मणिपुरः राज्यपाल का अल्टीमेटम, सात दिनों के भीतर जमा करें अवैध हथियार

मणिपुर में सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद अनुच्छेद-356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू है। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने सभी समुदायों के लोगों से हथियार जमा करने की अपील की है।

AJAY Kumar Bhalla, governor manipur

AJAY Kumar Bhalla Photograph: (आईएएनएस)

इंफालः मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने सभी समुदायों के लोगों से अगले सात दिनों के भीतर लूटे गए या अवैध हथियारों को आत्मसमर्पण करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि आदेश मानने वाले लोगों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्यवाई नहीं की जाएगी। 

राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने कहा कि बीते 20 महीनों के संघर्ष के दौरान राज्य के लोगों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। घाटी और पहाड़ियों दोनों क्षेत्रों में सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करने वाली कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं। 

हथियार और गोला-बारूद जमा करें

राज्यपाल ने कहा कि "इस संबंध में सभी समुदाय के लोगों विशेषकर घाटी और पहाड़ियों में रहने वाले युवाओं से ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि वे स्वेच्छा से आगे आएं और लूटे गए और अवैध तरीके से रखे गए हथियारों और गोला-बारूद को आज से सात दिनों के भीतर पास के पुलिस स्टेशन, चौकी, सुरक्षा बलों के शिविर में आत्मसमर्पण कर दें।"

उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वेच्छापूर्ण तरीके से आत्मसमर्पण करने वाले लोगों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्यवाई नहीं की जाएगी। लेकिन ऐसा न करने वाले लोगों के खिलाफ बाद में सख्त कार्यवाई की जाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि "इन हथियारों को लौटाने का आपका एक कदम शांति सुनिश्चित करने की दिशा में एक शक्तिशाली इशारा हो सकता है। मैं आपको आश्वासन दिलाना चाहता हूं कि निर्धारित समय के भीतर ऐसे हथियार वापस कर दिए जाएं तो कोई दंडात्मक कार्यवाई नहीं होगी। इसके बाद ऐसे हथियार रखने पर कड़ी कार्यवाई की जाएगी। "

शांति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध

भल्ला ने यह भी कहा कि सरकार राज्य में शांति सुनिश्चित करने और युवाओं के भविष्य की सुरक्षा के लिए चिंतित है। गौरतलब है कि बीते दिनों मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में अनुच्छेद-356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू है।

राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच मई 2023 से संघर्ष जारी है। इस संघर्ष में करीब 250 लोग मारे गए हैं। वहीं, हजारों लोग विस्थापित होने को मजबूर हुए हैं। 

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