नई दिल्लीः गृह मंत्रालय ने 19 पूर्व केंद्रीय मंत्रियों की सुरक्षा हटाने का निर्देश दिया है। इन मंत्रियों में केंद्रीय राज्य मंत्री हैं। इन मंत्रियों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी सुरक्षा मिल रही थी। गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को सुरक्षा हटाने का निर्देश दिया है। हालांकि, मंत्रालय ने यह निर्देश दिया है कि भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की सुरक्षा अगले छह महीने तक बढ़ाई जाए। 

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने दो जनवरी को गृह मंत्रालय का रुख किया था। इस दौरान पुलिस ने उन राज्य मंत्रियों की सूची सौंपी थी जिनका कार्यकाल खत्म होने के बाद भी सुरक्षा जारी थी। बीते साल दिल्ली पुलिस द्वारा ऑडिट किए जाने के बाद यह फैसला लिया गया था। 

अधिकारी ने क्या बताया?

एक अधिकारी ने बताया "ऑडिट में यह पता चला कि कुछ वरिष्ठ नेता कार्यकाल खत्म होने के बाद भी सुरक्षा कवर ले रहे थे। बहुत से मामलों में सुरक्षा समीक्षा लंबे समय से नहीं की गई थी।"

ऑडिट के बाद कई लोगों की सुरक्षा वापस ले ली गई। हालांकि, समीक्षा में पाया गया कि कई पूर्व राज्य मंत्रियों को अब भी पद पर न रहने के बावजूद सुरक्षा मिल रही है। 

इंडियन एक्सप्रेस ने अधिकारी के हवाले से लिखा कि ऐसे लोगों की सूची गृह मंत्रालय को भेजी गई है जिनके नाम इस सूची में दिए गए हैं। इन लोगों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में पूर्व राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, पूर्व पंचायती राज मंत्री बिरेंद्र सिंह, पूर्व संचार राज्य मंत्री जसवंत सिंह सुमनभाई भाभोर और पूर्व विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे का नाम भी शामिल है।

अधिकारी ने बताया कि इस सूची में राज्य मंत्रियों के अलावा गृह मंत्रालय ने कुछ सांसदों और वरिष्ठ जजों को भी शामिल किया है। हालांकि, कुछ जजों का सुरक्षा कवर बरकरार रखा गया है। 

क्या हैं मौजूदा नियम?

मौजूदा नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति को पद या धमकी के आधार पर प्रदान की गई सुरक्षा की समीक्षा उसके कार्यकाल के पूरा होने के बाद की जाती है। 

इस सूची में पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह और राज्य मंत्री अजय भट्ट का नाम भी शामिल था। हालांकि, इन लोगों की सुरक्षा भी बरकरार रखी गई है। इसी तरह पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की भी सुरक्षा छह महीने के लिए बढ़ाई गई है। 

खुफिया एजेंसियों द्वारा किए गए ऑडिट के आधार पर गृह मंत्रालय सुरक्षा प्रदान करता है। वहीं, कुछ व्यक्तियों को सरकार में उनके पद के अनुसार, सुरक्षा कवर प्रदान किया जाता है।