मणिपुर हिंसाः बराक नदी में महिला और बच्ची के शव बरामद, कई MLA के घरों पर तोड़फोड़-आगजनी

इम्फाल में जारी हिंसा के बीच प्रशासन ने कर्फ्यू लागू कर दिया है। और इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगा दी गई है। इम्फाल ईस्ट, इम्फाल वेस्ट और बिष्णुपुर जिलों में उपद्रवियों द्वारा आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 23 लोगों को गिरफ्तार किया है।

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मणिपुरः सेना शिविर से एक व्यक्ति के लापता होने से बढ़ा तनाव, स्कूल और कॉलेज अनिश्चितकाल के लिए बंद। फोटोः IANS

इम्फालः दक्षिण असम के कछार जिले में रविवार को बराक नदी के किनारे बोरे में बंद एक महिला और एक बच्ची के नग्न शव मिले। यह घटना मणिपुर में हिंसा के बीच हुई, जहां जिरीबाम जिले के एक राहत शिविर से लापता तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने की खबर के बाद बवाल मच गया।

मणिपुर में शनिवार रात छह शव मिलने की खबर से उपजे आक्रोश ने हिंसक रूप ले लिया। यह शव उन लोगों के होने का संदेह है जो हाल ही में हिंसा-प्रभावित क्षेत्रों से लापता हुए थे। इन घटनाओं के बाद इम्फाल घाटी में 13 विधायकों के घरों पर भीड़ ने हमला कर दिया, जिनमें से 9 विधायक भाजपा के हैं।

कछार जिले में दो और शव मिले

असम के कछार जिले में चिरिघाट और सिंगरबंद III इलाकों में दो और शव मिलने की खबर है। इन घटनाओं ने इलाके में तनाव को और बढ़ा दिया है। रविवार शाम, जैसे ही हिंसा कम होती दिखी, एक भीड़ ने भाजपा विधायक कोंगखम रोबिंद्रो के पुश्तैनी घर पर हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि भीड़ विधायक से मिलने की मांग कर रही थी। जिले में विधायक के एक अन्य घर पर पिछली शाम हमला किया गया था।

खबरों के मुताबिक निंगथौखोंग में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमीडोंग बाजार और थौबल में क्रमश: भाजपा विधायक वाई राधेश्याम और पाओनम ब्रोजेन तथा इंफाल पूर्व में कांग्रेस विधायक  लोकेश्वर इत्यादि के घरों में तोड़फोड़ की गई या जला दिया गया। इस घटना ने मणिपुर और पड़ोसी असम में स्थिति को और संवेदनशील बना दिया है। प्रशासन और पुलिस को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ रही है ताकि हिंसा और न भड़के।

इंटरनेट सेवा बंद, 23 गिरफ्तार 

इम्फाल में जारी हिंसा के बीच प्रशासन ने कर्फ्यू लागू कर दिया है। और इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगा दी गई है। इम्फाल ईस्ट, इम्फाल वेस्ट और बिष्णुपुर जिलों में उपद्रवियों द्वारा आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों के दौरान पुलिस ने .32 पिस्तौल, 7 जिंदा कारतूस और 8 मोबाइल फोन जब्त किए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने एनपीपी के काकचिंग विधायक मयांगलंबम रमेश्वर सिंह पर हमला किया। यह घटना बढ़ती हिंसा और तनाव का उदाहरण है। उपद्रवियों पर कार्रवाई के दौरान आठ नागरिक घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स के जवानों ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया।

सुरक्षा प्रबंधन की निगरानी के लिए सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) अनीश दयाल सिंह इम्फाल पहुंचे। उन्होंने सुरक्षा बलों को स्थिति पर काबू पाने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रशासन की सख्ती के बावजूद इम्फाल और आसपास के क्षेत्रों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए सुरक्षा बल अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं।

जिरीबाम में हिंसा दौर जारी

जिरीबाम, मणिपुर में हिंसा का ताजा दौर 7 नवंबर को शुरू हुआ, जब कथित तौर पर हथियारबंद घुसपैठियों ने एक आदिवासी महिला के साथ बलात्कार कर उसे जिंदा जला दिया इसके बाद। 11 नवंबर को सीआरपीएफ ने 10 हमार "उग्रवादियों" को मार गिराया। स्वदेशी आदिवासी नेताओं के मंच (ITLF) ने आरोप लगाया कि शनिवार देर रात कम से कम पांच चर्च, एक स्कूल, एक पेट्रोल पंप और 14 कुकी-जो घरों को आग के हवाले कर दिया गया।

पुलिस ने इस हिंसक जिले में एक व्यक्ति का शव भी बरामद किया है, लेकिन उसकी मौत के कारणों का पता नहीं चल सका है। रविवार दोपहर, असम के कछार जिले के लखीपुर थाने को सूचना मिली कि मणिपुर से बहकर एक बोरे में एक अज्ञात बच्ची का शव आया है। इससे चार घंटे पहले, बंस्कांडी पुलिस चौकी को चिरिघाट के बराक नदी में एक नग्न और सड़ी-गली महिला का शव बहता हुआ मिला।

कछार के एसपी नुमाल महट्टा ने बताया कि दोनों शवों को सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

जिरीबाम: शिविर के छह लोगों की मौत 

जिरीबाम में राहत शिविर से लापता हुए छह लोगों की मौत की खबर ने इलाके में सनसनी फैला दी है। एनडीटीवी से बात करते हुए, लइशराम हीरोजीत, जो इन मृतकों के परिवार सदस्य हैं, ने कहा कि उनके सबसे बुरे डर सच हो गए हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी, दो बच्चे, सास, साली और भांजे की हत्या कर दी गई। ये सभी संदिग्ध आदिवासी उग्रवादियों द्वारा पिछले सोमवार को बंधक बनाए गए थे।

यह घटना उस समय हुई जब सुरक्षा बलों ने गोलीबारी के दौरान 10 "उग्रवादियों" को मार गिराया था। इसके बाद, हमले और अफरातफरी के बीच इन छह लोगों को बंधक बना लिया गया था। वहीं, कुकी-जो और हमार समूहों का कहना है कि मारे गए लोग "स्वयंसेवक" थे, जिनकी जिम्मेदारी उनके गांवों को घुसपैठियों से सुरक्षित रखने की थी।

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