मुंबई: महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे को नासिक जिला अदालत ने 30 साल पुराने एक मामले में दो साल जेल की सजा सुनाई है। कोकाटे को अदालत ने दस्तावेजों से छेड़छाड़ और धोखाधड़ी करने का दोषी पाया है। यह सजा मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोटे के तहत दो फ्लैटों के अवैध अधिग्रहण से जुड़ा है।

अदालत ने एनसीपी नेता कोकाटे पर पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इनके भाई सुनील कोकाटे को भी इसी तरह मामले में दोषी ठहराया गया था। यह पूरा मामला 1995 का है। यह केस पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले द्वारा शुरू किया गया था। उन्होंने कोकाटे भाइयों पर नासिक के येओलेकर माला में कॉलेज रोड पर स्थित निर्माण व्यू अपार्टमेंट में धोखाधड़ी से फ्लैट प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेज बनवाने का आरोप लगाया था। 

तीन बार के विधायक और पूर्व कांग्रेस नेता तुकाराम दिघोले 1999 के चुनाव में कोकाटे से हार गए थे। कोकाटे तब शिवसेना के टिकट पर पहली बार विधायक बने थे। दिघोले का 2019 में निधन हो चुका है।

क्या था कोकाटे पर आरोप?

आरोपों के अनुसार कोकाटे बंधुओं ने दावा किया था कि वे निम्न-आय वर्ग (एलआईजी) से हैं और उनके पास कोई अन्य संपत्ति नहीं है। इससे उन्हें मुख्यमंत्री के 10 प्रतिशत विवेकाधीन कोटा के तहत फ्लैट प्राप्त करने की अनुमति मिलती है। हालाँकि, जांच से पता चला कि इन लाभों को प्राप्त करने के लिए उन्होंने फर्जी दस्तावेज़ बनाए थे।

नासिक जिला और सत्र अदालत ने गुरुवार को दोनों भाइयों को दोषी ठहराया, जबकि एफआईआर में नामित दो अन्य को बरी कर दिया गया। अदालत में मौजूद माणिकराव कोकाटे ने कहा कि वह फैसले के खिलाफ आगे की अदालत में अपील करेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि उन्हें मामले में जमानत मिल गई है।

'मुझे जमानत मिल गई है'

प्रेस को दिए एक बयान में कोकाटे ने कहा, 'मुझे मामले में जमानत मिल गई है और आदेश के खिलाफ अपील दायर करूंगा।' कोकाटे सजा के इस ऐलान से पहले से विवादों में घिरे हुए हैं। हाल में वे किसानों के लिए 1 रुपये की फसल बीमा योजना के बारे में अपनी टिप्पणी को लेकर विवादों में थे। 15 फरवरी को अमरावती में एक सभा के दौरान उन्होंने कहा, 'भिखारी भी भीख में एक रुपया नहीं लेते, लेकिन सरकार इस रकम पर फसल बीमा दे रही है और इसका भी दुरुपयोग हो रहा है।'

दरअसल, एक रुपये की फसल बीमा योजना फ्रॉड के आरोपों से घिरी रही है। रिपोर्टों से संकेत मिलते हैं कि झूठे दावों के कारण 400,000 से अधिक फसल बीमा आवेदन खारिज कर दिए गए। कोकाटे ने स्वीकार किया है कि कुछ आवेदकों ने बीमा लाभ हासिल करने के लिए गैर-कृषि भूमि को कृषि भूमि के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने साथ ही जोर देकर कहा कि कोई नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि फर्जी आवेदनों के लिए कोई धनराशि हस्तांतरित नहीं की गई थी।

खतरे में कोकाटे का मंत्री पद!

बहरहाल, नासिक जिला अदालत के फैसले ने कोकाटे को मुश्किल में डाल दिया है। अब उनका मंत्री पद और विधायी पद दोनों खतरे में हैं। कानून के मुताबिक, दो साल या उससे अधिक जेल की सजा पाने वाला कोई भी जन प्रतिनिधि अपने पद पर नहीं बना रह सकता है।

नासिक जिले के सिन्नार से पांच बार विधायक रहे कोकाटे वर्तमान में अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से जुड़े हुए हैं। उनका राजनीतिक करियर कई पार्टियों से होकर गुजरा है। इससे पहले वे शिवसेना और कांग्रेस में भी रह चुके हैं। एनसीपी में विभाजन के बाद कोकाटे ने अजित पवार के साथ जाने का फैसला किया और बाद में महाराष्ट्र चुनाव के बाद कैबिनेट में अहम भूमिका मिली। वे अभी देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली सरकार में कृषि मंत्री हैं।