इम्फालः मणिपुर में जारी तनाव मंगलवार और बढ़ गया जब लेइमाखोंग आर्मी कैंप में सुपरवाइजर के रूप में कार्यरत लाइशराम कमलबाबू सिंह लापता हो गए। परिवार के अनुसार, सोमवार दोपहर 2 बजे के बाद से उनका फोन बंद है और आखिरी बार उन्हें गेट नंबर 1 से कैंप में प्रवेश करते हुए देखा गया था।
कमलबाबू इम्फाल वेस्ट जिले के लोइतांग खुन्नौ गांव का रहने वाले हैं। वह माउंटेन डिवीजन लेइमाखोंग आर्मी कैंप में बतौर सुपरवाइजर तैनात थे। खबरों के मुताबिक वह 25 नवंबर की सुबह से लापता हैं। परिवार का कहना है कि कमलबाबू के काम पर निकलने के बाद से ही मोबाइल फोन बंद हैं। स्थानीय लोगों ने मैतेई बुजुर्ग के लापता होने पर चिंता जताई है और उनकी सुरक्षित बरामदगी के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस और केंद्रीय बलों ने कमलबाबू की तलाश के लिए संयुक्त अभियान शुरू किया है। सेना ने 2,000 से अधिक जवानों को खोज अभियान में लगाया है। हेलीकॉप्टर और ड्रोन के साथ इलाके की तलाशी ली जा रही है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा रही है, लेकिन अब तक उनके कैंप से बाहर निकलने के कोई सुराग नहीं मिले हैं।
सुपरवाइजर के लापता होने पर इलाके में तनाव
इम्फाल शहर से लगभग 16-17 किलोमीटर दूर स्थित लेइमाखोंग लंबे समय से संवेदनशील क्षेत्र रहा है। इस शिविर में पहले भी कई बार नागरिकों के इसी तरह की परिस्थितियों में लापता होने के मामले सामने आ चुके हैं। ताजा घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया।
कंठो गांव की महिलाओं ने प्रदर्शन कर कमलबाबू की सुरक्षित वापसी की मांग की। मंगलवार बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और कमलबाबू के लापता होने के लेकर सवाल करने लगे। सेना ने स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की है। इस घटना ने मणिपुर की पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और जटिल बना दिया है।
मणिपुर में पिछले साल मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय संघर्ष चल रहा है, जिसमें 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों विस्थापित हुए हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स ने कमल के अधीन काम करने वाले एक मजदूर के हवाले से लिखा कि उसकी दोपहर करीब 1.30 बजे कार्यस्थल पर लापता सुपरवाइजर से मुलाकात हुई थी लेकिन उसके बाद से उसे नहीं देखा गया। लापता व्यक्ति और उसके स्कूटर का पता लगाने के लिए पास की पहाड़ियों और जंगल में क्वाडकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया गया। लेकिन अभी तक कुछ सुराग नहीं मिला है।
कोकोमी ने मांग पूरी नहीं होने पर जताई नाराजगी
मणिपुर में कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी (COCOMI) ने 27 नवंबर से केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों को बंद करने का आह्वान किया है। उनका कहना है कि सरकार ने कुकी उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 18 नवंबर को हुई बैठक में पारित प्रस्ताव पर अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। बैठक में अफस्पा हटाने और कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सात दिनों के भीतर ‘बड़े पैमाने पर अभियान’ चलाने का प्रस्ताव पारित किया गया था।
स्कूल और कॉलेज अनिश्चितकाल के लिए बंद
इस बीच, मणिपुर सरकार ने कर्फ्यू प्रभावित जिलों में 27 नवंबर से सभी स्कूल और कॉलेज अनिश्चितकाल के लिए बंद रखने का आदेश दिया है। इंफाल पूर्व-पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग और जिरीबाम जिलों में यह बंदी लागू होगी। गौरतलब है कि 16 नवंबर से तीन महिलाओं और बच्चों के शव बरामद होने के बाद यह फैसला लिया गया है। कोकोमी संगठन द्वारा सरकारी कार्यालय बंदी की घोषणा के बीच यह कदम उठाया गया है।