नई दिल्लीः मेटा इंडिया ने बुधवार को कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग की हालिया टिप्पणी को लेकर माफी मांग ली है। जुकरबर्ग ने कहा था कि कोरोना काल के बाद हुए चुनाव में भारत समेत दुनिया के ज्यादातर देशों में सरकारें सत्ता से बाहर चली गईं। जुकरबर्ग के इस बयान को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भ्रामक करार दिया था। जबकि संचार और सूचना प्रौद्योगिकी संसदीय समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने कंपनी से माफी की मांग करते हुए उसे समन भेजने की बात कही थी।

मेटा ने जुकरबर्ग के बयान को अनजाने में हुई गलती बताया है। मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष शिवनाथ ठाकुराल एक्स पर पोस्ट किया, "मार्क जुकरबर्ग का यह बयान कि कई मौजूदा सरकारों को 2024 के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा, कई देशों के लिए सच है, लेकिन भारत के लिए नहीं। हम इस अनजाने में हुई गलती के लिए माफी चाहते हैं। भारत मेटा के लिए बेहद महत्वपूर्ण देश है और हम इसके नवाचारपूर्ण भविष्य में योगदान देने के लिए तत्पर हैं।"

मार्क जुकरबर्ग ने क्या कहा था?

फेसबुक के फाउंडर जुकरबर्ग ने 10 जनवरी को 'जो रोगन पॉडकास्ट' में शिरकत की थी। इस दौरान उन्होंने भारत के चुनावों पर एक विवादास्पद टिप्पणी की थी। मेटा के सीईओ ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के बाद भारत समेत दुनिया के कई देशों में चुनाव हुए और कई सरकार हारी हैं, जिसमें भारत भी शामिल है। उन्होंने कहा था कि ये हार दिखाती हैं कि महामारी के बाद लोगों का भरोसा कम हुआ है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जुकरबर्ग के बयान को गलत सूचना बताते हुए मेटा से तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखने की अपील की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत में 2024 के चुनावों में 640 मिलियन से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, और भारतीय जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार को पुनः निर्वाचित किया था।

मेटा की माफी पर संसदीय समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने कहा- मुद्दा खत्म

ठाकुराल ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के ट्वीट पर ही जवाब देते हुए माफी मांगी। इसे रीट्वीट करते हुए हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि अब इस मुद्दे पर हमारे समिति का दायित्व खत्म होता है।

पोस्ट में भाजपा सांसद ने लिखा- "भारतीय संसद व सरकार को 140 करोड़ लोगों का आशीर्वाद व जन विश्वास प्राप्त है। मेटा (मेटा इंडिया) के अधिकारी ने आखिर अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगी है। यह जीत भारत के आम नागरिकों की है। नरेंद्र मोदी को जनता ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बना कर दुनिया के सामने देश के सबसे मजबूत नेतृत्व से परिचय करवाया है। अब इस मुद्दे पर हमारे समिति का दायित्व खत्म होता है, लेकिन हम इन सोशल प्लेटफार्म को अन्य विषयों को लेकर भविष्य में बुलाएंगे।"

इससे पहले मंगलवार को निशिकांत दुबे ने कहा था कि “मेरी समिति मेटा को इस गलत जानकारी के लिए तलब करेगी। गलत जानकारी किसी भी लोकतांत्रिक देश की छवि को खराब करती है। इस गलती के लिए मेटा को भारतीय संसद और देश की जनता से माफी मांगनी होगी।”