महाराष्ट्र साइबर विभाग ने कालाबाजारी से बचने के लिए कार्यक्रमों के लिए कड़े नियम जारी किए

कोल्डप्ले जैसे कॉन्सर्ट के टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग को लेकर बढ़ते विवाद के बीच महाराष्ट्र साइबर विभाग ने भविष्य में होने वाले आयोजनों के लिए नए नियम और सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने का फैसला किया है।

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महाराष्ट्र साइबर विभाग ने कालाबाजारी से बचने के लिए कार्यक्रमों के लिए कड़े नियम जारी किए। एआई इमेज

मुंबईः नवी मुंबई में हुए कोल्डप्ले कॉन्सर्ट के टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग को लेकर बढ़ते विवाद के बीच महाराष्ट्र साइबर विभाग ने भविष्य में होने वाले आयोजनों के लिए नए नियम और सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने का फैसला किया है। ये उपाय 15 दिसंबर से सभी ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफॉर्म्स पर अनिवार्य रूप से लागू होंगे।

मारून 5 कॉन्सर्ट को मिली एक बार की छूट

एक अधिकारी ने बताया कि 3 दिसंबर को होने वाले मारून 5 कॉन्सर्ट के लिए नाम-आधारित टिकटिंग की अनिवार्यता से छूट दी गई है, क्योंकि टिकटिंग प्लेटफॉर्म्स के पास इस व्यवस्था के लिए पर्याप्त समय नहीं है। हालांकि, 15 दिसंबर के बाद से सभी बड़े कॉन्सर्ट्स और आयोजनों के लिए यह प्रोटोकॉल लागू होगा।

नाम-आधारित टिकटिंग होगी अनिवार्य

साइबर विभाग ने कहा कि ब्लैक मार्केटिंग और टिकटों की अवैध बिक्री रोकने के लिए सभी आयोजनों में नाम-आधारित टिकटिंग लागू की जाएगी। टिकट पर दर्ज नाम की जांच आयोजन स्थल पर सरकारी आईडी से की जाएगी। साथ ही, यह नाम टिकट पर छपे क्यूआर कोड में भी एन्क्रिप्ट रहेगा, जिसे आसानी से सत्यापित किया जा सकेगा।

टिकटिंग प्लेटफॉर्म्स के लिए दिशानिर्देश

महाराष्ट्र साइबर विभाग ने बुकमायशो, पेटीएम इनसाइडर, और जोमैटो लाइव जैसे डिजिटल टिकटिंग प्लेटफॉर्म्स को नए नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है। इन दिशानिर्देशों में शामिल हैं:

एआई-आधारित सिस्टम का उपयोग: टिकट बिक्री के दौरान बॉट ट्रैफिक को पहचानने और वैध उपयोगकर्ताओं को प्राथमिकता देने के लिए।

वेटलिस्ट प्रणाली: लाइन में अनुशासन बनाए रखने और बार-बार कोशिश कर रहे उपयोगकर्ताओं पर नजर रखने के लिए।

संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी: जैसे एक ही मोबाइल नंबर, ईमेल, या भुगतान विधि से कई टिकटों की खरीद।

सोशल मीडिया निगरानी: टिकटों की अधिक कीमत पर रीसेल के मामलों की पहचान और रिपोर्टिंग।

गुप्त निगरानी: कॉन्सर्ट स्थल के आसपास अंडरकवर एजेंट्स की तैनाती, जो ब्लैक मार्केटिंग में लिप्त लोगों को पकड़ने में मदद करेंगे।

डायनामिक क्यूआर कोड और ओटीपी सत्यापन: टिकटिंग प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए।

टैम्पर-प्रूफ बैंड: प्रीमियम टिकटों की बिक्री पर नजर रखने के लिए।

ब्लैक मार्केटिंग पर लगेगी लगाम

साइबर विभाग ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 168 के तहत नोटिस जारी किया है, जो पुलिस को संगीन अपराधों को रोकने के लिए कार्रवाई करने की शक्ति देता है। नए प्रोटोकॉल के तहत, सभी टिकटों पर खरीदार का नाम होना अनिवार्य होगा और यह नाम सरकारी आईडी के साथ सत्यापित किया जाएगा।

एक अधिकारी ने कहा कि यह कदम ईवेंट आयोजकों और वास्तविक प्रशंसकों के हित में उठाया गया है। ऑनलाइन टिकट ब्लैक मार्केटिंग की बढ़ती समस्या के कारण कई बार प्रशंसकों को अपने पसंदीदा आयोजनों में शामिल होने का मौका नहीं मिल पाता है। नए प्रोटोकॉल से टिकट बिक्री में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

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