मालदा हिंसा मामला: कलकत्ता हाईकोर्ट ने सुरक्षा सुनिश्चित करने का दिया आदेश, एसपी-डीएम से मांगी रिपोर्ट

यह घटना मालदा के मोथाबाड़ी क्षेत्र में हुई, जहां पहले मस्जिद के पास पटाखा फटने की घटना के बाद स्थिति बिगड़ गई। हिंसा की घटनाओं ने पूरे इलाके में तनाव पैदा कर दिया था।

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कलकत्ता उच्च न्यायालय। Photograph: (IANS)

कोलकाताः पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के मोथाबाड़ी में मस्जिद के पास कथित तौर पर पटाखे फटने के बाद हुई हिंसा के मामले में सुरक्षा के लिए आवेदन पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सुनवाई की। इस मामले में जिला एसपी और डीएम से रिपोर्ट मांगी गई है, और न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक को आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी। 

मालदा के मोथाबाड़ी में हुई हिंसा को लेकर वकील सूर्यनील दास ने याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने इसे एक सांप्रदायिक घटना बताया। याचिकाकर्ता कौस्तव बागची की ओर से दायर इस याचिका में बताया गया कि मस्जिद के पास पटाखा फटने के बाद मुस्लिम समुदाय ने हिंदू समुदाय के लोगों पर हमला किया था।

दास ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, "यह एक स्पष्ट सांप्रदायिक हिंसा थी, जिसमें हिंदू प्रतीकों वाली कारों को निशाना बनाया गया।" उन्होंने इसे धार्मिक घृणा से प्रेरित हमला करार दिया और कहा कि मुसलमानों द्वारा की गई इस हिंसा के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया है।

हाईकोर्ट ने सुरक्षा व्यवस्था पर दिए निर्देश

उन्होंने कहा कि इस मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सोमेन सेन और न्यायमूर्ति स्मिता दास डे की खंडपीठ ने सुरक्षा के हित में आदेश दिया और कहा कि यदि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्रीय बलों की आवश्यकता महसूस होती है, तो उन्हें तैनात किया जाएगा। न्यायालय ने इस संदर्भ में जिला एसपी और डीएम से रिपोर्ट मांगी है और यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस अधीक्षक को आदेश दिए हैं कि सांप्रदायिक अपराधों में आरोपित अपराधियों से लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

बता दें कि यह घटना मालदा के मोथाबाड़ी क्षेत्र में हुई, जहां पहले मस्जिद के पास पटाखा फटने की घटना के बाद स्थिति बिगड़ गई। हिंसा की घटनाओं ने पूरे इलाके में तनाव पैदा कर दिया था। उच्च न्यायालय द्वारा सुरक्षा व्यवस्था पर दिए गए आदेश से इलाके में शांति स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होने वाली है, जिसमें उच्च न्यायालय स्थिति की समीक्षा करेगा और आगामी कदमों पर विचार करेगा।

(यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएस फीड द्वारा प्रकाशित है। शीर्षक बोले भारत डेस्क द्वारा दिया गया है)

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