नई दिल्ली: मणिशंकर अय्यर अपने बयानों को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अय्यर के एक वीडियो के सहारे कांग्रेस पर तंज कसा है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने अय्यर को एक 'हताश नेता' बताया। दरअसल, भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अय्यर के एक इंटरव्यू का छोटा अंश एक्स पर साझा किया था, जिसके बाद ये सबकुछ शुरू हुआ।
अमित मालवीय ने अय्यर के एक इंटरव्यू का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'राजीव गांधी को अकादमिक तौर पर संघर्ष करना पड़ा, यहाँ तक कि कैम्ब्रिज में असफल भी हुए, जहाँ से उत्तीर्ण होना आसान होता है। इसके बाद वह इंपीरियल कॉलेज लंदन चले गए लेकिन वहां भी असफल रहे...कई लोगों ने सवाल उठाया कि ऐसे अकादमिक रिकॉर्ड वाला कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है। और पर्दा हटने दो।'
Rajiv Gandhi struggled academically, even failing at Cambridge, where passing is relatively easy. He then moved to Imperial College London but failed there as well…
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 5, 2025
Many questioned how someone with his academic record could become the Prime Minister.
Let the veil be stripped. pic.twitter.com/m9serSGQMs
इस वीडियो अय्यर कहते नजर आते हैं, 'जब राजीव गांधी प्रधान मंत्री बने, तो मैंने सोचा एक व्यक्ति जो एयरलाइन पायलट था और दो बार असफल हो चुका था, वह प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है? मैंने उनके साथ कैंब्रिज में पढ़ाई की, जहां वे फेल हो गये थे। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में फेल होना बहुत कठिन है क्योंकि विश्वविद्यालय अपनी साख बरकरार रखने के लिए यह कोशिश करता है कि हर कोई कम से कम पास जरूर हो। लेकिन इसके बावजूद, राजीव गांधी फेल हो गए।'
अय्यर ने आगे कहा, 'इसके बाद, वह लंदन के इंपीरियल कॉलेज गए, और वहां भी वह फेल हुए। फिर मैंने सोचा कि ऐसा व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है?' यह वीडियो कब का है, ये फिलहाल साफ नहीं है।
अय्यर के वीडियो के बाद कांग्रेस का पलटवार
इस बीच कांग्रेस ने अय्यर को एक निराश व्यक्ति करार दिया और कहा कि राजीव गांधी ने देश को आधुनिक दृष्टिकोण दिया। कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा, 'मैं किसी ऐसे व्यक्ति पर टिप्पणी नहीं करना चाहता जो हताश है। मैं राजीव गांधी को जानता हूं, जिन्होंने देश को आधुनिक दृष्टिकोण दिया। उन्होंने अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए भी ठोस कदम उठाए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पार्टी (कांग्रेस) का एक वर्ग उनके साथ खड़ा नहीं हुआ, अन्यथा देश का इतिहास कुछ और होता। नेता प्रतिपक्ष के रूप में उनके भाषण आज भी नेताओं का मार्गदर्शन करते हैं।'
पहले भी विवादों में रहे हैं अय्यर के बयान
कांग्रेस से लंबे समय से जुड़े रहने वाले और कभी गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले मणिशंकर अय्यर पहले भी अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहे हैं। इससे पहले अय्यर ने कहा था कि उनका करियर गांधी परिवार ने ही बनाया और बिगाड़ा।
समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने उल्लेख किया था कि एक अवसर को छोड़कर राहुल गांधी के साथ उनकी सीमित सार्थक बातचीत हुई थी। उन्होंने साथ ही बताया था कि केवल दो अवसरों पर प्रियंका गांधी के साथ उनकी कुछ समय तक बातचीत हुई।
उन्होंने कहा था, '10 साल तक मुझे सोनिया गांधी से अकेले मिलने का मौका नहीं दिया गया। एक बार को छोड़कर, मुझे राहुल गांधी के साथ कोई सार्थक समय बिताने का मौका नहीं दिया गया। और मैंने एक, नहीं, दो मौकों को छोड़कर प्रियंका के साथ कभी समय नहीं बिताया है। वह मुझसे फोन पर बात करती हैं, इसलिए मैं उनके संपर्क में हूं। इसलिए, मेरे जीवन की विडंबना यह है कि मेरा राजनीतिक करियर गांधी परिवार द्वारा बनाया गया था और गांधी परिवार द्वारा बिगाड़ा गया।'
अय्यर ने जब राजनीति में प्रवेश किया था तब वे राजीव गांधी के करीबी सहयोगी थे। उनके करीबी लोगों में उनके चचेरे भाई अरुण नेहरू, मित्र अरुण सिंह और सैम पित्रोदा भी शामिल थे।
2017 में, गुजरात विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करके एक बड़े विवाद को जन्म दिया था। इस बयान ने चुनाव के बीच कांग्रेस को काफी नुकसान पहुंचाया था। कांग्रेस ने तब अय्यर को पार्टी से निलंबित कर दिया था। इसके दो साल बाद 2019 में, लोकसभा चुनाव से पहले अय्यर ने मोदी के खिलाफ अपनी टिप्पणी का फिर से जिक्र किया और इसे सही ठहराने की कोशिश की थी। इससे पहले 2014 में, अय्यर ने नरेंद्र मोदी पर 'चायवाला' का तंज कसा था, जो उस समय भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे।