कंगना रनौत ने कृषि कानूनों को लेकर अब क्या कहा है जिस पर शुरू हुआ हंगामा?

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा सहित कई लोगों ने कंगना के बयान पर अपनी प्रतिक्रया दी है। प्रताप सिंह बाजवा ने भाजपा को कंगना को प्रॉक्सी के तौर पर इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया है।

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mandi mp Kangana Ranaut demands withdrawal of controversial agricultural laws opposition alleges BJP is using her proxy

भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत (फोटो- IANS)

शिमला: भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने केंद्र सरकार द्वारा निरस्त किए गए कृषि कानूनों की वापसी की मांग करके एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।

कंगना ने तीन कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताया है। भाजपा सांसद ने यह भी कहा है कि किसानों की समृद्धि के लिए उन्हें सरकार से खुद कृषि कानूनों की वापसी की मांग करनी चाहिए।

बता दें कि साल 2020 में कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में भारी विरोध प्रदर्शन देखे गए थे। दिल्ली और हरियाणा के बार्डर पर एक साल तक प्रदर्शन करने के बाद साल 2021 में केंद्र सरकार ने इन कानूनों को वापस ले लिया था।

कंगना का यह बयान उस समय आया है जब हरियाणा में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाला है। यह वही राज्य है जहां पर कृषि कानूनों के खिलाफ भारी संख्या में किसान सड़क पर उतरे थे।

कंगना ने क्या कहा है

दरअसल, सोमवार को मंडी जिले के गोहर में सात दिवीसय ख्योड़ नलवाड़ मेले के खत्म होने के बाद कंगना ने वहां पर पत्रकारों से बात की है।

इस दौरान कंगना ने कहा है, "किसानों के जो कानून हैं, जो वापसी ले लिए गए थे, मुझे लगता है कि वो फिर से लाने चाहिए। हो सकता है मेरा ये बयान विवादित हो जाए। लेकिन मुझे लगता है कि किसानों के हितकारी कानून वापस आने चाहिए। और किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए, ताकि जैसे बाकी जगह समृद्धि हो रही है, किसानों की समृद्धि में भी ब्रेक नहीं लगना चाहिए।"

कंगना ने आगे कहा, "देश के विकास में किसान मजबूती के मुख्य स्तंभ हैं। मैं चाहती हूं, हाथ जोड़कर विनती करती हूं कि वे (किसान) खुद अपील करें और सब किसानों के हितों को ध्यान में रखकर कानून वापस मांगें।"

कांग्रेस ने वीडियो शेयर कर उठाया सवाल

कांग्रेस ने कंगना रनौत के इस बयान वाले वीडियो को अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से शेयर किया है। कांग्रेस ने लिखा है, "किसानों पर लादे गए 3 काले कानून वापस लाने चाहिए। BJP की सांसद कंगना रनौत ने ये बात कही। देश के 750 से ज्यादा किसान शहीद हुए, तब जाकर मोदी सरकार की नींद टूटी और ये काले कानून वापस हुए।"

पोस्ट में कांग्रेस ने आगे कहा है,"अब BJP के सांसद फिर से इन कानून की वापसी का प्लान बना रहे हैं। कांग्रेस किसानों के साथ है। इन काले कानून की वापसी अब कभी नहीं होगी, चाहे नरेंद्र मोदी और उनके सांसद जितना जोर लगा लें।"

विपक्ष ने दी है प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा सहित कई लोगों ने कंगना के बयान पर अपनी प्रतिक्रया दी है। प्रताप सिंह बाजवा ने भाजपा को कंगना को प्रॉक्सी के तौर पर इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया है।

बाजवा ने यह भी कहा है कि भाजपा कृषि कानूनों पर अपना रुख स्पष्ट करे। अगर पार्टी कंगना के बयानों का समर्थन नहीं करती है तो वे उनके खिलाफ कार्रवाई करें।

बीकेयू दकौंडा के महासचिव और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के राष्ट्रीय समन्वय समिति के सदस्य जगमोहन सिंह दकौंडा ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इन लोगों ने भी कंगना रनौत की टिप्पणियों की आलोचना की है।

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और आनंदपुर साहिब से सांसद मलविंदर सिंह कांग ने भी कंगना के बयानों की निंदा की है। आम आदमी पार्टी के सांसद मलविंदर सिंह कांग ने भी कंगना की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि कंगना या तो पीएम मोदी के फैसले की अवहेलना कर रही हैं या यह संकेत दे रही हैं कि इस मामले में पीएम मोदी कुछ नहीं कर पा रहे हैं।

विपक्षी नेता और किसान प्रतिनिधि दोनों ही कंगना की टिप्पणियों को विवादास्पद कृषि कानूनों के बारे में बहस को फिर से शुरू करने का आरोप लगाया है। इन लोगों ने इसे भाजपा की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा बताया है।

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