मां मनसा देवी मंदिर भगदड़ हादसा: मृतकों के परिजनों को 2 लाख मुआवजे का ऐलान, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह भी जांच का विषय होगा कि मंदिर परिसर के पास करंट फैलने की अफवाह कैसे फैली और इससे भगदड़ की स्थिति क्यों बनी। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

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मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह करीब 9 बजे भीषण भगदड़ मची।

हरिद्वारः उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह करीब 9 बजे भीषण भगदड़ मच गई, जिसमें 6 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई और 25 से अधिक लोग घायल हो गए। भगदड़ की घटना पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा शोक जताया है। साथ ही मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह भी जांच का विषय होगा कि मंदिर परिसर के पास करंट फैलने की अफवाह कैसे फैली और इससे भगदड़ की स्थिति क्यों बनी। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

सीएम धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "हरिद्वार स्थित मां मनसा देवी मंदिर में भगदड़ की हृदयविदारक घटना में छह लोगों की मृत्यु अत्यंत पीड़ादायक है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति दें।" उन्होंने आगे बताया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), स्थानीय पुलिस और राहत टीमें मौके पर मौजूद हैं और बचाव कार्य जारी है। वह खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।

माँ मनसा देवी मंदिर में कैसे मची भगदड़?

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हादसे के पीछे मंदिर परिसर में करंट फैलने की अफवाह बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंदिर के पास एक पोल में करंट महसूस होने की खबर फैली, जिससे श्रद्धालुओं में दहशत फैल गई और अफरातफरी मच गई। वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु सीढ़ियों और रास्ते पर धक्का-मुक्की करते हुए भाग रहे थे। एक व्यक्ति लोगों से पीछे हटने की गुहार लगाता दिखाई देता है।

हालांकि प्रशासन ने इसे खारिज कर दिया। उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन के अधीक्षण अभियंता प्रदीप चौधरी ने कहा, "यह बहुत दुखद हादसा है। शुरुआत में ऐसी रिपोर्ट आई कि घटनास्थल पर लोगों को करंट लगा है। इसके बाद मौके पर हमारी टीम पहुंची और उन्होंने जांच की। यहां किसी भी तरह के करंट या झटके की कोई संभावना नहीं है, न ही ऐसी कोई खबर हमें मिली है। हादसे की वजह के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता सकते, लेकिन घटनास्थल पर करंट लगने की कोई संभावना नहीं है।"

घटना की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। पांच गंभीर घायलों को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है, जबकि अन्य का इलाज हरिद्वार के अस्पतालों में चल रहा है।

यूपी के 4 और बिहार-उत्तराखंड के 1-1 श्रद्धालुओं की मौत

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, हादसे में मारे गए छह लोगों में से चार उत्तर प्रदेश, एक बिहार, और एक उत्तराखंड का निवासी था। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, उत्तर प्रदेश के बरेली के निवासी आरुष (12 वर्षीय), रामपुर निवासी विक्की (18 वर्षीय), बाराबंकी निवासी वकील और बदायूं निवासी शांति की मौत हुई है। इसके अलावा, बिहार के अररिया निवासी शकल देव (18 वर्षीय) और उत्तराखंड के काशीपुर निवासी विपिन सैनी (18 वर्षीय) भी मृतकों में शामिल हैं। 

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि हादसे में कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें इंद्र (पानीपत, हरियाणा), दुर्गा देवी (दिल्ली), शीतल (रामपुर, उत्तर प्रदेश), भूपेंद्र (बदायूं, उत्तर प्रदेश) अर्जुन (मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश), कृति (मोतीहारी, बिहार), राज कुमार (मोतीहारी, बिहार), अजय (बडियारपुर, बिहार), रोहित शर्मा (मैनपुरी, उत्तर प्रदेश), विकास (बरेली कैंट, उत्तर प्रदेश), काजल (मुरादाबाद), अराधना कुमारी (भागलपुर, बिहार) विनोद शाह (भागलपुर, बिहार), निर्मला (बरेली), विशाल (रामपुर), अनुज (मुरादाबाद), एकांक्षी (धामपुर, उत्तर प्रदेश), संदीप (मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश), रोशन लाल, दीक्षा (रामपुर), अजय कुमार (मुंगेर, बिहार), मनोज शरण (बरेली, उत्तर प्रदेश) शामिल है। इसके अलावा, 23 घायलों का इलाज जिला चिकित्सालय हरिद्वार में चल रहा है तथा अन्य घायलों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है।

