महाकुंभ: अंडरवाटर ड्रोन से लेकर AI कैमरा और एनएसजी कमांडो तक....सुरक्षा के कैसे हैं इंतजाम

महाकुंभ के दौरान 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में सुरक्षा के लिए एआई कैमरे सहित ड्रोन, एनएसजी कमांडो भी तैनात रहेंगे।

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Prayagraj: National Security Guard (NSG) commandos conduct a mock drill as part of the preparations for the Maha Kumbh 2025 at Boat Club in Prayagraj on Saturday, January 11, 2025. (Photo: IANS)

महाकुंभ में सुरक्षा के लिए एनएसजी कमांडो भी तैनात (फोटो- IANS)

प्रयागराज: महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। मकर संक्रांति के मौके पर पहले अमृत स्नान के दौरान संगम तट पर करोड़ो श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इस बार 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में प्रशासन ने बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था का भी इंतजाम किया है।

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने बताया कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होने वाले महाकुंभ में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं। इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रयागराज, मेला क्षेत्र और जिले को दूसरे क्षेत्रों से जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों पर भी मजबूत सुरक्षा ढांचा तैयार करने के निर्देश जारी किए थे।

महाकुंभ 2025: सुरक्षा के कैसे हैं इंतजाम

- मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप पुलिस ने सात महत्वपूर्ण मार्गों पर 102 चौकियों के साथ एक चक्राकार सुरक्षा प्रणाली स्थापित की है। सुरक्षा की व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने के लिए वाहनों और व्यक्तियों दोनों की जांच और तलाशी ली जा रही है।

- डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया है कि लगभग 40,000 पुलिस कर्मियों और साइबर अपराध विशेषज्ञों ने मेला स्थल पर भारी भीड़ के बीच सुरक्षा और मदद को बनाए रखने के लिए एआई द्वारा संचालित निगरानी का एक तंत्र तैयार रखा है।

- उत्तर प्रदेश पुलिस ने 71 निरीक्षकों, 234 उप-निरीक्षकों और 645 कांस्टेबलों सहित 1,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को प्रयागराज जिले को पड़ोसी जिलों से जोड़ने वाले सात मार्गों पर 102 चौकियों पर तैनात किया गया है।

- समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार पुलिस पानी के भीतर ड्रोन और एआई-सक्षम कैमरों सहित उन्नत तकनीक का भी सहारा ले रही है। कुंभ क्षेत्र के आसपास कुल 2,700 एआई कैमरे लगाए गए हैं और 113 अंडरवाटर ड्रोन जलमार्गों की निगरानी करेंगे।

- तैयारियों का जायजा लेने के लिए यूपी पुलिस के साथ-साथ राज्य आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), और प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) के सहयोग से कई मॉक ड्रिल भी की गई है।

इजराइली एंटी ड्रोन सिस्टम भी कर रहा निगरानी

आतंकी गतिविधियों और खासकर ड्रोन अटैक जैसी खतरों को भापते हुए विशेष तैयारी की गई है। यहां तक कि न्यूक्लियर, किसी तरह के केमिकल, जैविक, रेडियोलॉजिकल और धमाके जैसी घटनाओं से भी निपटने के इंतजाम किए गए हैं। इजराइली एंटी ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल किसी प्रकार के हवाई हमले से बचाव के लिए किया जा रहा है।

वहीं, अंडर वाटर यानी पानी के अंदर रहते हुए निगरानी करने वाले ड्रोन की बार करें तो ये बेहद खास है। नदी में 100 से 200 मीटर तक गहराई में यह ड्रोन अपने कैमरे की मदद से गतिविधी को कैद करेगा और जरूरत पड़ने पर अलर्ट जारी करेगा। यह ड्रोन तीन दिनों तक पानी के अंदर रह सकते हैं। तीन दिन बाद इसे कुछ देर के लिए पानी के बाहर लाकर फिर से पानी में भेजा जा सकता है। यह अंडर वाटर ड्रोन 24 घंटे निगरानी करेंगे। निगरानी के लिए ऐसे 16 ड्रोन इस्तेमाल में लाए जाएंगे।

फेस रिकग्निशन कैमरे से होगी अपराधियों की पहचान

मेले में फेस रिकग्निशन कैमरे भी लगाए गए हैं। इनकी मदद से मेले में आने वाले आतंकी या अपराधी आसानी से पहचाने जा सकेंगे। ये कैमरे मेले में हर शख्स पर नजर रखेंगे। अगर किसी का चेहरा पुलिस कंट्रोल रूम में मौजूद डेटा-बेस से मैच होता है तो ये कैमरे सक्रियता से उसे मॉनिटर करेंगे। यह अलर्ट मेले में मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को भी फोन के माध्यम से मिल जाएगा और मौके पर उस संदिग्ध को गिरफ्त किया जा सकेगा।

इन सबके अलावा 25 स्टीमर, क्रूज और जल पुलिस की बोट के जरिए 24 घंटे स्थिति की निगरानी रखी जाएगी। घुड़सवार पुलिस लगातार 24 घंटे मेला क्षेत्र में गश्त करेगी। इसके लिए 155 ट्रेंड घोड़ों की मदद ली जा रही है।

इसके अलावा किसी प्रकार के केमिकल, बायोलॉजिकल या न्यूक्लियर हमले जैसी स्थिति से निपटने के लिए विशेष टीमें तैनात की जा रही हैं। इसमें विशेषज्ञ, डॉक्टर सहित अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को रखा जाएगा।

इसके अलावा अगर किसी स्थान अचानक या कुछ मिनटों में अत्यधिक भीड़ जमा हो जाती है तो एआई कैमरे की मदद से इसका तत्काल पता चल जाएगा। इसके बाद क्विक रिएक्शन टीमें सक्रिय होकर ऐसी स्थिति में भीड़ का प्रबंधन करेंगी ताकि अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।

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