नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को मुर्शिदाबाद जिले का दौरा करेंगी, जहां वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी और कई लोगों की जान गई थी। मुर्शिदाबाद में बीते दिनों भड़की हिंसा के बाद ममता बनर्जी का यह जिले का पहला दौरा है। वहीं, भाजपा ने सवाल उठाते हुए ममता पर हिंदू पीड़ितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा कि ममता को पहले ही जाना चाहिए था लेकिन उन्होंने इमामों के साथ बैठक को प्राथमिकता दी।
मुर्शिदाबाद के धुलियान इलाके में 11 अप्रैल को हिंसा भड़की थी, जिसके परिणामस्वरूप तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। यह हिंसा वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के पारित होने के बाद शुरू हुई थी, जिसके खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हुए।
प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगी ममता बनर्जी
ममता बनर्जी के मुर्शिदाबाद यात्रा के दौरान प्रभावित क्षेत्रों का दौरा शामिल होने की उम्मीद है। सुति विधानसभा क्षेत्र के चपघाटी मैदान में एक प्रशासनिक बैठक भी उनकी मौजूदगी में प्रस्तावित है। इसके अलावा मुख्यमंत्री मंगलवार को शमशेरगंज में एक सेवा-उन्मुख कार्यक्रम में भाग लेने वाली हैं, जहां तनाव अधिक था। ममता बनर्जी की यात्रा में एक फॉलो-अप प्रशासनिक समीक्षा सत्र भी शामिल है। इसके अगले दिन बरहमपुर से बालुरघाट के लिए रवाना होंगी।
इससे पहले, ममता बनर्जी ने हिंसा पर दुख जताया और इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया। साथ ही इस हिंसा में शामिल जिम्मेदार लोगों की निंदा की। मिदनापुर में आयोजित एक प्रशासनिक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, 'हम दंगे नहीं चाहते। कुछ बाहरी लोगों ने इसे आयोजित किया, लेकिन हम उनकी साजिश को उजागर करेंगे।'
ममता बनर्जी का यह दौरा राज्यपाल सीवी आनंद बोस और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के दौरों के बाद हो रहा है, जिन्होंने हिंसा प्रभावित शमशेरगंज का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया था।
भाजपा का तीखा सवाल- पहले क्यों नहीं गईं ममता?
बीजेपी नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर मुर्शिदाबाद हिंसा में हिंदू पीड़ितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। दिलीप घोष ने ममता बनर्जी की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, 'ममता बनर्जी को मुर्शिदाबाद पहले ही जाना चाहिए था। वह क्यों नहीं गईं? उन्होंने इमामों को बुलाया, बैठकें कीं, उनकी प्रशंसा की और मंदिरों का उद्घाटन किया, लेकिन वह उन जगहों पर कभी नहीं गईं जहां हिंदू पीड़ित थे।'
घोष ने कहा कि मुर्शिदाबाद और मालदा में हिंदुओं को बार-बार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। उनके घर नष्ट कर दिए गए, संपत्ति जला दी गई और उन्हें वहां से पलायन करना पड़ा। ममता ने इसके बारे में कभी कुछ नहीं कहा। अब वह इतनी देर से जा रही हैं कि सारे सबूत मिटा दिए जाएंगे और वहां कुछ भी नहीं बचेगा। उन्हें वहां पहले ही जाना चाहिए था। वह क्यों नहीं गई?
गौरतलब है कि मुर्शिदाबाद में 11 और 12 अप्रैल को वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। बीजेपी ने दावा किया है कि इस हिंसा में हिंदुओं को निशाना बनाया गया और करीब 400 हिंदू परिवारों को अपने घर छोड़कर मालदा और झारखंड के पकुर जिले में शरण लेनी पड़ी। बीजेपी ने ममता सरकार पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि वह हिंसा के पीड़ित हिंदुओं के प्रति उदासीन रही हैं।