नई दिल्लीः पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार ने दिल्ली के राजघाट के पास स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल परिसर में उनके स्मारक के लिए सरकार को लिखित सहमति दे दी है। यह स्मारक परिसर के मध्य स्थित 900 वर्ग मीटर के भूखंड पर बनाया जाएगा।

पिछले सप्ताह परिवार के सदस्यों ने राष्ट्रीय स्मृति स्थल का दौरा किया था, जिसके बाद उनकी पत्नी गुरशरण कौर ने सरकार को औपचारिक स्वीकृति पत्र भेजा। सिंह की बेटियां उपिंदर सिंह और डमन सिंह अपने परिवार के साथ भूखंड का निरीक्षण करने पहुंची थीं।

स्मृति स्थल परिसर में दो भूखंड खाली

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, स्मृति स्थल परिसर में अब केवल दो भूखंड ही खाली बचे हैं। इनमें से एक भूखंड जनवरी में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के परिवार को दिया गया था। दूसरा भूखंड, जो परिसर के केंद्र में स्थित है, सिंह के परिवार को आवंटित किया गया है।

उपिंदर सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि भूखंड एक ट्रस्ट के नाम पर आवंटित किया जाएगा, जिसे परिवार जल्द ही गठित करेगा। स्मारक निर्माण के लिए सरकार की ओर से 25 लाख रुपये तक की एकमुश्त सहायता राशि देने का प्रावधान है।

इनके बीच होगा मनमोहन सिंह का स्मारक

स्मृति स्थल परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, पूर्व राष्ट्रपति आर. वेंकटरामन, ग्यानी जैल सिंह और प्रणब मुखर्जी की समाधियां स्थित हैं। सिंह का स्मारक इन समाधियों के बीच होगा।

दिलचस्प बात यह है कि 2013 में मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए ही राष्ट्रीय स्मृति स्थल बनाने का फैसला लिया गया था।  मनमोहन सिंह का निधन पिछले साल 26 दिसंबर को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में हुआ था। हालांकि, सिंह का अंतिम संस्कार स्मृति स्थल के बजाय निगमबोध घाट पर 28 दिसंबर 2024 को किया गया।

गृह मंत्रालय ने बताया कि कांग्रेस पार्टी के अनुरोध पर स्मृति स्थल के लिए भूमि आवंटन किया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार और कांग्रेस अध्यक्ष को सूचित किया गया है कि सरकार स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी। इसके लिए ट्रस्ट का गठन किया जाएगा और भूखंड का आवंटन उसी के नाम पर होगा।”