मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने मंगलवार को कहा कि नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा एक 'सुनियोजित घटना' लगती है। हिंसा की शुरुआत मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर किए गए प्रदर्शन के दौरान एक धार्मिक पुस्तक का अपमान किए जाने की अफवाहों के चलते हुई थी।
दरअसल, सोमवार को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल के 200 से अधिक सदस्यों ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर शहर में शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर मुगल बादशाह का पुतला जलाया, लेकिन इस प्रदर्शन के दौरान एक पवित्र पुस्तक के अपमान की अफवाह फैल गई।
हिंसा भड़कने के बाद मची अफतातफरी में चार पुलिसकर्मी घायल हुए और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलने के बाद कथित तौर पर 80-100 लोगों का एक समूह इकट्ठा हो गया था। पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया। नागपुर पुलिस ने कहा कि उन्होंने चिटनिस पार्क और महल इलाके में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया, जबकि हिंसा कोतवाली और गणेशपेठ तक फैल गई।
सीएम फड़नवीस ने विधानसभा में क्या कहा?
महाराष्ट्र विधानसभा में मुख्यमंत्री और गृह मंत्री फड़नवीस ने कहा, 'सुबह की घटना के बाद शांति छा गई थी। शाम आते-आते कुछ लोगों ने पूर्व नियोजित तरीके से हमला किया। हमें पत्थरों से भरी एक ट्रॉली मिली और हथियार भी मिले हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। चुनिंदा घरों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया।'
उन्होंने कहा, 'यह एक सुनियोजित घटना लगती है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस पर हमला करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस शांति बनाए रखने की कोशिश कर रही थी।'
साथ ही मुख्यमंत्री ने लोगों से संयम बनाए रखने की भी अपील की। उन्होंने कहा, 'यह ऐसा समय है जब सभी धर्मों के त्योहार चल रहे हैं। सभी को धैर्य रखना चाहिए और दूसरों का सम्मान करना चाहिए।'
छावा फिल्म का जिक्र
फड़नवीस ने कहा कि शिवाजी महाराज के बेटे के जीवन पर आधारित फिल्म 'छावा' छत्रपति संभाजी महाराज का वास्तविक इतिहास सामने लाती है। उन्होंने कहा, 'लेकिन लोगों की भावनाएं उमड़ रही हैं और वे औरंगजेब के खिलाफ गुस्सा दिखा रहे हैं। इसके बावजूद हमें संयम दिखाना चाहिए। महाराष्ट्र में निवेश हो रहा है और अगर हम कानून-व्यवस्था बनाए रखने में कामयाब रहे तो हमें निवेश मिलेगा। मैं सभी को चेतावनी देता हूं कि जो कोई भी कानून-व्यवस्था को बिगाड़ेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।'
महाराष्ट्र के सीएम ने विधानसभा में बताया कि नागपुर में हिंसा कैसे फैली। उन्होंने कहा कि सोमवार को सुबह 11.30 बजे वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नागपुर के महल इलाके में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और कब्र की प्रतिकृति जलाई।
एक अफवाह के बाद शुरू हुई हिंसा
सीएम फड़नवीस ने कहा, 'शाम तक अफवाह फैल गई कि प्रतीकात्मक कब्र के साथ धार्मिक पाठ वाला कोई पन्ना भी था, जिसे जलाया गया। इसके बाद 200-300 लोगों की भीड़ आक्रामक हो गई और नारे लगाने लगी।'
उन्होंने बताया, 'इससे पहले जो लोग बजरंग दल के खिलाफ मामला दर्ज कराना चाहते थे, उन्हें गणेशपेठ पुलिस स्टेशन बुलाया गया। जब पुलिस कार्रवाई कर रही थी, तब करीब 200-300 लोगों ने लाठियों से पथराव शुरू कर दिया और एक दर्जन दोपहिया वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया और कुछ लोगों पर हमला किया गया।'
वहीं, तीसरी घटना में 80-100 की भीड़ ने भलदलपुरा इलाके में पुलिस पर हमला किया और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने कहा, 'इस घटना में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें 3 डीसीपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं और उनमें से एक पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया। करीब 5 नागरिक घायल हुए हैं और उनमें से एक आईसीयू में है।'
फड़नवीस के अनुसार गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में तीन और तहसील पुलिस स्टेशन में दो मामले दर्ज किए गए हैं। इस बीच, शहर में हिंसा भड़कने के बाद नागपुर के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इनमें कोतवाली, गणेशपेट, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर पुलिस स्टेशनों के तहत आने वाले इलाके शामिल हैं।