्व मुख्यमंत्री और असम के डिब्रूगढ़ से भाजपा सांसद सर्बानंद सोनेवाल, एमपी के टीकमगढ़ से भाजपा सांसद वीरेंद्र कुमार, आंध्र प्रदेश की श्रीकाकुलम से लोकसभा सीट से तेलुगु देशम पार्टी के सांसद राममोहन नायडू, भाजपा नेता प्रल्हाद जोशी, जुएल उरांव कैबिनेट मंत्री बने।
गिरिराज सिंह, अश्विनी वैष्णव, ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत, अन्नपूर्णा देवी, किरेन रिजिजू, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख मांडविया, जी. किशन रेड्डी, चिराग पासवान, सीआर. पाटिल ने एनडीए सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
राव इंद्रजीत सिंह, जितेंद्र सिंह, अर्जुन राम मेघवाल, प्रताप राव जाधव, जयंत चौधरी, जितिन प्रसाद, श्रीपद यशो नाइक, पंकज चौधरी, कृष्णपाल गुर्जर, रामदास अठावले, रामनाथ ठाकुर, नित्यानंद राय, अनुप्रिया पटेल, वी. सोमन्ना, चंद्रशेखर सम्मानी, एसपी सिंह बघेल, शोभा करांदलाजे, कीर्तिवर्धन सिंह, बनवारी लाल वर्मा, शांतनु ठाकुर, सुरेश गोपी, एल मुरुगन, अजय टम्टा, बी. संजय कुमार, कमलेश पासवान, भागीरथ चौधरी, सतीश दुबे, संजय सेठ, रवनीत सिंह बिट्टू, दुर्गादास उइके, रक्षा खडसे, सुकांत मजूमदार, सावित्री ठाकुर, तोखन साहू, राजभूषण निषाद, भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा, हर्ष मल्होत्रा, नीमूबेन बमभानिया, मुरलीधर मोहोल, जॉर्ज कुरियन, पबित्रा मार्गेरिटा।