कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया है कि कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन वे कम से कम अगले महीने दुर्गा पूजा उत्सव के खत्म होने तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर सकतीं। असल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टरों की मांगों में से एक मांग पुलिस कमिश्नर का इस्तीफा भी है।
घटना की शुरुआती जांच में कथित तौर पर जो लापरवाही बरती गई, उसे लेकर प्रदर्शनकारी नाराज हैं और इसलिए पुलिस कमिश्नर को हटाने की मांग हो रही है। यहां तक कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी कह चुके हैं कि राज्य सरकार को लोगों की मांग को देखते हुए पुलिस कमिश्नर को हटाने को लेकर फैसला लेना चाहिए। हालांकि ममता फिलहाल इस ओर कदम बढ़ाती नजर नहीं आ रही हैं।
पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। ममता ने सोमवार को कहा, ‘पुलिस आयुक्त अपना इस्तीफा देने के लिए मेरे पास आए थे…मैं दुर्गा पूजा से पहले इसे कैसे स्वीकार कर सकता हूं? वह कोलकाता की सभी सड़कों और स्थिति को नियंत्रित करने के बारे में जानते हैं। त्योहारी सीजन के बाद, हम इस बारे में सोच सकते हैं।’ ममता बनर्जी ने नबन्ना में राज्य सचिवालय में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में यह बातें कही।
पुलिस कमिश्नर के बचाव में ममता का अजब तर्क!
ममता बनर्जी के ऐसे बयानों के बाद ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुलिस कमिश्नर के बचाव के लिए वे ऐसा कह रही हैं? पुलिस कमिश्नर को हटाने की मांग आंदोलन शुरू होने के समय से ही हो रही है फिर ममत बनर्जी को इस पर बोलने में एक महीने से ज्यादा का समय कैसे लग गया? साथ ही ये भी सवाल है कि क्या बंगाल में कानून व्यवस्था संभाला जा सके, इसके लिए सबसे काबिल अफसर विनीत गोयल हैं? और अगर पुलिस कमिश्नर पर ममता बनर्जी को इतना ही भरोसा है तो डॉक्टर के साथ रेप और हत्या मामले की जांच में इतनी ढिलाई शुरुआत में क्यों हुई, जिसका जिक्र सुप्रीम कोर्ट भी कर चुका है?
विनीत गोयल कौन हैं?
विनीत गोयल ने दिसंबर 2021 में पुलिस आयुक्त के रूप में पदभार संभाला था। 1994 बैच के अधिकारी गोयल को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। वह आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र हैं।
गोयल इससे पहले कोलकाता पुलिस में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। इसमें पूर्वी सबअर्बन डिवीजन, स्पेशल ब्रांज और मुख्यालय के पुलिस उपायुक्त तौर पर काम शामिल हैं। वह विशेष कार्य बल और यातायात के लिए संयुक्त पुलिस आयुक्त के साथ-साथ अतिरिक्त पुलिस आयुक्त भी रहे हैं।
विनीत गोयल को दो बार वीरता के लिए पुलिस पदक, साथ ही सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक प्राप्त हुआ है। इसी साल जून में ये रिपोर्टें सामने आईं कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के कार्यालय की कथित रूप से आलोचना करने के लिए विनीत गोयल और एक डीसीपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की थी। हालांकि, मुख्यमंत्री की ओर से अब तक इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
साल 2019 में ममता बनर्जी ने जब तब के कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार का सीबीआई पूछताछ से बचाव करते हुए तीन दिनों तक धरना दिया था, उस समय उनके साथ मंच साझा करने वाले पांच आईपीएस अधिकारियों में विनीत गोयल भी शामिल थे। उस समय भी गृह मंत्रालय ने गोयल समेत पांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को निर्देश दिए थे।
साल 2019 में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से तब भ्रष्टाचार के एक मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई के अफसरों ने छापा मारा था। हालांकि, पश्चिम बंगाल के पुलिसवालों ने ही तब सीबीआई अधिकारियों को हिरासत में ले लिया था और बड़ा विवाद पैदा हो गया था।
ममता बनर्जी ने तब केंद्र पर आरोप लगाते हुए राजीव कुमार का खुलकर बचाव किया था। वे देर रात राजीव कुमार के घर पहुंचकर धरना देने लगीं। राजीव कुमार सहित कुछ और अधिकारी भी धरने पर ममता बनर्जी के साथ बैठे थे।