लखनऊः बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक के पद पर बहाल कर दिया और उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के दौरान इस फैसले की घोषणा की गई। यह दूसरी बार है जब आकाश आनंद को मायावती ने अपना उत्तराधिकारी बनाया है।
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मायावती ने विवादित बयान को लेकर आकाश आनंद को साइडलाइन कर दिया था। मायावती ने कहा था कि पूर्ण परिपक्वता आने तक आकाश आनंद को अहम जिम्मेदारियों से अलग रखा जाएगा।
बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को पार्टी के सभी प्रदेश प्रमुखों के साथ करीब 3 घंटे तक बैठक की। इस बैठक में आकाश आनंद भी शामिल हुए। बैठक में भतीजे आकाश आनंद ने बसपा प्रमुख के पैर भी छूए। मायावती ने भी भतीजे की पीठ थपथपाई और सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया।
बसपा के प्रेस नोट में कहा गया कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आकाश आनंद को पूरी परिपक्वता के साथ पार्टी में कार्य करने के लिए फिर से मौका दिया है। यह पूर्व की तरह ही पार्टी में अपनी सभी पदों पर बने रहेंगे। अर्थात यह पार्टी के नेशनल कोआर्डिनेटर के साथ साथ मेरे एक मात्र उत्तराधिकारी भी बने रहेंगे।
प्रेस नोट में आगे कहा गया कि इनके (आकाश) बारे में मुझे यह पूरी उम्मीद है कि अब वह अपनी पार्टी व आंदोलन के हित में हर स्तर पर पूरतौर से एक परिपक्व नेता के रूप में जरूर उभरेंगे और पार्टी के लोग इनको पहले से भी ज्यादा अपना आदर-सम्मान देकर इनका हौसला जरूर बढ़ाएंगे।
23-06-2024-BSP PRESS NOTE–ALL INDIA MEETING pic.twitter.com/jdEcuzqfRH
— Mayawati (@Mayawati) June 23, 2024
गौरतलब है मई में मायावती ने आकाश को पार्टी के सभी पदों से मुक्त कर दिया था। यह कहते हुए कि वह अभी अपरिपक्व हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा था कि बसपा एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है, जिसके लिए माननीय श्री कांशीराम जी व मैंने खुद भी अपनी पूरी जिन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है।
बसपा प्रमुख ने आगे पोस्ट में कहा था- “इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही मैंने आकाश आनंद को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, लेकिन पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।”
2019 में आकाश को मायावती ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था
आकाश आनंद को साल 2019 में नेशनल कोऑर्डिनेटर और दिसंबर 2023 में मायावती ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। आकाश आनंद को पार्टी में कई जिम्मेदारियां दी गईं। उन्हें अलग-अलग राज्यों में पार्टी संगठन को मजबूत करने के साथ यूपी में युवाओं (खासकर दलित युवाओं) को पार्टी से जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई। लेकिन मई में भतीजे आकाश को मायावती ने राजनीतिक उत्तराधिकारी पद से हटा दिया।
तब मीडिया रिपोर्टों में इसकी वजह आकाश के आक्रामक तेवर का होना बताया गया था। क्योंकि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी रैलियों में आकाश भाजपा सरकार को लेकर काफी आक्रामक नजर आए थे। इन रैलियों में कथित तौर पर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था जिसको लेकर उनपर मुकदमे दर्ज हुए। उनकी दो रैलियां रद्द कर दी गईं थीं।
आकाशा को बनाया गया स्टार प्रचारक
आकाश को दुबारा राष्ट्रीय समन्वयक बनाए जाने से एक दिन पहले 22 जून को बसपा ने उन्हें उत्तराखंड में होने वाले उपचुनाव में पार्टी के स्टार प्रचारक बनाने की घोषणा की थी। पंजाब और उत्तराखंड में विधानसभा के उपचुनाव होने वाले हैं। बसपा ने इसके लिए अपने 13 स्टार प्रचारकों की एक सूची जारी की है, जिसमें पहले नंबर पर बसपा मुखिया मायावती का नाम है और दूसरे नंबर पर आकाश आनंद का नाम है। उत्तराखंड की दो और पंजाब की एक विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को उपचुनाव के लिए मतदान होने हैं।
यूपी में कमजोर स्थिति में बसपा
गौरतलब है कि चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती की पार्टी बसपा की अब यूपी में कमजोर स्थिति में है। अभी बसपा का सिर्फ एक विधायक है। बसपा ने लोकसभा चुनाव के साथ यूपी में हुए चार विधानसभा उपचुनाव में भी अपने प्रत्याशी उतारे थे, हालांकि उसे किसी भी सीट पर सफलता नहीं मिली।