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नई दिल्ली: गुजरात के अहमदाबाद से 12 जून को गैटविक एयरपोर्ट (लंदन) जा रहा एयर इंडिया का विमान (फ्लाइट नंबर एआई-171) उड़ान भरने के तुरंत बाद अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों की जांच के लिए केंद्र सरकार ने केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति गठित की है। वहीं, सरकार ने शनिवार को बताया कि प्लेन ने पेरिस-दिल्ली और फिर दिल्ली से अहमदाबाद के बीच हादसे से पहले बिना किसी दिक्कत के उड़ान भरी थी। 12 जून को करीब दो बजे से पहले सरकार को एटीसी से हादसे की सूचना मिली। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि क्रैश होने से पहले एटीसी को विमान के पायलट ने दोपहर 1.39 पर मेडे की कॉल दी, यानी कि पूरी तरह से इमरजेंसी है। इसके बाद, जब एटीसी ने विमान से संपर्क करने की कोशिश की तो कोई जवाब नहीं मिला और ठीक एक मिनट बाद विमान मेघानीनगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
वहीं, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा ने कहा, "12 जून को दोपहर करीब 2 बजे हमें सूचना मिली कि अहमदाबाद से गैटविक लंदन जा रहा विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। हमें तुरंत एटीसी अहमदाबाद के जरिए इस बारे में विस्तृत जानकारी मिली। यह एआईसी 171 था और इसमें कुल 242 लोग सवार थे, जिसमें 230 यात्री, 2 पायलट और 10 क्रू मेंबर शामिल थे। इस विमान ने दोपहर 1:39 बजे उड़ान भरी और कुछ ही सेकंड में करीब 650 फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर यह गिरने लगा, यानी इसकी ऊंचाई कम होने लगी।"
एसओपी तैयार करने पर ध्यान केंद्रित
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि समिति तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। यह जांच विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा अलग-अलग की जा रही जांच के अतिरिक्त होगी। साथ ही समिति भविष्य में इस तरह के हादसों को रोकने के उपाय भी सुझाएगी। केंद्रीय गृह सचिव के अलावा समिति में राज्य और केंद्र सरकारों से संयुक्त सचिव स्तर के या उससे ऊपर रैंक के अधिकारी शामिल होंगे। समिति ऐसी घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए जारी मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) और दिशा-निर्देशों की जांच करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश सुझाएगी। समिति संबंधित संगठनों द्वारा की जा रही अन्य जांच का विकल्प नहीं होगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए एसओपी तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
उच्च स्तरीय समिति का गठन
यह समिति तकनीकी खराबी, मानवीय भूल, मौसम की स्थिति, नियमों का पालन और अन्य कारणों का आकलन करेगी। इस समिति में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव/संयुक्त सचिव, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव, गुजरात के गृह विभाग के प्रतिनिधि और राज्य आपदा प्रतिक्रिया प्राधिकरण के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त, भारतीय वायु सेना के महानिदेशक (निरीक्षण एवं सुरक्षा), नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के महानिदेशक, आईबी के विशेष निदेशक और फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय के निदेशक शामिल होंगे।
समिति जरूरत पड़ने पर किसी अन्य सदस्य की भी सेवा ले सकती है, जिसमें विमानन विशेषज्ञ, दुर्घटना जांचकर्ता और कानूनी सलाहकार शामिल हैं।
अहमदाबाद में एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने शनिवार को कहा कि भारतीय बेड़े में शामिल 34 ड्रीमलाइनर विमानों में से आठ का निरीक्षण पहले ही किया जा चुका है और शेष विमानों की जांच तत्काल पूरी कर ली जाएगी।
ड्रीमलाइनर विमानों की सख्त सुरक्षा जांच शुरू
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने भारत में सभी ड्रीमलाइनर विमानों की सख्त सुरक्षा जांच शुरू कर दी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री ने कहा, "हमने डीजीसीए को सभी बोइंग 787 विमानों की गहन निगरानी करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रहा है।" केंद्रीय मंत्री ने कहा, "अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास जो कुछ हुआ, उससे पूरा देश स्तब्ध है और मैं पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।"
इससे पहले दिन में मंत्री ने मौजूदा सुरक्षा उपायों की समीक्षा के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और अन्य विमानन निकायों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। चल रही जांच को मजबूत करने के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने दो नए विशेषज्ञों को शामिल किया है। इनमें से एक फोरेंसिक विश्लेषण में और दूसरा मेडिकल जांच में विशेषज्ञता रखते हैं।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)