घायलों से मिले मुख्यमंत्री धामी

मनसा देवी मंदिर भगदड़ हादसा : सीएम धामी ने घायलों से की मुलाकात, जाना हालचाल

हादसे के बाद सीएम धामी ने ऋषिकेश में मनसा देवी मंदिर मार्ग पर हुई दुर्घटना में घायल लोगों और उनके परिजनों से मुलाकात की। घायलों से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत की। उन्होंने हादसे की जानकारी देते हुए कहा, आज प्रातः काल सुबह 9 बजे करंट लगाने की अफवाह फैल गई। उसके कारण भगदड़ मच गई। सभी घायलों को ठीक प्रकार से इलाज मिले, ये हमारी प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री धामी ने आगे कहा कि सभी अधिकारी राहत-बचाव के काम में लगे हुए हैं। हमारा प्रयास है कि घायल जल्दी से जल्दी स्वस्थ हों, उनको अच्छा उपचार मिले और उनको उनके घरों तक छोड़ा जाए। एक टोल-फ्री नंबर जारी कर दिया गया है। सभी के परिवार से संपर्क किया जा रहा है।

इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर गहरा दुख जताया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी संदेश में कहा गया, "हरिद्वार के मां मनसा देवी मंदिर में भगदड़ की घटना में लोगों की मृत्यु बेहद दुखद है। ईश्वर से प्रार्थना है कि घायल श्रद्धालु शीघ्र स्वस्थ हों। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है।"

एम्स ऋषिकेश के पीआरओ संदीप कुमार ने आईएएनएस को बताया कि डॉक्टर मधुर उनियाल की देखरेख में घायलों का उपचार किया जा रहा है। 15 घायलों में से एक घायल को डिस्चार्ज कर दिया गया है। बाकी लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। ज्यादातर घायलों को चेस्ट इंजरी है और कुछ घायलों को मल्टीपल फ्रैक्चर हुआ हैसभी घायलों का इलाज जारी है

घायलों ने सुनाई आपबीती

इस हादसे में घायल हुए लोगों ने आपबीती बताई। एक घायल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में बताया, "मैं भगदड़ के दौरान नीचे गिर गया। कुछ लोगों ने बताया कि लड़ाई हो रही थी और इस हादसे के दौरान मंदिर में बहुत भीड़ थी, जिस वजह से मुझे भी चोट आई है।"

एक अन्य घायल ने बताया, "वहां बहुत भीड़ थी। किसी ने चिल्लाकर कहा कि शॉर्ट सर्किट हो गया है। इसके बाद कुछ लोगों ने कहा कि मंदिर में दर्शन संभव नहीं होगा, और इसके बाद लोग इधर-उधर भागने लगे। घटना के समय बहुत भीड़ थी। अगर दीवार न होती तो बहुत सारे लोग सीधा खाई में गिरते।"

हेल्पलाइन नंबर जारी

स्थिति नियंत्रण में, प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए
घटना के तुरंत बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन और पुलिस ने भीड़ को हटाया और स्थिति को नियंत्रण में लिया। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य पूरे कर लिए गए हैं।

प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, जिनके माध्यम से लोग अपने परिजनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ये नंबर हैं:

हरिद्वार जिला आपातकालीन केंद्र:
01334-223999
9068197350
9528250926

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, देहरादून:
0135-2710334
0135-2710335
8218867005
9058441404

इसके अलावा हरिद्वार पुलिस ने भी नियंत्रण कक्ष के लिए हेल्पलाइन जारी की है:
 +91 94111 12973
+91 95206 25934

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और भीड़भाड़ से बचें। मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नए सिरे से समीक्षा की जा रही है।

 

 

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