कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ किसी किस्म की अपमानजनक टिप्पणी या गलतबयानी करने से रोक दिया है।
मंगलवार को कोर्ट ने इस मामले में एक अंतरिम आदेश जारी किया है। कोर्ट ने सीएम ममता बनर्जी और तीन अन्य पर 14 अगस्त 2024 तक राज्यपाल के खिलाफ कोई भी अपमानजनक टिप्पणी या गलतबयानी करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।
बता दें कि इससे पहले ममता बनर्जी ने कहा था कि महिलाओं ने उनसे शिकायत की है कि उन्हें राजभवन जाने से डर लगता है। इसके बाद 28 जून को राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सीएम ममता बनर्जी समेत तीन अन्य के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
राज्यपाल बोस ने ममता बनर्जी, टीएमसी के दो नवनिर्वाचित विधायकों सायंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार और पार्टी के नेता कुणाल घोष के खिलाफ मुदकमा दायर किया था। ऐसे में इस मुकदमे की अंतरिम सुनवाई में कोर्ट ने यह रोक लगाई है।
राज्यपाल ने क्या कहा था
पिछले हफ्ते नई दिल्ली रवाना होने से पहले राज्यपाल बोस ने सिलीगुड़ी में पत्रकारों से बातचीत की थी। मानहानि के मुकदमे पर बोलते हुए बोस ने कहा था, “जो कोई भी मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाएगा, उसे परिणाम भुगतने होंगे। वह मेरी संवैधानिक सहयोगी हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं। लेकिन मेरे आत्मसम्मान पर सवाल उठाया गया है, इसलिए मैंने मानहानि का मुकदमा दायर किया है।”
हालांकि, बोस ने पत्रकारों के साथ अपनी पूरी बातचीत में एक बार भी मुख्यमंत्री या ममता बनर्जी शब्द नहीं बोला है।
राज्यपाल बोस पर लग चुके हैं छेड़छाड़ के आरोप
दरअसल, राज्यपाल बोस और ममता बनर्जी के बीच पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा है। इस दौरान बीते दो मई को राजभवन में काम करने वाली एक संविदा महिला कर्मचारी ने राज्यपाल बोस पर उसके साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।
इस आरोप के बाद कोलकाता पुलिस ने जांच भी शुरू की थी। इसे मुद्दे को लेकर काफी विवाद भी हुआ था और इसे लेकर ममता बनर्जी और राज्यपाल बोस के बीच जुबानी जंग भी हुई थी।
ममता बनर्जी के बयान से मामला गर्माया था
इन विवादों के बीच ममता बनर्जी ने हाल में एक और बयान दिया था जिससे मामला और गरमा गया था और इसके बाद राज्यपाल बोस ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
ममता बनर्जी ने हाल में कहा था कि महिलाएं राजभवन जाने से डरती हैं। गौर करने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को यह टिप्पणी पार्टी के दो नवनिर्वाचित विधायकों सायंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर असमंजस की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए की थी।
सीएम ने राजभवन जाकर शपथ समारोह में शामिल होने के राज्यपाल के निमंत्रण को स्वीकार न करने के उनके फैसले का समर्थन किया था। मुख्यमंत्री ने 28 जून को कहा था कि दो नवनिर्वाचित विधायक राजभवन क्यों जाएंगे? वैसे भी, राजभवन में जो कुछ हुआ है, उसके बाद महिलाएं वहां जाने से डर रही हैं। मुझे शिकायतें मिली हैं।
राज्यपाल दफ्तर ने दी थी कड़ी प्रतिक्रिया
इस पर 28 जून को राज्यपाल दफ्तर ने एक कड़े शब्दों वाला बयान जारी कर मुख्यमंत्री की इन टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि महिलाएं राजभवन जाने से डरती हैं। इसके बाद राज्यपाल बोस ने ममता बनर्जी और तीन अन्य नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