सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोलीं ममता बनर्जी? Photograph: (IANS)
कोलकाताः पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के प्रति असंतोष व्यक्त किया जिसमें अदालत ने कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए 25 हजार शिक्षकों की भर्ती को रद्द करने का आदेश दिया। ममता बनर्जी का बयान सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के कुछ घंटों बाद आया है।
बनर्जी ने इस मामले के बारे में कहा "न्यायपालिका में गहरा विश्वास है लेकिन इस फैसले को स्वीकार नहीं सकती।" इसके साथ ही ममता बनर्जी ने मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि शिक्षक भर्ती मामले में पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री जेल में हैं। ममता ने पूछा कि व्यापम घोटाले में कितने भाजपा नेता जेल में थे?
शिक्षा व्यवस्था बर्बाद करना चाहती है भाजपा
इसके साथ ही ममता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या भाजपा राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करना चाहती है? उन्होंने अदालत के फैसले से प्रभावित हुए लोगों से मिलने के लिए भी कहा है। ममता ने फैसले से प्रभावित हुए अभ्यर्थियों से उम्मीद न खोने की भी बात कही है।
इसके साथ ही ममता ने आगे कहा कि वह अभ्यर्थियों के साथ खड़ी हैं और इसके लिए हमारी कानूनी टीम इस मामले की समीक्षा कर रही है। ममता ने कहा मैं जानती हूं कि अभ्यर्थी निराश हैं। इसके साथ ही ममता ने अभ्यर्थियों से सात अप्रैल को मिलने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों के साथ मानवीय आधार पर खड़ी हूं।
उन्होंने कहा "यदि इस कदम के लिए भाजपा मुझे जेल में डालना चाहे तो वे कर सकते हैं। अगर आप उसके लिए तैयार हैं तो मुझे पकड़ लो।" इसके अलावा उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार पर राज्य को राजनीतिक रूप से टार्गेट करने का आरोप लगाया। बनर्जी ने कहा "शिक्षक सेवा आयोग (एसएससी) एक स्वायत्त निकाय है। हम एक सरकार के रूप में उनके कार्य में हस्तक्षेप नहीं करते हैं।"
इसके साथ ही बनर्जी ने आगे भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि सत्ता में नई सरकार आती है तो वक्फ बिल में संशोधन करेंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में हुई शिक्षक और गैर शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में हेरफेर और धांधली को देखते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की बेंच ने यह फैसला सुनाते हुए इसे "दूषित और कलंकित" बताया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चुने गए अभ्यर्थियों को राहत देते हुए कहा है कि नौकरी के दौरान मिला वेतन वापस नहीं करना होगा।