सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को राहत देते हुए पश्चिम बंगाल के स्कूल भर्ती घोटाले मामले में सीबीआई जांच पर रोक लगा दिया है। मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्कूल कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त पदों को बढ़ाने को लेकर पश्चिम बंगाल कैबिनेट के फैसले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। लेकिन मंगलवार को सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिज संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, 'कैबिनेट के निर्णय की जांच सीबीआई को सौंपना उचित नहीं था।' पीठ ने संवैधानिक योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि कैबिनेट के फैसले न्यायिक जांच के अधीन नहीं हैं।
हालांकि, पीठ ने 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति की जांच जारी रहने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल को 25,000 से ज्यादा शिक्षकों और गैर-शिक्षकों नियुक्तियों को अवैध करार देते हुए कर्मचारियों को बर्खास्त किया था।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने साल 2016 में स्टेट लेवल सिलेक्शन टेस्ट-2016 (SLCT) के जरिए सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती की थी। तब 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक लोगों ने भर्ती परीक्षा दी थी। इस भर्ती में 5 से 15 लाख रुपए तक की घूस लेने का आरोप है। मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट को कई शिकायतें मिली थीं। भर्ती में अनियमितताओं के मामले में सीबीआई ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी और एसएससी के कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।
वहीं, आरोप लगने के बाद कोलकाता हाई कोर्ट ने इस भर्ती को रद्द कर दिया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बरकरार रखा, जिसके बाद 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द हो गईं।
ममता के सपोर्ट में आए राहुल गांधी
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में शिक्षकों की नियुक्ति रद्द किए जाने के अदालत के हालिया फैसले पर चिंता जताई है। उन्होंने यह मामला राष्ट्रपति के संज्ञान में लाते हुए उनसे हस्तक्षेप की अपील की है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस संबंध में एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, "मैंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में हजारों योग्य स्कूल शिक्षकों के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है, जिन्होंने न्यायपालिका द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के बाद अपनी नौकरी गंवा दी है। मैंने उनसे अनुरोध किया है कि वह सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करें कि निष्पक्ष तरीके से चुने गए उम्मीदवारों की नौकरी बरकरार रहे।"
उन्होंने प्रभावित शिक्षकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए और इस मुद्दे को राजनीतिक स्तर पर उठाने का संकेत दिया। राहुल गांधी ने अपने पत्र में राष्ट्रपति मुर्मू से इस मामले में राज्य सरकार पर दबाव डालने की अपील की ताकि प्रभावित शिक्षकों को न्याय मिल सके। उनका कहना है कि जिन उम्मीदवारों का चयन पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से हुआ था, उन्हें इस फैसले का खामियाजा नहीं भुगतना चाहिए।
बीजेपी ने उठाए सवाल
राज्य में यह मुद्दा अब राजनीतिक रंग ले चुका है, जहां विपक्षी दल इसे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। भाजपा विधायक और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए तृणमूल सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी को जेल जाना चाहिए। वह मुख्य लाभार्थी हैं। उनके भतीजे ने 700 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन 25,000 लोगों के लिए जिम्मेदार हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी नौकरी खो दी है। उनके भतीजे (अभिषेक बनर्जी) की इसमें बड़ी भूमिका है।