ममता बनर्जी का माइक क्या नीति आयोग की बैठक में किया गया बंद? आरोपों पर सरकार ने दिया जवाब

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ममता बनर्जी का माइक क्या नीति आयोग की बैठक में किया गया बंद? आरोपों पर सरकार ने दिया जवाब

New Delhi: West Bengal CM Mamata Banerjee walks out of the NITI Aayog's ninth governing council meeting at President House in New Delhi on Saturday, July 27, 2024. (Photo: Anupam Gautam)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बीच से बाहर आ गईं। उन्होंने बैठक में अपने साथ 'राजनीतिक भेदभाव' किए जाने का आरोप लगाया। इस बैठक में ममता बनर्जी एक मात्र गैर बीजेपी शासित राज्य से आई मुख्यमंत्री थीं। INDIA ब्लॉक से ताल्लुक रखने वाले दूसरे मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक का बहिष्कार किया था। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली जरूर पहुंचे थे लेकिन वे बैठक में नहीं पहुंचे।

बहरहाल, बैठक शुरू होने के कुछ देर बाद ममता बनर्जी बीच में ही बाहर आ गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया। ममता ने आरोप लगाया कि वे केवल पांच मिनट ही बोल सकीं। इसके बाद उनका माइक बंद कर दिया गया।

ममता बनर्जी के आरोप

ममता बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, 'मैंने कहा कि आपको (केंद्र) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं बोलना चाहती थी लेकिन मेरा माइक म्यूट कर दिया गया था। मुझे केवल 5 मिनट के लिए बोलने की अनुमति दी गई। जबकि मुझसे पहले के लोगों ने 10-20 मिनट तक अपनी बात रखी।'

ममता ने कहा, 'विपक्ष से मैं अकेली थी जो भाग ले रही थी लेकिन फिर भी मुझे बोलने नहीं दिया गया। यह अपमानजनक है।' बैठक से पहले ममता बनर्जी ने कहा था कि वह केंद्रीय बजट में बंगाल के साथ हुए 'राजनीतिक भेदभाव' को बैठक में उठाना चाहती हैं।

ममता के आरोपों पर सरकार का जवाब

दूसरी ओर सरकार की तरफ से ममता बनर्जी के आरोपों को पूरी तरह से गलत और निराधार बताया है। सरकार की ओर से कहा गया कि ममता बनर्जी का माइक बंद नहीं किया गया था। नियमों के आधार पर उनके बोलने की बारी लंच के बाद आनी थी। लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें बैठक में सातवें वक्ता के रूप में बोलने का मौका दिया गया, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था।

भारत सरकार के संबंध में आने वाली भ्रामक खबरों का फैक्ट चेक करने वाली पीआईबी की फैक्ट चेक ईकाई ने इस संबंध में एक पोस्ट किया। पीआईबी फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर ममता बनर्जी के बयान को शेयर करते हुए कहा, 'यह दावा किया जा रहा है कि नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था। ये दावा भ्रामक है। घड़ी ने केवल यह दिखाया कि उनके बोलने का समय समाप्त हो गया था। यहां तक ​​कि इसे चिह्नित करने के लिए घंटी भी नहीं बजाई गई।'

पीआईबी फैक्ट चेक ने आगे बताया, 'अल्फाबेट के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की बारी (बैठक में भाषण देने की) दोपहर के भोजन के बाद आती। लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें सातवें वक्ता के रूप में बैठक में शामिल किया गया था, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था।'

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