चेन्नईः तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए दक्षिण भारतीय राज्यों समेत पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। उन्होंने राज्यों से संयुक्त कार्रवाई समिति (Joint Action Committee - JAC) बनाने की अपील की, ताकि परिसीमन को लेकर केंद्र के कदम के खिलाफ सामूहिक रणनीति तैयार की जा सके।
स्टालिन ने पत्र में लिखा कि वह दो महत्वपूर्ण अनुरोधों के साथ संपर्क कर रहे हैं। पहला, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के साथ पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब से औपचारिक सहमति देने की अपील है। दूसरा, इन राज्यों से वरिष्ठ प्रतिनिधि को संयुक्त कार्रवाई समिति के सदस्य के रूप में नामित करने को कहा गया है, जो तमिलनाडु की संयुक्त रणनीति का समन्वय करने में मदद करेगा।
The Union Govt's plan for #Delimitation is a blatant assault on federalism, punishing States that ensured population control & good governance by stripping away our rightful voice in Parliament. We will not allow this democratic injustice!
— M.K.Stalin (@mkstalin) March 7, 2025
I have written to Hon'ble Chief… pic.twitter.com/1PQ1c5sU2V
स्टालिन ने 22 मार्च को चेन्नई में प्रस्तावित बैठक में शामिल होने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चंद्र मांझी समेत सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों निमंत्रण दिया है। इसके अलावा इन राज्यों के वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। इसमें कांग्रेस, बीजेपी, सीपीआई(एम), आम आदमी पार्टी (AAP), टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, बीजेडी और अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया गया है। ताकि सभी राज्यों की सामूहिक रणनीति तैयार की जा सके। स्टालिन ने कहा है कि हम अलग-अलग राजनीतिक इकाइयों के रूप में नहीं, बल्कि अपने लोगों के भविष्य के रक्षक के रूप में एक साथ खड़े हों।"
क्या है विवाद?
परिसीमन प्रक्रिया में लोकसभा सीटों के पुनर्वितरण का प्रस्ताव है, जो राज्यों की जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा। दक्षिण भारतीय राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण में बेहतर प्रदर्शन किया है, जबकि उत्तर भारतीय राज्यों में जनसंख्या वृद्धि तेज रही है। ऐसे में परिसीमन के बाद उत्तर भारतीय राज्यों को अधिक सीटें मिल सकती हैं, जबकि दक्षिण के राज्यों की सीटों में कटौती हो सकती है। स्टालिन का कहना है कि यह उन राज्यों के साथ अन्याय होगा, जिन्होंने परिवार नियोजन को सफलतापूर्वक लागू किया है।
स्टालिन ने गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर भी सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने कहा था कि दक्षिण भारतीय राज्यों की लोकसभा सीटों में कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि शाह ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उत्तर भारतीय राज्यों को अधिक सीटें नहीं मिलेंगी, जिससे दक्षिण के राज्यों का राजनीतिक प्रभाव कम होगा।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी परिसीमन प्रक्रिया को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि भाजपा इसे दक्षिण भारतीय राज्यों को कमजोर करने के "औजार" के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी को भी लिखा पत्र
इससे पहले एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर परिसीमन प्रक्रिया को 1971 की जनसंख्या गणना के आधार पर करने की मांग की थी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राज्यों को जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से परिसीमन की प्रक्रिया अगले 30 सालों के लिए स्थगित कर दी जाए।
डीएमके नेताओं ने परिसीमन के विरोध में यहां तक कहा कि नवविवाहित जोड़ों को अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए ताकि तमिलनाडु की जनसंख्या में वृद्धि हो और भविष्य में परिसीमन से नुकसान से बचा जा सके।