'वक्फ कानून राज्य में लागू नहीं होगा तो फिर दंगा क्यों?', बंगाल में हिंसा पर ममता बनर्जी का बयान

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्य में जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच कहा है कि राज्य में वक्फ कानून लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि दंगे भड़काने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Mamta Banerjee, CM West Bengal, kaliganj bypoll

ममता बनर्जी ने कहा राज्य में वक्फ अधिनियम नहीं लागू होगा। Photograph: (आईएएनएस)

कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य में वक्फ (संशोधन) अधिनियम लागू नहीं होगा। राज्य में कुछ जगहों पर इस अधिनियम के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में बड़े पैमाने पर हिंसा की खबरें भी आई हैं। मुर्शिदाबाद, जंगीपुर से हिंसा की कई तस्वीरें पिछले कुछ दिनों में सामने आ चुकी हैं। 

ममता बनर्जी ने इस पूरे मुद्दे पर कहा, "हमने इस मसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट रखी है- हम इस कानून का समर्थन नहीं करते हैं। यह कानून हमारे राज्य में लागू नहीं होगा। तो फिर दंगा किस बात को लेकर है?"

याद रखें, हमने ये कानून नहीं बनाया: ममता बनर्जी

ममता ने राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। उन्होंने शांति और सद्भाव बढ़ाने के साथ-साथ यह भी याद दिलाया कि यह नियम पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा नहीं लाया गया है। ममता ने कहा " मेरी सभी धर्म के सभी लोगों से ईमानदार अपील है कि कृपया शांति बनाए रखें, संयमित रहें। धर्म के नाम पर किसी भी अधर्मी कार्य में शामिल न हों। प्रत्येक मनुष्य की जान कीमती है, राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं। जो भी दंगों को भड़का रहे हैं, समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं। याद रखें हमने यह कानून नहीं बनाया है कि बहुत से लोग इसके खिलाफ उत्तेजित हैं। कानून केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया था। इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं वह केंद्र सरकार से मांगना चाहिए।"

दंगे भड़काने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई

इसके साथ ही उन्होंने कहा " यह भी याद रखें कि जिन्होंने दंगे भड़काएं हैं, हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। हम किसी हिंसक गतिविधि को क्षमा नहीं करेंगे। कुछ राजनैतिक दल राजनैतिक फायदे का धर्म का गलत इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही हैं। उनके समझाने पर न झुकें। मैं मानती हूं धर्म का मतलब मानवता, सद्भवाना, सभ्यता और सद्भाव है।  मैं सभी से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करती हूं।"

वक्फ विधेयक पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद से यह कानून बन गया है और आठ अप्रैल से लागू हो गया है। इस अधिनियम को लेकर भाजपा का कहना है कि इससे देशभर में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं कि यह अधिनियम संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है। 

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