नई दिल्लीः पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सात मई को सुरक्षा ड्रिल कराने के निर्देश दिए हैं। यह ड्रिल साल 1971 में हुए पाकिस्तान के विरुद्ध युद्ध के बाद पहली बार हो रही है। इसमें नागरिकों को कुछ महत्वपूर्ण चीजें जैसे कैश, टॉर्च और मेडिकल किट अपने साथ रखने को कहा गया है।

इस के तहत देश के 244 स्थानों पर सुरक्षा ड्रिल कराया जाएगा। इसे कराने का उद्देश्य नागरिकों को प्रशिक्षित करना है। 

गृह मंत्रालय ने क्या बताया?

गृह मंत्रालय द्वारा इस बाबत जारी किए गए बयान के अनुसार, ड्रिल एयर रेड सायरन और ब्लैकआउट की परिस्थितियों नागरिकों को क्या करना है, इस बारे में होगी। इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि नागरिकों को निर्देश दिया जाएगा कि वे अतिरिक्त आपूर्ति, टॉर्च और मोमबत्तियों सहित चिकित्सा किट रखें।

इसके अलावा लोगों को यह भी सलाह दी जाएगी वे अपने साथ कैश रखें ताकि मोबाइल फोन बंद होने या अन्य डिजिटल ट्रांजैक्शन बंद होने पर भी काम किया जा सके।  

गृह मंत्रालय ने इस अभ्यास के पीछे का कारण "नए और जटिल खतरों" को बताया है। समीक्षा में 244 जगहों में से 100 से ज्यादा जगहों को विशेष रूप से संवेदनशील माना गया है। 

मॉक ड्रिल में क्या उपाय होंगे?

इस मॉक ड्रिल में कई महत्वपूर्ण उपाय शामिल होंगे इसमें हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन को सक्रिय करना, किसी हमले के दौरान नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नागरिक सुरक्षा के लिए नागरिकों को प्रशिक्षित करना तथा बंकरों और खाइयों की सफाई करना शामिल है। 

इसके अलावा राज्य के मुख्य सचिवों को ब्लैकआउट के दौरान होने वाले प्रावधानों, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों को शीघ्र छुपाना और उनका पूर्वाभ्यास कराना शामिल है।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है। भारत के पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं। इसमें सिंधु जल संधि को समाप्त करना तथा पाकिस्तान से आने वाले सभी सामानों के आयात पर पूर्णतः प्रतिबंध का ऐलान किया गया है।